नई दिल्ली: इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया (आईसीएआई) द्वारा घोषित सीए फाइनल के नतीजों में पूरे देश में 80 प्रतिशत अंकों के साथ दूसरी रैंक लाकर दिल्ली की वर्षा अरोड़ा ने अपने माता-पिता के साथ ही राज्य का नाम रोशन किया. पूर्वी दिल्ली के दिलशाद कॉलोनी इलाके में रहने वाली वर्षा ने वर्ष 2016 में इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) बनने की ओर रुख किया था. लेकिन फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के आईपी कॉलेज में स्नातक में दाखिला ले लिया. इसके चलते उन्होंने सीए की तैयारी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद शुरू की.
वर्षा ने बताया कि वर्ष 2021 से उन्होंने नियमित रूप से 8 से 10 घंटे पढ़ाई शुरू कर तैयारी की. उन्होंने तैयारी के लिए सेल्फ स्टडी और ऑनलाइन कोचिंग को अपनाया. इस तैयारी के लिए उनकी बड़ी बहन नेहा अरोड़ा जो आईआईटी दिल्ली से मैथमेटिक्स में पीएचडी कर रही हैं, उन्होंने काफी मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन किया. वर्षा के पिता अनिल अरोड़ा एक निजी कंपनी में अकाउंट मैनेजर हैं, जबकि उनकी मां पुष्पा अरोड़ा हाउसवाइफ हैं.
वर्षा ने बताया कि 2021 में जब उन्होंने यह ठान लिया कि सीए ही बनना है तो लगन के साथ तैयारी शुरू की. बीच में कोरोना के चलते कई बार पढ़ाई बाधित भी हुई. एक बार ऐसा भी लगा कि अब वो सीए नहीं बन पाएंगी. लेकिन, उस दौरान उनके परिवार माता-पिता और बहन ने काफी सपोर्ट किया. वर्षा ने बताया कि सीए फाउंडेशन में भी उनकी अच्छी रैंक आई थी. उसके बाद इंटरमीडिएट में भी अच्छा स्कोर रहा.
इंटरमीडिएट के बाद जब उन्होंने अपनी आर्टिकलशिप शुरू की तो 8 से 10 घंटे वहां ऑफिस में भी काम करना पड़ता था. उसके बाद घर आकर सीए फाइनल की तैयारी करती थी. परीक्षा से पहले लास्ट के एक महीने उन्होंने 12 से 14 घंटे तक भी पढ़ाई की. चार सब्जेक्ट की उन्होंने ऑनलाइन कोचिंग ली और दो सब्जेक्ट की उन्होने खुद से तैयारी की. गुरुवार को जब सीए फाइनल का रिजल्ट जारी हुआ तो उन्हें आईसीएआई के प्रेसिडेंट की ओर से कॉल करके बताया गया कि उनकी ऑल इंडिया में दूसरी रैंक आई है. उसके बाद वाइस प्रेसिडेंट का कॉल आया और फिर कमेटी मेंबर राज चावला का फोन आया.
वर्षा ने बताया कि उन्हें इतना विश्वास तो जरूर था कि वह पहले प्रयास में ही सीए निकाल देंगी. लेकिन इतनी उम्मीद नहीं थी कि उनकी ऑल इंडिया में दूसरी रैंक भी आ सकती है. वर्षा ने बताया कि पेपर काफी अच्छे गए थे. लेकिन, फिर भी मन में यह लगता है कि जिस तरह पेपर अच्छे गए हैं उस तरह से और भी बच्चे होंगे जिनके पेपर मुझसे भी अच्छे गए होंगे. वर्षा ने बताया कि अब आगे उनका लक्ष्य कॉर्पोरेट में जाकर करियर बनाना है. उसके बाद अन्य विकल्पों पर भी वह विचार करेंगी.
बता दें, वर्ष में दो बार आयोजित होने वाली सीए की परीक्षा में पहला परीक्षा परिणाम जनवरी में जारी हुआ था. जबकि मई में हुई सीए फाइनल की परीक्षा का परिणाम गुरुवार को जारी हुआ है. 1,16,072 अभ्यर्थी सीए फाइनल की परीक्षा में शामिल हुए थे, जिनमें से 20466 सीए के तौर पर पास हुए हैं. दिल्ली के ही रोहिणी के रहने वाले शिवम मिश्रा ने पूरे देश में सीए फाइनल में पहली रैंक प्राप्त की है.