वाराणसी : एक लंबे इंतजार के बाद वाराणसी के राजातालाब में हाईटेक ट्रांसपोर्ट सिटी बसाने पर काम शूरू हो चुका है. वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) यहां कामर्शियल एक्टिविटी के लिए ट्रांसपोर्टर को प्लॉट उपलब्ध कराएगा. इसके साथ ही निम्न आय वर्ग के लिए 500 फ्लैट्स बनाने की भी योजना है. करीब 207 एकड़ में बसने वाली इस सिटी में सभी सुविधाएं मिलेंगी. ट्रांसपोर्ट सिटी में प्लॉट के लिए अगले महीने अक्टूबर से नीलामी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
दरअसल, 1998 में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने का प्रस्ताव आया था. इसके बाद योजना पर वर्ष 2000 में काम शुरू हुआ. वीडीए ने ट्रांसपोर्ट सिटी के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू किया. कुल 82 हेक्टेयर में ट्रांसपोर्ट सिटी बनाने की योजना है, जिसमें से 48 हेक्टेयर जमीन वीडीए के पास है, बाकी जमीन के लिए किसानों से बातचीत चल रही है. अभी तक पूर्वांचल के ट्रांसपोर्ट के काम का केंद्र बनारस का लहरतारा और राम कटोरा है. इस सिटी के बस जाने के बाद बनारस को जाम और भीड़भाड़ से निजात मिलेगी. वाराणसी के मोहनसराय हाइवे पर ट्रांसपोर्ट नगर में भूमि नीलामी की प्रक्रिया शुरू अगले महीने शुरू होने जा रही है. वाराणसी विकास प्राधिकरण बस बीएचयू आईआईटी की रिपोर्ट का इंतजार है. प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि शहर से बाहर राजातालाब क्षेत्र में 82 हेक्टेयर जमीन पर यह ट्रांसपोर्ट सिटी तैयार होगी.
योजना में 4 गांव शामिल : वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग का कहना है कि वीडीए की तरफ से शुरू की गई ट्रांसपोर्ट नगर योजना में चार गांव शामिल हैं. करनदंडी, मिल्कीचक, सराय मोहन और बैरावन. इस परियोजना का लक्ष्य चरण-1 के तहत लगभग 48 हेक्टेयर भूमि पर बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को विकसित किया जाएगा.
ट्रांसपोर्ट सिटी में मिलेंगी ये सुविधाएं : उपाध्यक्ष ने बताया कि इस परियोजना में बस स्टेशन, सार्वजनिक परिवहन के लिए एक केंद्र होगा. ट्रकों सहित अन्य वाहनों की पार्किंग के लिए अलग एरिया, धर्मकांटा, गैरेज, बॉडी शॉप और वेयरहाउस का सेगमेंट अलग होगा. इसके अलावा यात्रियों के ठहरने के लिए एक थ्री स्टार होटल और गेस्टहाउस इस योजना में शामिल है. सामाजिक आयोजन स्थलों में विवाह क्षेत्र, उत्सव के आयोजनों के लिए खानपान सुविधा भी यहां पर उपलब्ध करवाई जाएगी.
हर प्लॉट तक चौकी सड़कें : उपाध्यक्ष ने बताया कि यहां पर आवासीय क्षेत्र में ग्रुप हाउंसिंग के लिए आवंटित कुल भूमि क्षेत्र का 10% रिजर्व रखा गया है. इसके अलावा पार्क, हरित क्षेत्र और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के लिए आरक्षित भूमि क्षेत्र का 10% रहेगा. हर प्लॉट तक चौड़ी सड़कें, पीने योग्य पानी की सुविधा, सीवरेज (एसटीपी) और जल निकासी व्यवस्था, कुशल परिवहन और अन्य बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी.
रेरा में पंजीकृत ट्रांसपोर्ट सिटी : बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर योजना की शुरुआत काफी पहले हुई थी, लेकिन किसानों के विरोध और किसी न किसी अड़चन के कारण यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पा रहा था. ट्रांसपोर्ट सिटी योजना उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) में भी पंजीकृत हो चुकी है. जल्द ही यहां पर प्लॉट की नीलामी की सुविधा भी शुरू हो जाएगी.
