वाराणसी : बनारस में पीएम मोदी के संसदीय इलाके से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू-मलेरिया के मामले बढ़ते जा रहे हैं. सितंबर-अक्टूबर के महीने में मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है. अब तक कुल 185 मरीज मिले हैं. इनमें से 100 शहरी क्षेत्रों के हैं. जिले में 24 से ज्यादा इलाकों को संवेदनशील घोषित किया गया है. मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. फीवर कैंप लगाने के साथ ही जांच की जा रही है.
जिले में जून से अगस्त महीने की तुलना में बात करें तो सितंबर-अक्टूबर में डेंगू के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं की गईं हैं. साथ ही, दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रहीं हैं. वहीं, ऐसे क्षेत्र जहां डेंगू का खतरा है वहां पर रसायन और दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अलर्ट होने के बाद भी मरीजों की संख्या बढ़ी है. ऐसे में विभाग और अधिक अलर्ट होकर कार्य कर रहा है.
शहरी क्षेत्र से मिले डेंगू के 100 मरीज : जिला मलेरिया अधिकारी एससी पांडेय ने बताया कि, अभी तक 185 मरीज मिले हैं. इनमें से 100 शहरी क्षेत्र से हैं. स्वास्थ्य केंद्रों पर साप्ताहिक फीवर कैंप लगाया जा रहा है. जहां लोगों को डेंगू, मलेरिया से बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है. जांच की व्यवस्था की जा रही है. संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों की टीम भी निगरानी की जा रही है. उन्होंने बताया कि मौसम बदलने से मच्छरों की संख्या में वृद्धि हुई है. इन्हें पनपने से रोकने की कार्रवाई की जा रही है. जिन क्षेत्रों में मरीज मिल रहे हैं, उन्हें वहीं चिकित्सा सुविधा दी जा रही है.
इन क्षेत्रों में सामने आए डेंगू के मामले : उन्होंने बताया कि, जिले के शहरी क्षेत्रों में पहाड़िया, सुसुवाही, प्रेम नगर कॉलोनी, भदैनी, बीएलडब्ल्यू कॉलोनी, बीएचयू कैंपस, हैदराबाद गेट, मारुति नगर कॉलोनी, सामने घाट, सत्संग नगर कॉलोनी सारनाथ, बुद्धनगर कॉलोनी सारनाथ, नटनियादाई एवं काजीसरांय में मामले आ रहे हैं. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र के पिंडरा ब्लाक में छतांव और भगवतीपुर गांव अराजीलाइन ब्लॉक में कोइली और लछिरामपुर, हरहुआ ब्लॉक में बिलवरिया और भगवानपुर, चिरईगांव में छनही, उमरहा, काशी विद्यापीठ ब्लॉक में कादीपुर और माधव और चोलापुर में चौबेपुर में मामले आए हैं. शहरी-ग्रामीण मिलाकर कुल 24 इलाके संवेदनशील घोषित किए गए हैं.
मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए अपनाएं ये तरीका : वाटर टैंक व कंटेनरों को ढंक कर रखें. घर के अंदर व आसपास पानी को जमा न होने दें. अनावश्यक कंटेनर, कबाड़, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने दें. प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी बदलें. बर्ड बाथ, फूलदान आदि में प्रत्येक सप्ताह पानी बदलें. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें. दिन के समय मच्छरों के काटने से बचने के लिए फुल सिलिव्स के कपड़े पहनें, बुखार आने पर चिकित्सक की सलाह पर दवा का उपयोग करें.
मलेरिया के लक्षण : 2-3 दिनों तक लगातार बुखार रहना. सिर और मांसपेशियों में दर्द रहना. तेज ठंड लगना. लगातार मतली आना. उल्टी होना. लगातार सूखी खांसी होना. दस्त होना. पेट के ऊपरी बाएं भाग में दर्द रहना. बिना खाए पेट भरा हुआ महसूस होना. थकान रहना.
डेंगू के लक्षण : अचानक तेज बुखार आन. सिर में तेज दर्द होना. आंखों के पीछे दर्द. जोड़ों, पेट और मांसपेशियों में गंभीर दर्द. जी मिचलाना. लगातार उल्टी होना, स्किन में चकत्ते पड़ना. थकान महसूस होना. सूजी हुई लिम्फ नोड्स, आंतरिक रक्तस्त्राव, पेट में तेज दर्द. तेजी से सांस लेना, मसूड़ों या नाक से खून आना, बेचैनी महसूस होना, बहुत प्यास लगना, पीली और ठंडी त्वचा, कमजोर महसूस होना.
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