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आप सब्जी खरीदने जा रहे हैं तो सम्भल जाइए, लापरवाही पड़ेगी भारी, जानिए वजह - Vegetables Price hike

अगर आप सब्जी खरीदने जा रहे हैं तो सम्भल जाइए, आपका बजट अब दोगुना हो सकता है. क्योंकि सब्जियों के दाम अचानक से बढ़ने लगे हैं. बीते सप्ताह और आज की तुलना में दाम दोगुने हो चुके हैं. 15 से 20 रुपये किलो मिलने वाली सब्जी अब सीधे 40 से 60 रुपये किलो हो गई है.

VEGETABLES PRICE HIKE
सब्जी की कीमत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 14, 2024, 7:56 PM IST

Updated : Jun 14, 2024, 8:02 PM IST

सब्जी की कीमतों में उछाल (ETV Bharat)

सरगुजा : मानसून आने में देरी और भीषण गर्मी का असर सब्जियों पर भी देखने को मिल रहा है. तेज गर्मी की वजह से सब्जियां 2-3 दिनों में ही सूखने या खराब होने लगी है. दुकानदार बताते हैं कि लोकल एरिया से सब्जी नहीं आ रही है. यहां से सब्जी बाहर जाने की वजह से लोकल मार्केट में दाम बढ़ गये हैं. जबकि एक सप्ताह पहले सब्जियां बहुत सस्ती थीं.

लोकल मार्केट में सब्जियों की आवक घटी : अम्बिकापुर के सब्जी व्यवसायी पिंटू गुप्ता ने बताया, "एक सप्ताह में सब्जियों के दाम डेढ़ गुना बढ़ गये हैं. पहले आलू-प्याज 15 रुपये, टमाटर 10 और बाकी ज्यादातर सब्जियां 15 से 20 रुपये किलो मिल रही थी. लेकिन अब प्याज 40, आलू 30, परवल 60, टमाटर 30, गोभी 60, बरबटी 60, भिंडी 40, पत्ता गोभी 30 रुपये किलो में मिल रही है. हरी मिर्च 80, अदरक और लहसुन 200 रुपए किलो हैं."

"सब्जी की कमी की वजह से रेट बढ़े हुए हैं. यहां से सब्जी बाहर जा रही है, जिसके चलते लोकल बाजार में सब्जी मिल नहीं रही है. इसी वजह से सब्जियों के दाम दोगुने बढ़ गए हैं. अभी छत्तीसगढ़ में ज्यादा फसल हुई है, तो यहां से बाहर जा रही है. जब यहां कम सफल होती है तो बाहर से सब्जी यहां आती है. ये समय-समय की बात है." - पिंटू गुप्ता, स्थानीय सब्जी व्यवसायी

अभी बारिश से पहले ही सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं तो बारिश आने पर आलम क्या होगा, यह सोंचने वाली बात है. क्योंकि बरसात के कुछ महीने सब्जियों की पैदावार कम हो जाती है. बाजार में लोकल सब्जियों का आना बहुत कम हो जाता है. बाहरी सब्जी पर ही बाजार निर्भर रहता है. स्थानीय किसान भी धान और मक्के की फसल लगाने में व्यस्त हो जाते हैं. ऐसे में मानसून आने के बाद सब्जियों के दाम और भी अधिक बढ़ सकते हैं.

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"सब्जी की कमी की वजह से रेट बढ़े हुए हैं. यहां से सब्जी बाहर जा रही है, जिसके चलते लोकल बाजार में सब्जी मिल नहीं रही है. इसी वजह से सब्जियों के दाम दोगुने बढ़ गए हैं. अभी छत्तीसगढ़ में ज्यादा फसल हुई है, तो यहां से बाहर जा रही है. जब यहां कम सफल होती है तो बाहर से सब्जी यहां आती है. ये समय-समय की बात है." - पिंटू गुप्ता, स्थानीय सब्जी व्यवसायी

अभी बारिश से पहले ही सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं तो बारिश आने पर आलम क्या होगा, यह सोंचने वाली बात है. क्योंकि बरसात के कुछ महीने सब्जियों की पैदावार कम हो जाती है. बाजार में लोकल सब्जियों का आना बहुत कम हो जाता है. बाहरी सब्जी पर ही बाजार निर्भर रहता है. स्थानीय किसान भी धान और मक्के की फसल लगाने में व्यस्त हो जाते हैं. ऐसे में मानसून आने के बाद सब्जियों के दाम और भी अधिक बढ़ सकते हैं.

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Last Updated : Jun 14, 2024, 8:02 PM IST
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