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बीएचयू में जल्द शुरू होगी पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया, NTA ने यूनिवर्सिटी को भेजा डाटा - BHU PHD ADMISSION START SOON

परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के अनुसार 2024-25 के सत्र में पीएचडी के लिए 1500 से ज्यादा सीटों पर प्रवेश लिया जाएगा.

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वाराणसी बीएचयू में जल्द शुरू होगी पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 18, 2024, 6:29 PM IST

वाराणसी: वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आगामी एक सप्ताह में पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसको लेकर के एनटीए ने BHU को नेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का डाटा भी भेज दिया है. इसके बाद जल्द विश्वविद्यालय बुलेटिन जारी कर पीएचडी में प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया की शुरुआत कर देगा. बता दे कि छात्रों की मांग पर पीएचडी नियमों में बदलाव के लिए कमेटी का भी गठन किया गया है और कमेटी ने विश्वविद्यालय को रिपोर्ट भी जारी कर दी है. कुलपति की मुहर के बाद पीएचडी बुलेटिन में बदलाव कर ऑनलाइन पोर्टल पर प्रवेश का लिंक जारी कर दिया जाएगा.

पीएचडी के बुलेटिन में बदलाव को लेकर बीते दिनों जमकर छात्रों ने विरोध किया था. जिसके बाद कमेटी गठित कर रिपोर्ट तैयार की गई है. परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के अनुसार 2024-25 के सत्र में पीएचडी के लिए 1500 से ज्यादा सीटों पर प्रवेश लिया जाएगा. जिसमें चारों संबद्ध कॉलेजों में 100 से ज्यादा सीट होंगे. इसके साथ ही इस बार सिर्फ नेट जेआरएफ और पीएचडी के लिए क्वालिफाइड अभ्यर्थियों को ही इंटरव्यू का कॉल लेटर जारी किया जाएगा. इस बार रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट के तहत पीएचडी कोर्स में कोई भी प्रवेश नहीं लिया जाएगा.

75 फ़ीसदी उपस्थिति अनिवार्य

इसी क्रम में वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में प्री पीएचडी के कोर्स पर क्लास की शुरुआत हो गई है. जिसमें अब विद्यार्थियों की उपस्थिति 75 फ़ीसदी अनिवार्य कर दी गई है. बताते चले कि, पीएचडी में एडमिशन के बाद सबसे पहले 6 महीने तक कोर्स वर्क की क्लास चलाई जाती है. जिसमें पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों को निश्चित सिलेबस के अनुसार कक्षाएं चलाई जाती हैं. विश्वविद्यालय में यूजीसी की नई गाइडलाइन के अनुसार 75 फ़ीसदी तक उपस्थित विद्यार्थियों को दर्ज करानी होगी. इस पीएचडी कोर्स वर्क में 12 क्रेडिट की पढ़ाई अनिवार्य है और एक क्रेडिट के अध्ययन में 15 घंटे होते हैं.

जनवरी तक शुरू हो जाएंगी सभी क्लास

इसके साथ ही अब सभी अलग-अलग विषयों में शोध एडमिशन के बाद जनवरी तक सभी विषयों की वर्क क्लास शुरू कर दी जाएगी. विश्वविद्यालय प्रशासन की मानें तो इस सत्र में प्रवेश पा चुके गणित के छात्रों की कोर्स वर्क वाली क्लास 19 दिसंबर से चलाई जाएगी, वहीं समाजशास्त्र विभाग में प्रवेश लिए विद्यार्थियों की क्लास भी जल्द शुरू की जाएगी. शिक्षा शास्त्र विभाग में कोर्स वर्क की कक्षाएं 6 जनवरी से शुरू होगी. हिंदी विभाग में 7 जनवरी और अर्थशास्त्र में 16 दिसंबर से कक्षाएं शुरू की जाएंगी. इन विभागों में विद्यार्थियों को जल्द ही एनओसी लेकर के जमा करना होगा.

यह भी पढ़ें : गोरखपुर MMMUT ने हासिल की नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की सदस्यता, 11 भाषाओं की पुस्तकों को ऑनलाइन पढ़ सकेंगे छात्र

वाराणसी: वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आगामी एक सप्ताह में पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसको लेकर के एनटीए ने BHU को नेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का डाटा भी भेज दिया है. इसके बाद जल्द विश्वविद्यालय बुलेटिन जारी कर पीएचडी में प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया की शुरुआत कर देगा. बता दे कि छात्रों की मांग पर पीएचडी नियमों में बदलाव के लिए कमेटी का भी गठन किया गया है और कमेटी ने विश्वविद्यालय को रिपोर्ट भी जारी कर दी है. कुलपति की मुहर के बाद पीएचडी बुलेटिन में बदलाव कर ऑनलाइन पोर्टल पर प्रवेश का लिंक जारी कर दिया जाएगा.

पीएचडी के बुलेटिन में बदलाव को लेकर बीते दिनों जमकर छात्रों ने विरोध किया था. जिसके बाद कमेटी गठित कर रिपोर्ट तैयार की गई है. परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के अनुसार 2024-25 के सत्र में पीएचडी के लिए 1500 से ज्यादा सीटों पर प्रवेश लिया जाएगा. जिसमें चारों संबद्ध कॉलेजों में 100 से ज्यादा सीट होंगे. इसके साथ ही इस बार सिर्फ नेट जेआरएफ और पीएचडी के लिए क्वालिफाइड अभ्यर्थियों को ही इंटरव्यू का कॉल लेटर जारी किया जाएगा. इस बार रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट के तहत पीएचडी कोर्स में कोई भी प्रवेश नहीं लिया जाएगा.

75 फ़ीसदी उपस्थिति अनिवार्य

इसी क्रम में वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में प्री पीएचडी के कोर्स पर क्लास की शुरुआत हो गई है. जिसमें अब विद्यार्थियों की उपस्थिति 75 फ़ीसदी अनिवार्य कर दी गई है. बताते चले कि, पीएचडी में एडमिशन के बाद सबसे पहले 6 महीने तक कोर्स वर्क की क्लास चलाई जाती है. जिसमें पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों को निश्चित सिलेबस के अनुसार कक्षाएं चलाई जाती हैं. विश्वविद्यालय में यूजीसी की नई गाइडलाइन के अनुसार 75 फ़ीसदी तक उपस्थित विद्यार्थियों को दर्ज करानी होगी. इस पीएचडी कोर्स वर्क में 12 क्रेडिट की पढ़ाई अनिवार्य है और एक क्रेडिट के अध्ययन में 15 घंटे होते हैं.

जनवरी तक शुरू हो जाएंगी सभी क्लास

इसके साथ ही अब सभी अलग-अलग विषयों में शोध एडमिशन के बाद जनवरी तक सभी विषयों की वर्क क्लास शुरू कर दी जाएगी. विश्वविद्यालय प्रशासन की मानें तो इस सत्र में प्रवेश पा चुके गणित के छात्रों की कोर्स वर्क वाली क्लास 19 दिसंबर से चलाई जाएगी, वहीं समाजशास्त्र विभाग में प्रवेश लिए विद्यार्थियों की क्लास भी जल्द शुरू की जाएगी. शिक्षा शास्त्र विभाग में कोर्स वर्क की कक्षाएं 6 जनवरी से शुरू होगी. हिंदी विभाग में 7 जनवरी और अर्थशास्त्र में 16 दिसंबर से कक्षाएं शुरू की जाएंगी. इन विभागों में विद्यार्थियों को जल्द ही एनओसी लेकर के जमा करना होगा.

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