लखनऊ: प्रदेश के सभी राजकीय एवं स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में उप प्रधानाचार्य की नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी गई है. प्रदेश में 13 राजकीय एवं 28 स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय हैं.
कॉलेजों में प्रधानाचार्य नहीं होने पर किसी न किसी विभाग के प्रोफेसर को कार्यवाहक के रूप में जिम्मेदारी दी गई है. इसी तरह किसी प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई होने, उसके अवकाश पर जाने सहित अन्य मामलों में भी किसी न किसी को कार्यवाहक के रूप मे जिम्मेदारी दी जाती है. ऐसे में अब उप प्रधानाचार्य के पदों को तत्काल भरने की रणनीति अपनाई गई है.
प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यी कमेटी संबंधित कॉलेज के प्रोफेसरों के साक्षात्कार लेगी. उनकी प्रशासनिक क्षमता एवं दक्षता का आंकलन करते हुए उन्हें उप प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्ति देगी. ऐसे में प्रधानाचार्य की अनुपस्थिति में उप प्रधानाचार्य को जिम्मेदारी दी जा सकेगी. उन्होंने कहा कि इन कॉलेज में प्रधानाचार्य नहीं होने के कारण मेडिकल कॉलेज के संचालन में दिक्कतें आती हैं.
प्रधानाचार्य के नियुक्त होने के बाद मेडिकल कॉलेज का प्रबंधन सही तरीके से हो सकेगा. इसके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 13 राजकीय और 28 स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय हैं. सभी में उप प्रधानाचार्य नियुक्त किये जाएंगे.