वाराणसी : श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में 50 पुजारियों की तनख्वाह अब राज्य कर्मचारियों के बराबर होने जा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि वरिष्ठ आचार्य को जहां 90 हजार वहीं, शुरुआती आचार्य और पुजारी को 65 हजार रुपये सैलरी मिलेगी. इसे लेकर काफी पुरानी पुजारी पूजा नियमावली के संशोधन को लेकर गुरुवार को हुई न्यास की बैठक में सहमति के साथ इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया है, जिसके बाद अब शासन स्तर पर इसको फाइनल अनुमति मिलने के बाद इन सारे पुजारी की तनख्वाह राज्य कर्मचारियों के बराबर होगी और उन्हें सारी सुविधाएं भी राज्य कर्मचारियों के समक्ष ही मिलेगी. न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय का कहना है कि इसके संशोधन और इसकी सहमति मिलने के बाद इस दिशा में अब कार्य तेजी से आगे बढ़ेगा. उन्हें भी अब वह सम्मानजनक राशि दी जाएगी, जिसके वह हकदार थे.
उन्होंने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में लगभग 4 दशक के बाद पुजारी सेवा नियमावली लागू करने का रास्ता साफ होता दिखाई दे रहा है. गुरुवार को 105वीं बैठक में इस पर चर्चा हुई और चर्चा के बाद इस पर सहमति भी मिल गई है. प्रदेश सरकार की तरफ से 1983 में मंदिर के अधिग्रहण के बाद इस नियमावली को लेकर लगातार मंथन चल रहा था, लेकिन अब तक यह तैयार नहीं हो सकी न ही इसे अनुमति मिली थी. इस नियमावली में पुजारी की नियुक्ति प्रक्रिया, इनका वेतनमान, सेवानिवृत्त समय समस्त बिंदुओं को शामिल करते हुए ऐसे 50 पुजारी को शामिल किया गया था. जिसमें प्रधान, कनिष्ठ और सहायक पुजारी की श्रेणी तय की गई है. न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने बताया कि मुख्य पुजारी को 90 हजार रुपये, कनिष्ठ पुजारी को 80 हजार और सहायक को 65 हजार का मानदेय दिया जाए ऐसा प्रस्ताव था, जिस पर सहमति बन गई है. नियुक्ति के लिए विज्ञापन भी जल्द जारी किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि 41 साल के बाद पुजारी सेवा नियमावली पर न्यास की बैठक में सहमति बनी है. इसमें कुल 50 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा इंश्योरेंस के लिए 10 हजार, सात हजार और पांच हजार अलग से दिए जाएंगे. इसके अलावा अन्य खर्च के नाम पर भी एक धनराशि तय की जाएगी. जिसमें वरिष्ठ पुजारी और पुजारी को चार हजार और कनिष्ठ पुजारी को दो हजार पेट्रोल और वाहन का खर्च दिया जाएगा. पुजारी को अवकाश साप्ताहिक अवकाश के साथ सेवानिवृत्त पर अनुग्रह राशि भी दी जाएगी.