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बिजेथुआ महोत्सव; अयोध्या के साथ जय श्रीराम के गुणगान से गूंजेगा हनुमान जी का बिजेथुआ धाम - VIJETHUA MAHOTSAV SULTANPUR

Vijethua Mahotsav Sultanpur : यहीं पर हनुमानजी ने कालिनेमि राक्षस का वध किया था. आज से शुरू हो जाएगा महोत्सव.

बिजेथुआ महोत्सव की तैयारी.
बिजेथुआ महोत्सव की तैयारी. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 25, 2024, 8:50 AM IST

सुल्तानपुर : जौनपुर सीमा से सटे कालिनेमि राक्षस की वधस्थली विजेथुआ धाम का धार्मिक महत्व है. यहां दक्षिणमुखी हनुमान की भव्य मूर्ति विराजमान है. मान्यता है कि यहां पर हनुमान जी का एक पैर पाताल लोक तक गया है. इसका आकलन अभी तक नहीं किया जा सका है. यहां प्रत्येक शनिवार और मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. इस महोत्सव का आयोजन आज से शुरू हो जाएगा. यह 30 अक्टूबर तक चलेगा.

बिजेथुआ महोत्सव की जानकारी देते विवेक तिवारी. (Video Credit : ETV Bharat)

शास्त्रों में वर्णन के अनुसार त्रेतायुग में जब लक्ष्मण जी को बाण लगा था तो सुषेण वैद्य ने सूर्योदय होने से पहले हिमालय जाकर संजीवनी लाने की बात कही थी. इस पर पवन वेग से चलने वाले अंजनी पुत्र हनुमान को भगवान श्रीरामचंद्र ने हिमालय से संजीवनी लाने को कहा था. हनुमान जी हिमालय जा रहे थे. इस दौरान लंकापति रावण के आदेश पर कालिनेमि राक्षस ने साधु का भेष धारण यहीं पर रास्ता रोका था. इस दौरान हनुमान ने उसका वध कर दिया था और कालिनेमि राक्षस को अपने पैरों से दबाकर उसे पाताल लोक पहुंचा दिया.

मान्यता है कि इसके पश्चात् हनुमान जी पाप मुक्ति के लिए हत्याहरण में स्नान कर हिमालय की तरफ चले गए. तब से ही श्रद्धालु मकरी कुंड में स्नान कर हनुमान जी का दर्शन करने जाते हैं. बहरहाल तीन दिनों तक विजेथुआ महोत्सव मनाने की तैयारियां जोरों पर है. प्रशासन भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. महोत्सव के आयोजक सत्या माइक्रो कैपिटल के एमडी विवेक तिवारी ने बताया कि इस दौरान कथावाचक रामभद्राचार्य जी का तीन दिनों तक कार्यक्रम चलेगा. इसके अलावा देश को मशहूर शख्सियत कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे.

यह भी पढ़ें : सुल्तानपुर की दुर्गा पूजा महोत्सव में निकहत जहां बनीं मिसाल, देवी मां की पूजा के साथ शिद्दत से निभा रहीं जिम्मेदारियां

यह भी पढ़ें : मैं झुक जाता तो मसला खत्म हो जाता...बृजभूषण सिंह ने मंच से सुनाई शायरी

सुल्तानपुर : जौनपुर सीमा से सटे कालिनेमि राक्षस की वधस्थली विजेथुआ धाम का धार्मिक महत्व है. यहां दक्षिणमुखी हनुमान की भव्य मूर्ति विराजमान है. मान्यता है कि यहां पर हनुमान जी का एक पैर पाताल लोक तक गया है. इसका आकलन अभी तक नहीं किया जा सका है. यहां प्रत्येक शनिवार और मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. इस महोत्सव का आयोजन आज से शुरू हो जाएगा. यह 30 अक्टूबर तक चलेगा.

बिजेथुआ महोत्सव की जानकारी देते विवेक तिवारी. (Video Credit : ETV Bharat)

शास्त्रों में वर्णन के अनुसार त्रेतायुग में जब लक्ष्मण जी को बाण लगा था तो सुषेण वैद्य ने सूर्योदय होने से पहले हिमालय जाकर संजीवनी लाने की बात कही थी. इस पर पवन वेग से चलने वाले अंजनी पुत्र हनुमान को भगवान श्रीरामचंद्र ने हिमालय से संजीवनी लाने को कहा था. हनुमान जी हिमालय जा रहे थे. इस दौरान लंकापति रावण के आदेश पर कालिनेमि राक्षस ने साधु का भेष धारण यहीं पर रास्ता रोका था. इस दौरान हनुमान ने उसका वध कर दिया था और कालिनेमि राक्षस को अपने पैरों से दबाकर उसे पाताल लोक पहुंचा दिया.

मान्यता है कि इसके पश्चात् हनुमान जी पाप मुक्ति के लिए हत्याहरण में स्नान कर हिमालय की तरफ चले गए. तब से ही श्रद्धालु मकरी कुंड में स्नान कर हनुमान जी का दर्शन करने जाते हैं. बहरहाल तीन दिनों तक विजेथुआ महोत्सव मनाने की तैयारियां जोरों पर है. प्रशासन भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. महोत्सव के आयोजक सत्या माइक्रो कैपिटल के एमडी विवेक तिवारी ने बताया कि इस दौरान कथावाचक रामभद्राचार्य जी का तीन दिनों तक कार्यक्रम चलेगा. इसके अलावा देश को मशहूर शख्सियत कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे.

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