गोरखपुर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को गोरखपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पूर्वांचल के पहले सैनिक स्कूल का लोकार्पण किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा, कि राष्ट्रवाद से समझौता राष्ट्र के साथ परम धोखा होगा. विकसित राष्ट्र बनाने के लिये जो हवन हो रहा है उसमें हम सभी को योगदान देना होगा. यह तभी संभव होगा जब व्यक्ति शिक्षित होगा. क्योंकि शिक्षा ही सन्मार्ग का रास्ता दिखाती है.
इस दौरान उप राष्ट्रपति ने सैनिक स्कूल के शिक्षा पर भी खूब चर्चा की. उन्होंने बताया, कि वह वर्ष 1961 में सैनिक स्कूल के विद्यार्थी रहे है. खुद को इस आयोजन में बतौर एक सैनिक विद्यार्थी के रूप में आमंत्रण पाकर वह गौरान्वित महसूस कर रहे है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया. उन्होंने बच्चों से कहा, कि डर को अपने मन से निकाल दो. आप डरोगे तो आपकी प्रतिभा कुंठित होंगी. असफलता, सफलता की कुंजी है. असफलता से घबराइए नहीं.
माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी के साथ जनपद गोरखपुर स्थित उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल के लोकार्पण कार्यक्रम में...@VPIndia https://t.co/pJ7agIO8V8
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 7, 2024
योगी की दृष्टि गिद्ध जैसी: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा, कि गोरखपुर के सैनिक स्कूल के निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर पर उन्होंने जो खर्च किया है, वह देश को लाभ जरूर दिलाएगा. यह सैनिक स्कूल दो काम अवश्य करेगा. हर राज्य को ऐसे स्कूल बनाने की प्रेरणा देगा और दूसरा छात्र संख्या पर भी काम होगा. उपराष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ तारीफ करते हुए कहा, जितनी जानकारी उनके ससुर ने उनके बारे में नहीं जुटा पाये थे, उससे ज्यादा जानकारी उन्हे यहां आमंत्रित करने से पहले योगी आदित्यनाथ ने उनके बारे में जुटायी. ऐसी दृष्टि किसी "गिद्ध" की ही हो सकती है.
176 करोड़ की लागत से बना स्कूल: उपराष्ट्रपति ने जिस सैनिक स्कूल का लोकार्पण किया, उसका निर्माण करीब 50 एकड़ भूमि पर 176 करोड़ की लागत से किया गया है. इसके मल्टीपरपज हाल से लेकर एक-एक कक्ष का नाम देश के वीर जवानों और पहले CDS बिपिन रावत के नाम पर हुआ है. पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से लैस यह सैनिक स्कूल अपनी कक्षाओं का संचालन दो माह पहले कर चुका है. लेकिन, इसका उद्घाटन भव्य तरीके से शनिवार को उपराष्ट्रपति के हाथों किया गया. स्कूल का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति ने स्कूल के शूटिंग रेंज में पिस्टल से निशाना भी लगाया. कई राउंड इन्होंने निशानेबाजी भी की.
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन में कहा, कि देश का पहला सैनिक स्कूल वर्ष 1960 में लखनऊ में प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने स्थापित किया था. उसके बाद देश में पांच सैनिक स्कूलों का निर्माण हुआ. लेकिन, गोरखपुर में जो सैनिक स्कूल बनकर तैयार हुआ है वह पूर्वांचल के तीन करोड़ की आबादी के बीच से, होनहारों को देश की सेवा के लिए तैयार करने का काम करेगा.
शिक्षा से समाज में आता है बदलाव: उपराष्ट्रपति ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा, कि शिक्षा वह माध्यम है जिससे समाज में बदलाव आता है. सामानता पैदा होती है. असमानताओं पर कुठाराघात शिक्षा के माध्यम से होता है. इस दौरान उन्होंने कहा, कि कहा कि जब मुख्यमंत्री उनके निवास पर उन्हें निमंत्रित करने के लिए गए थे, तो वह बेहद भाऊक हो गए थे. उन्हें गोरखपुर में आने का जो मौका मिला है उसके लिए वह योगी को धन्यवाद देते हैं.
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, गोरखनाथ मंदिर के पूर्व पीठाधीश्वर दिग्विजय नाथ का नाता भी राजस्थान से रहा है. लेकिन, मेरा संपर्क योगी के गुरु महंत अवेद्यनाथ से रहा है. उन्होंने कहा किया गोरखपुर का सौभाग्य है जब तीन दशक पहले वर्ष 1994 में बसंत पंचमी और मां सरस्वती के जन्मदिवस पर, गोरखपुर में एक महत्वपूर्ण घटना घटी और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने, योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया. जिस प्रकार उनके नेतृत्व में नाथ पंथ बुलंदियों की ओर मजबूती के साथ बढ़ रहा है, उसी प्रकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में भी वही बुलंद भूमिका निभा रहे हैं. जिससे लोगों को अद्भुत लाभ मिल रहा है. मैं गोरखपुर की पावन भूमि को नमन करता हूं.
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