विदिशा। लटेरी के डुगरावनी में शासकीय माध्यमिक शाला की छत भर-भराकर गिर गई. छत गिरने से बड़ा हादसा इसलिए टल गया कि घटना रात के वक्त हुई यदि यही घटना दिन में हुई होती तो बच्चे भी इसकी चपेट में आ सकते थे और उनकी जान भी जा सकती थी. जिम्मेदारों को कई बार ऐसे जर्जर स्कूल भवनों की जानकारी दी जा चुकी है लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग और प्रशासन शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.
शिकायतों के बाद भी सुध नहीं
मीडिया द्वारा खबरें दिखाने के बाद भी जिम्मेदारों ने मामले को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया है. हाल ही में मीडिया ने लटेरी विकासखंड क्षेत्र में भवन विहीन शालाएं और क्षतिग्रस्त भवनों के मुद्दे को उठाया गया था. प्रशासन ने आश्वासन तो दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. अब उनारसी संकुल केंद्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम डुगरावनी की माध्यमिक शाला जो पहले से ही क्षतिग्रस्त थी, उसकी छत गिर गई है. गनीमत यह रही कि यह छत रात में गिरी है अगर स्कूल समय में गिरती तो शायद बड़ा हादसा हो सकता था.
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मामला संज्ञान में आया लेकिन साधी चुप्पी
बीईओ वीरेन्द्र सिंह बघेल ने बताया कि "संकुल केन्द्र उनारसी की डुगरावनी में शासकीय माध्यमिक स्कूल की रात में छत गिर गई है. इस स्कूल में कक्षा एक से 5वीं तक 36 और 6वीं से 8वीं तक 46 बच्चे दर्ज हैं. छत रात में गिरने से कोई जनहानि नहीं हुई है. स्कूल में दो कमरे और बरामदा है". बता दें कि जिम्मेदारों तक खबर की जानकारी पहुंच चुकी है लेकिन अब तक इन जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए कोई सुध नहीं ली जा रही है. इधर बीईओ से जब स्कूल भवन की मरम्मत को लेकर सवाल किया तो चुप्पी साध ली.