बीएचयू तैयार कर रहा रिपोर्ट : उपाध्यक्ष पुलकित का कहना है कि इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय से करार किया है. यहां निर्माण की गुणवत्ता, सड़कों की गुणवत्ता के साथ पार्किंग से लेकर हर टेक्निकल चीज की पूरी रिपोर्ट आईआईटी बीएचयू तैयार कर रहा है. हमें उम्मीद है इस महीने के अंत तक यह रिपोर्ट हमें मिल जाएगी और अगले महीने से यहां पर हम प्लाट नीलामी की प्रक्रिया को शुरू कर देंगे, जो ऑनलाइन प्राधिकरण की वेबसाइट के जरिए होगी.
बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर में कुल 82 हेक्टेयर जमीन है, जिसमें अधिग्रहित जमीन पर VDA का कब्जा 48 हेक्टेयर में है. योजना के तहत 1194 किसानों को जोड़ा गया है. जिसमें से 413 किसान विरोध में हैं, लेकिन उन्हें भी साथ लाने की पूरी कोशिश की जा रही है. प्राधिकरण ने अब तक इस योजना में 34.42 करोड रुपए का मुआवजा दिया है.
कम होगा शहर का ट्रैफिक लोड : बताया कि यह सुविधा हर मामले में बेहतर होगी. वाराणसी के लहरतारा और रामकटोरा क्षेत्र में संचालित होने वाली ट्रांसपोर्ट एक्टिविटी को शहर से बाहर करने में यह बड़ी भूमिका निभाएगा. इतने बड़े एरिया में बनने वाले ट्रांसपोर्ट नगर में बड़े-बड़े गोदाम बनाए जाएंगे, ताकि ट्रांसपोर्टर अपनी गाड़ियों को सीधे आउटर से ले जाकर लोडिंग-अनलोडिंग का काम कर सकें. इससे शहर में ट्रैफिक का लोड भी काम होगा और ट्रांसपोर्टर को भी लाभ मिलेगा. प्राधिकरण के अधिकारियों को कहना है कि इसका बड़ा लाभ ट्रांसपोर्टर के साथ पब्लिक को भी मिलने वाला है, क्योंकि ट्रांसपोर्ट नगर के बाहर होने से ट्रैफिक की समस्या का बड़ा निराकरण होगा.
निम्न आय वर्ग के लिए बनेंगे 500 आवास : ट्रांसपोर्ट सिटी में निम्न आय वर्ग के लिए 500 फ्लैट्स भी बनाए जाएंगे. इन प्रोजेक्ट्स के अलावा प्राधिकरण जल्द ही बची हुई लगभग 34 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की भी तैयारी कर रहा है. इसमें मुआवजे को लेकर जो किसान विरोध में है उनका लगातार समझाने का प्रयास किया जा रहा है. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस मामले में किसानों से मुलाकात कर चुके हैं.
ट्रांसपोर्ट सिटी में शिफ्ट होगा रोडवेज बस अड्डा : वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में सबसे बड़ा लाभ वाराणसी के रोडवेज बस अड्डे की शिफ्टिंग होगी. कैंट एरिया में संचालित होने वाला रोडवेज बस स्टेशन इसी ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट होगा. एक सैटलाइट बस अड्डे के रूप में इसका संचालन दो हिस्सों में होगा. शहरी क्षेत्र में भी सिटी बस ट्रांसपोर्ट और बाहरी क्षेत्र में सैटलाइट बस के साथ बेसन के वर्कशॉप को भी यहां पर शिफ्ट किया जाएगा. जिससे शहर में ट्रैफिक का लोड कम हो जाएगा. लखनऊ की तरह आलमबाग और चारबाग दो बस अड्डों के संचालन की प्रक्रिया को वाराणसी में भी राजा तालाब और कैंट एरिया में आगे बढ़ाया जाएगा.