कोटा : प्लेटफार्म पर अवैध रूप से खाद्य सामग्री या अन्य उत्पाद बेचने के मामले लगातार सामने आते रहे हैं. ऐसे में इन पर लगाम लगाने के लिए कोटा में रेलवे ने नया तरीका इजाद किया है, जिसमें हर प्लेटफार्म के वेंडर को अलग कलर कोडिंग दी गई है. पहले यह सभी वेंडर एक ही कलर की ड्रेस में होते थे, लेकिन अब अलग-अलग रंग के ड्रेस में नजर आएंगे. पहले लाइसेंसी फर्म के वेंडर दूसरे प्लेटफार्म पर जाकर भी अपना माल बेच दिया करता था, जिससे इनमें आपस में विवाद होता था. इसका फायदा उठाकर अवैध रूप से वेंडर्स भी अपना माल बेच जाया करते थे.
टी शर्ट पर भी लाइसेंस धारक का नाम चस्पा : कोटा रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य अधिकारी रोहित मालवीय का कहना है कि उन्होंने कोटा जंक्शन से इसकी शुरुआत की है, जिसके तहत प्लेटफार्म नंबर एक पर काली कलर की टीशर्ट में वेंडर्स नजर आएंगे, जबकि दो और तीन नंबर पर ऑरेंज कलर की टी शर्ट होगी. वहीं, चार नंबर पर नीले रंग की टी शर्ट और काली कलर की पेंट इन्हें पहननी होगी. इससे आसानी से इन वेंडर्स को पहचाना जा सकेगा. इसके अलावा इन टी शर्ट पर भी लाइसेंस धारक का नाम, यूनिट आईडी और पीएफ नंबर चस्पा करवाया जाएगा. यह भी आगे और पीछे दोनों तरफ चस्पा करवाई जाएगी.
आईडी कार्ड के लिए भी अलग कलर : रोहित मालवीय के अनुसार सभी वेंडर्स को गले में कलर कोड का आईडी कार्ड भी डालना होगा, जिसे भी शिफ्ट के अनुसार अलग-अलग कलर कोड दिया जाएगा. सुबह की शिफ्ट के लिए लाल, शाम की शिफ्ट में हरा और रात की शिफ्ट में नीला आईडी कार्ड इन्हें उपलब्ध करवाया जाएगा. कोटा रेल मंडल में करीब 66 लाइसेंस खानपान स्टॉल संचालित किया जा रहे हैं. रेलवे के अधिकारी इन्हें पहचान सकें और रेलवे सुरक्षा बल के जवान भी अवैध वेंडर्स की पहचान कर सकें, इसके लिए ये सब किया गया है.