ETV Bharat / state

चुनाव को लेकर विभिन्न समुदाय के लोगों ने तय किए अपने मुद्दे, जो करेगा समाधान उसे ही दिया जायेगा वोट - Lok Sabha elections

Issues for different communities in Ranchi. राजनीतिक दलों की तरह रांची में रहने वाले विभिन्न समुदाय के लोग भी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं. उन्होंने अपने मुद्दे तय कर लिए हैं जिसके आधार पर वे इस बार वोट करेंगे.

Issues for different communities in Ranchi
Issues for different communities in Ranchi
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 22, 2024, 12:59 PM IST

विभिन्न समुदाय के लोगों ने तय किए अपने मुद्दे

रांची: लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही सभी पार्टियां चुनावी तैयारी में लग गई हैं. विभिन्न समाज के लोग भी अपने वोट को लेकर गंभीर हैं. वे अपनी समस्याओं को लेकर एकजुट हो रहे हैं. रांची समेत पूरे राज्य में भूमिहार, क्षत्रिय, वैश्य, ब्राह्मण, सोनार (सुनार), आदिवासी, अल्पसंख्यक समेत विभिन्न समुदाय के लोग निवास करते हैं. लोकसभा चुनाव को लेकर विभिन्न वर्गों के लोगों से बात की गई. जिसमें वे इस बार अपनी-अपनी समस्याओं के आधार पर वोट देने की बात करते नजर आए.

सरकारी सुविधाओं के लाभ की मांग

केसरवानी समाज के संरक्षक प्रेम सागर केसरी का कहना है कि केसरवानी समाज वैश्य जाति की एक उपजाति है. झारखंड में केसरवानी समुदाय की आबादी करीब चार से पांच लाख है. लेकिन इसके बावजूद आज तक केसरवानी समाज को सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाया है. केसरवानी समुदाय रांची, हजारीबाग, गढ़वा, पलामू जैसे इलाकों में रहते हैं.

उन्होंने कहा कि उनके समाज की ओर से मांग की गई थी कि केसरवानी समाज को पिछड़ी जाति के एनेक्सचर-2 से एनेक्सचर-1 में शामिल किया जाए. जो पार्टी हमारी इस मांग को पूरा करेगी, हमारा समाज लोकसभा चुनाव में अपना वोट देकर उस पार्टी को जिताएगा.

राजनीतिक भागीदारी की मांग

वैश्य समुदाय से आने वाले साहू जाति के लोगों ने कहा कि झारखंड में हमेशा स्थानीय लोगों और मूलवासियों की उपेक्षा की गयी है. साहू समाज के धनीनाथ साहू ने कहा कि वर्तमान में हो रहे चुनावों पर नजर डालें तो प्रत्याशियों का चयन सामाजिक समर्थन के आधार पर नहीं हो रहा है.

रांची में वैश्य समाज के नेता के तौर पर काम कर रहे धनी नाथ साहू कहते हैं कि रांची लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां करीब चार से पांच लाख वैश्य समाज के लोग रहते हैं. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस एवं अन्य राजनीतिक दल साहू समाज की उपेक्षा कर इसे राजनीतिक भागीदारी से दूर रख रहे हैं.

समाज के लोगों ने की सुरक्षा की मांग

स्वर्णकार समाज की पैरवीकार नम्रता सोनी कहती हैं कि झारखंड के हर जिले में सोनार जाति के लोग रहते हैं. लेकिन झारखंड के स्वर्णकार समाज को उचित सम्मान नहीं मिल रहा है. उनकी सोसायटी में अमीर और संपन्न लोग रहते हैं. सुनार समाज के अधिकतर लोग सोने-चांदी के व्यवसाय से जुड़े हैं.

उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले स्वर्णकार समाज की मांग है कि उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाए क्योंकि आए दिन अपराधियों द्वारा सोने-चांदी की दुकानों पर लूटपाट और गोलीबारी की घटनाएं हो रही हैं. इससे स्वर्णकार समाज डरा हुआ है. स्वर्णकार समाज उस राजनीतिक दल को झारखंड में अपना महत्वपूर्ण वोट देकर जीत दिलाने का काम करेगा जो स्वर्णकार समाज की सुरक्षा की गारंटी देगा.

राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी की मांग

ब्राह्मण, भूमिहार और राजपूत समुदाय के लोग भी अपनी राजनीतिक भागीदारी की बात करते नजर आ रहे हैं. भूमिहार समुदाय के लोगों का कहना है कि राज्य में कई लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां भूमिहार जाति की संख्या लाखों में है. लेकिन इसके बावजूद भी इस समुदाय के लोग आज उपेक्षित हैं.

भूमिहार समुदाय के जीतेंद्र राय और बब्लू शुक्ला कहते हैं कि जिस तरह आदिवासी और कुर्मी समुदाय यहां के मूल निवासी हैं, उसी तरह भूमिहार समुदाय भी यहां के मूल निवासी हैं. लेकिन पिछले 24 वर्षों में भूमिहार समुदाय को झारखंड में अपनी राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी नहीं मिल पायी है.

उन्होंने कहा कि झारखंड के गिरिडीह, कोडरमा, देवघर, पलामू चतरा, बोकारो, लातेहार, धनबाद जैसे जिलों में भूमिहार समुदाय की संख्या लाखों में है, लेकिन इसके बावजूद आज भूमिहार समुदाय के युवा अंतिम पायदान पर हैं. उन्होंने कहा कि जो भी राजनीतिक दल उनके सामाजिक और राजनीतिक विकास की बात करेगा. भूमिहार समाज अपना वोट देकर लोकसभा तक पहुंचाने का काम करेगा.

आपको बता दें कि झारखंड में करीब 26 फीसदी आदिवासी जातियां रहती हैं. इसके अलावा करीब 18 फीसदी कुर्मी जाति के लोग हैं. इन्हीं दो जातियों के आधार पर झारखंड की राजनीतिक रूपरेखा तैयार होती है. लेकिन इस लोकसभा चुनाव में गैर आदिवासी जातियां भी अपने मताधिकार को लेकर गंभीर होती दिख रही हैं.

यह भी पढ़ें: Video Explainer: रांची लोकसभा सीट की कुछ अलग है बात, यहां कांग्रेस और बीजेपी की होती है जोरदार टक्कर

यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2024: रांची के युवाओं ने बताया किस मुद्दे पर करेंगे वोट, भ्रष्टाचार और रोजगार के मुद्दे पर भी रखी बात

यह भी पढ़ें: बेहतर झारखंड, एक सार्थक संवादः प्रदेश के विकास की पहल पर जोर, राज्य को एक पॉजिटिव सोच वाली सरकार की जरूरत- सांसद

विभिन्न समुदाय के लोगों ने तय किए अपने मुद्दे

रांची: लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही सभी पार्टियां चुनावी तैयारी में लग गई हैं. विभिन्न समाज के लोग भी अपने वोट को लेकर गंभीर हैं. वे अपनी समस्याओं को लेकर एकजुट हो रहे हैं. रांची समेत पूरे राज्य में भूमिहार, क्षत्रिय, वैश्य, ब्राह्मण, सोनार (सुनार), आदिवासी, अल्पसंख्यक समेत विभिन्न समुदाय के लोग निवास करते हैं. लोकसभा चुनाव को लेकर विभिन्न वर्गों के लोगों से बात की गई. जिसमें वे इस बार अपनी-अपनी समस्याओं के आधार पर वोट देने की बात करते नजर आए.

सरकारी सुविधाओं के लाभ की मांग

केसरवानी समाज के संरक्षक प्रेम सागर केसरी का कहना है कि केसरवानी समाज वैश्य जाति की एक उपजाति है. झारखंड में केसरवानी समुदाय की आबादी करीब चार से पांच लाख है. लेकिन इसके बावजूद आज तक केसरवानी समाज को सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाया है. केसरवानी समुदाय रांची, हजारीबाग, गढ़वा, पलामू जैसे इलाकों में रहते हैं.

उन्होंने कहा कि उनके समाज की ओर से मांग की गई थी कि केसरवानी समाज को पिछड़ी जाति के एनेक्सचर-2 से एनेक्सचर-1 में शामिल किया जाए. जो पार्टी हमारी इस मांग को पूरा करेगी, हमारा समाज लोकसभा चुनाव में अपना वोट देकर उस पार्टी को जिताएगा.

