शिमला: अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे विक्रमादित्य सिंह ने बीते दिनों चंडीगढ़ पहुंचकर दो बार बागियों से मुलाकात की. विक्रमादित्य सिंह दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से भी मिले. लोक निर्माण मंत्री की दिल्ली और चंडीगढ़ दौड़ के बाद हुई मुलाकातों को लेकर प्रदेश में कई तरह की चर्चाएं भी चल रही थी. बुधवार को विक्रमादित्य सिंह सचिवालय पहुंचे और भाजपा में शामिल होने की खबरों को निराधार और चंडूखाने की खबरें करार दिया हैं.
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वह हर बात निष्पक्षता से जोर-शोर के साथ रखते हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश में सियासी हालात की जानकारी पहले मुख्यमंत्री को दी और फिर केंद्रीय आलाकमान की ओर से भेजे गए ऑब्जर्वर को भी हर स्थिति के बारे में बताया. ऑब्जर्वर ने जो जिम्मेदारी दी थी उसके तहत बागियों से मिले हैं.
'केंद्रीय आलाकमान द्वारा दी जिम्मेदारी पूरी की'
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बागियों का संदेश केंद्रीय आलाकमान तक और केंद्रीय आलाकमान का संदेश बागियों तक पहुंचाया. हालांकि वह मीडिया में खुलकर वे यह नहीं बताना चाहते कि उनकी क्या बात हुई है? उन्होंने कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है और इसे अंदर ही रहना चाहिए. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि केंद्रीय आलाकमान ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी थी, उन्होंने इसे पूरी निष्ठा के साथ निभाया है. अब गेंद केंद्रीय आलाकमान के पाले में है.
'आगे क्या होगा हाईकमान तय करेगा'
बागी विधायकों के सवाल पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह मामला अब देश की शीर्ष अदालत में विचाराधीन है. इसलिए इस पर बात करना उचित नहीं है. PWD मंत्री ने कहा कि उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी है. अब आगे क्या करना है या क्या होता है, यह हाईकमान तय करेगा. उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में ऐसी परिस्थितियां पहले भी कई बार बनी हैं. यह कोई नई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सियासत की जानकारी उन्होंने हिमाचल आए ऑब्जर्वर, कांग्रेस हाईकमान को दी है. आने वाले समय में देखेंगे कि उसका क्या परिणाम निकलता है. उन्होंने कहा कि जो वह बोलते है, वो एड्रेस भी हो जाता है और एड्रेस करवाकर रहेंगे.
'राजनीति में दरवाजे कभी बंद नहीं होते'
वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने बागी विधायकों की वापसी पर कहा कि राजनीति में कभी भी दरवाजे बंद नहीं होते हैं. संभावनाएं बनी रहती हैं कभी भी वापसी किसी की भी हो सकती है.
ये भी पढ़ें- पंचकूला में जेल की तरह कैद हैं बागी, अनुरोध करेंगे तो हम उन्हें लेकर आएंगे: सीएम सुक्खू