VARUTHINI EKADASHI 2024। मई महीने की शुरुआत हो चुकी है. मई के इसी महीने में वरुथिनी एकादशी पड़ रही है. ज्योतिष आचार्यों की मानें तो ये एकादशी बहुत विशेष एकादशी होती है. इस एकादशी में व्रत करने और फिर उसके बाद विधि विधान से पूजा-पाठ करने से कई लाभ होते हैं. इसीलिए इस एकादशी के दिन व्रत करने का विधान है. इस एकादशी को बहुत विशेष माना जाता है.
वरुथिनी एकादशी कब, क्यों है विशेष ?
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं की मई महीने में वैशाख कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि वरुथिनी एकादशी कहलाती है. ये बहुत विशेष एकादशी होती है और इस बार ये एकादशी 4 मई दिन शनिवार को पड़ रही है.
ज्योतिष आचार्य कहते हैं की शास्त्रों में ऐसा उल्लेख मिलता है की जो व्यक्ति वरुथिनी एकादशी का व्रत करते हैं. उन्हें कई लाभ मिलते हैं.
- ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं की वरुथिनी एकादशी के दिन अगर व्रत करते हैं, सच्चे मन से पूजा पाठ करते हैं, तो भगवान प्रसन्न होते हैं. तो उस घर में सोना, चांदी, जमीन, धन संपत्ति है, जो भी है वो घटता नहीं है, बल्कि साल दर बढ़ता ही जाता है. उसमें चमत्कारिक बदलाव देखने को मिलता है. वृद्धि देखने को मिलता है, इसलिए भी इस एकादशी की विशेष रूप से लोग प्रतीक्षा करते हैं. इस एकादशी के दिन व्रत और पूजा-पाठ करते हैं. भगवान को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं.
- वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत करने से जो जाने अनजाने में पाप हो जाते हैं, इस एकादशी का व्रत करने से पूजा पाठ करने से जो जातक ने पाप किए होते हैं. वो धुल जाते हैं. जिनके पास बगीचा है, ऐसे व्यक्तियों बगीचा फलों से भर जाता है. कुएं में जल की कमी नहीं होती. तालाब सूखता नहीं है. वरुथिनी एकादशी करने से वहां सब कुछ अच्छा होता है.
- वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत करने पूजा पाठ करने का चत्मकारिक फल मिलता है. जिस व्यक्ति के घर में काम रूके हुए हैं. पैसा भी लगा रहे फिर भी काम नहीं हो रहे, ऐसे व्यक्ति यदि वरुथिनी एकादशी का व्रत करते हैं, तो वो कार्य पूर्ण हो जाते हैं. हर तरह के कार्य जल्द से जल्द होते हैं.
- जिनका व्यवसाय नहीं चल रहा है पैसे की कमी आ जाती है, ऐसे व्यक्ति प्रातः कालीन स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करें. एकादशी का व्रत करें तो उनके व्यवसाय में बरक्कत होगी. धन का आगमन होगा और उन्नति उन्नत होगी.