वाराणसी : काशी और कबीर का गहरा नाता है. यह एक ऐसा शहर है जहां पर कबीर दास का जन्म हुआ. यहीं से वह सामान्य बालक से कबीर साहेब कहलाए. गुरु दीक्षा ली. इसे देखते हुए काशी में कबीर साहेब की थाती को सहेजने काम शुरू हो गया है. इसके तहत यहां एक कबीर म्यूजियम बनाया जाएगा. 19 से 21 जून तक काशी में कबीर प्राकट्य महोत्सव मनाया जाना है. इसी दौरान म्यूजियम का काम शुरू होने का अनुमान है. पूरी तरह इसके बनकर तैयार होने में 2 से 3 साल का वक्त लगेगा. प्रदेश सरकार ने इसके लिए 25 करोड़ देने की घोषणा की है. म्यूजियम में कबीर पंथियों की ओर से उनके जीवन से जुड़ी कहानियों को प्रस्तुत किया जाएगा.
बता दें कि सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कबीर साहेब के प्राकट्य स्थल लहरतारा पर एक म्यूजियम तैयार किया जाएगा जो उनके जीवन से जुड़ा होगा. दूसरी ओर मंडुआडीह में मौजूद कबीर मंदिर में कबीरपंथियों की ओर से जीवन दर्शन प्रोजेक्ट को भी शुरू किया जा रहा है. इसके तहत चित्रों के माध्यम से लोग कबीर दास के जीवन को जान व समझ सकेंगे. इसके साथ ही उनके शबदों को, गुरु वाणी को पत्थरों पर उकेरकर पूरे मंदिर में लगाया जा रहा है, ताकि उनके सामाजिक ताने-बाने को भी वर्तमान समय में लोग जान सके.
जीवनगाथा को आधुनिक तरीके से किया जाएगा प्रस्तुत : इस बारे में लहरतारा प्रकाट्य स्थल के महंत गोविंद दास बताते हैं कि इस पूरे परिसर में अलग-अलग विकास का कार्य किया जा रहा है. यहां पर 17 एकड़ का तालाब भी मौजूद है, जहां पर कबीर साहब का प्राकट्य हुआ था. इसी परिसर में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से म्यूजियम बनाने की घोषणा की गई है. इस म्यूजियम में उनके जीवन गाथा को आधुनिक तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा. उनकी गुरु वाणी को बाकायदा म्यूजिक के जरिए यहां आने वाले लोगों को सुनाया जाएगा. मौजूद स्कल्पचर, रंग बिरंगी लाइट इस म्यूजियम की खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ाएंगे. वह कहते हैं कि हमें उम्मीद है कि आगामी दिनों में यह म्यूजियम यहां पर जल्द साकार होता हुआ नजर आएगा.
जीवन दर्शन प्रोजेक्ट में दिखेगी कबीर के जीवन की कहानी : कबीरपंथी संत अधनाम बताते हैं कि मंदिर में कबीर पंथ की ओर से कबीर साहेब की थाती को सहेजने की तैयारी है. यहां पर बाकायदा उनके शबद, साखी, गुरु वाणी को पत्थरों पर उकेरा जा रहा है. पूरे परिसर में लगाया जा रहा है. ताकि वर्तमान युवा पीढ़ी उनके आदर्शों से रूबरू हो सके. इसके साथ ही उनके जीवन में जितनी भी घटनाएं हुईं हैं, वह जिन-जिन लोगों से मिले और उसकी क्या कहानी थी उसे भी बाकायदा चित्रों के माध्यम से तैयार किया जा रहा है. इस पूरे परिसर में इन चित्रों का अंकन किया जाएगा. उन्होंने बताया इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को कबीर से जोड़ना है.
गौरतलब हो कि 19 से 21 जून तारीख तक काशी में कबीर प्राकट्य महोत्सव मनाया जाएगा. इसकी तैयारियां जोरों शोरों पर चल रही है. इस महोत्सव में हजारों की संख्या में कबीरपंथियो का देश-विदेश व अलग-अलग स्थान से जुटाव होता हैं. इसी क्रम में जीवन दर्शन प्रोजेक्ट को भी शुरू किया जा रहा है.
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