राजनीतिक भागीदारी की मांग

वैश्य समुदाय से आने वाले साहू जाति के लोगों ने कहा कि झारखंड में हमेशा स्थानीय लोगों और मूलवासियों की उपेक्षा की गयी है. साहू समाज के धनीनाथ साहू ने कहा कि वर्तमान में हो रहे चुनावों पर नजर डालें तो प्रत्याशियों का चयन सामाजिक समर्थन के आधार पर नहीं हो रहा है.

रांची में वैश्य समाज के नेता के तौर पर काम कर रहे धनी नाथ साहू कहते हैं कि रांची लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां करीब चार से पांच लाख वैश्य समाज के लोग रहते हैं. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस एवं अन्य राजनीतिक दल साहू समाज की उपेक्षा कर इसे राजनीतिक भागीदारी से दूर रख रहे हैं.

समाज के लोगों ने की सुरक्षा की मांग

स्वर्णकार समाज की पैरवीकार नम्रता सोनी कहती हैं कि झारखंड के हर जिले में सोनार जाति के लोग रहते हैं. लेकिन झारखंड के स्वर्णकार समाज को उचित सम्मान नहीं मिल रहा है. उनकी सोसायटी में अमीर और संपन्न लोग रहते हैं. सुनार समाज के अधिकतर लोग सोने-चांदी के व्यवसाय से जुड़े हैं.

उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले स्वर्णकार समाज की मांग है कि उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाए क्योंकि आए दिन अपराधियों द्वारा सोने-चांदी की दुकानों पर लूटपाट और गोलीबारी की घटनाएं हो रही हैं. इससे स्वर्णकार समाज डरा हुआ है. स्वर्णकार समाज उस राजनीतिक दल को झारखंड में अपना महत्वपूर्ण वोट देकर जीत दिलाने का काम करेगा जो स्वर्णकार समाज की सुरक्षा की गारंटी देगा.

राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी की मांग

ब्राह्मण, भूमिहार और राजपूत समुदाय के लोग भी अपनी राजनीतिक भागीदारी की बात करते नजर आ रहे हैं. भूमिहार समुदाय के लोगों का कहना है कि राज्य में कई लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां भूमिहार जाति की संख्या लाखों में है. लेकिन इसके बावजूद भी इस समुदाय के लोग आज उपेक्षित हैं.

भूमिहार समुदाय के जीतेंद्र राय और बब्लू शुक्ला कहते हैं कि जिस तरह आदिवासी और कुर्मी समुदाय यहां के मूल निवासी हैं, उसी तरह भूमिहार समुदाय भी यहां के मूल निवासी हैं. लेकिन पिछले 24 वर्षों में भूमिहार समुदाय को झारखंड में अपनी राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी नहीं मिल पायी है.

उन्होंने कहा कि झारखंड के गिरिडीह, कोडरमा, देवघर, पलामू चतरा, बोकारो, लातेहार, धनबाद जैसे जिलों में भूमिहार समुदाय की संख्या लाखों में है, लेकिन इसके बावजूद आज भूमिहार समुदाय के युवा अंतिम पायदान पर हैं. उन्होंने कहा कि जो भी राजनीतिक दल उनके सामाजिक और राजनीतिक विकास की बात करेगा. भूमिहार समाज अपना वोट देकर लोकसभा तक पहुंचाने का काम करेगा.

आपको बता दें कि झारखंड में करीब 26 फीसदी आदिवासी जातियां रहती हैं. इसके अलावा करीब 18 फीसदी कुर्मी जाति के लोग हैं. इन्हीं दो जातियों के आधार पर झारखंड की राजनीतिक रूपरेखा तैयार होती है. लेकिन इस लोकसभा चुनाव में गैर आदिवासी जातियां भी अपने मताधिकार को लेकर गंभीर होती दिख रही हैं.

यह भी पढ़ें: Video Explainer: रांची लोकसभा सीट की कुछ अलग है बात, यहां कांग्रेस और बीजेपी की होती है जोरदार टक्कर

यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2024: रांची के युवाओं ने बताया किस मुद्दे पर करेंगे वोट, भ्रष्टाचार और रोजगार के मुद्दे पर भी रखी बात

यह भी पढ़ें: बेहतर झारखंड, एक सार्थक संवादः प्रदेश के विकास की पहल पर जोर, राज्य को एक पॉजिटिव सोच वाली सरकार की जरूरत- सांसद

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.