रांची: राजमहल लोकसभा सीट राज्य की एकमात्र ऐसी सीट रही है जहां 2014 और 2019 के मोदी लहर में भी भाजपा की झोली में नहीं गयी. यहां महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में झामुमो के उम्मीदवार विजय हांसदा की जीत हुई. लेकिन इस बार INDIA ब्लॉक की ओर से झामुमो उम्मीदवार के रूप में तीसरी बार विजय हांसदा चुनाव मैदान में हैं लेकिन उनकी राह इस बार उतनी आसान भी नहीं है. भाजपा की ओर से मजबूत प्रत्याशी ताला मरांडी से उनका मुकाबला है लेकिन इसके साथ साथ तीन बाधाएं ऐसी है जो विजय हांसदा के जीत की राह में रोड़े बन सकते हैं.
क्या है विजय हांसदा के जीत की राह में रोड़े
झारखंड की राजनीति को बेहद करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार कहते हैं कि भले ही 2014 और 2019 में विजय हांसदा राजमहल से जीत गए हों लेकिन इस बार उनके लिए लोकसभा पहुंचने की राह आसान नहीं है. राजेश कुमार की नजरों में 10 वर्षों में सांसद विजय हांसदा का कोई उल्लेखनीय काम नहीं रहा है. उनके सांसद के रूप में 10 वर्षों के एंटी इनकंबेंसी की वजह से जनता का कोई लगाव नहीं दिख रहा है.
लोबिन के कारण हो सकती है मुश्किल
राजेश कुमार कहते हैं कि इसके साथ-साथ इस बार झामुमो के ही विधायक लोबिन हेम्ब्रम की बगावती तेवर और राजमहल की सीट से उनके निर्दलीय उम्मीदवारी का नुकसान झामुमो और इंडिया ब्लॉक को उठाना पड़ सकता है.
गोपिन सोरेन और AIMIM के उम्मीदवारों से खतरा
राजमहल में युवा सांसद विजय हांसदा को इस बार चक्रव्यूह में फंसने की संभावना जताते हुए एक और वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं सीपीएम ने इस बार भी राजमहल सीट पर गोपिन सोरेन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि AIMIM की ओर से पॉल सोरेन उम्मीदवार हैं. अगर इन दोनों ने अपने अपने कोर वोटरों का वोट पाने में सफल हो गए और लोबिन हेम्ब्रम भी अच्छा खासा वोट पा लिया तो निश्चित रूप से विजय हांसदा की तीसरी जीत आसान नहीं रह पाएगी.
कोई चक्रव्यूह नहीं, संविधान बचाने और महंगाई बेरोजगारी के मुद्दे पर जनता एकजुट- कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा कि राजमहल में विजय हांसदा के साथ-साथ सभी 14 लोकसभा सीट पर INDIA की जीत तय है. उन्होंने कहा कि लोबिन हेम्ब्रम, सांसद के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी, AIMIM प्रत्याशी हो या सीपीएम के प्रत्याशी, इनका कोई असर लोकसभा चुनाव के नतीजे पर नहीं पड़ेगा.
हम अपने काम के आधार पर जीतेंगे राजमहल की सीट- भाजपा
राजमहल लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा प्रत्याशी ताला मरांडी की जीत पक्का बताते हुए कहा कि भले ही 2014, 2019 में भाजपा राजमहल में हार गई हो, लेकिन इस बार मोदी जी के 10 वर्षो के कार्यकाल में जो ऐतिहासिक काम हुए हैं. संथाल में लोग लव जिहाद, डेमोग्राफिक चेंज के खिलाफ जनता गोलबंद हैं. इसलिए नतीजा इस बार भाजपा के पक्ष में आना निश्चित है.
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