वाराणसी : आईआईटी बीएचयू के छात्रों ने 1 लाख का पुरस्कार जीता है. यह पुरस्कार उन्हें कोयंबटूर में आयोजित Forge Innovation & Ventures, स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH) प्रतियोगिता में मिला है. इस प्रतियोगिता में चिकित्सा तकनीकी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण चुनौती को हल किया जाता है.
बता दें इस वर्ष के स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH) हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर संस्करण में 49 हजार 892 टीमों ने भाग लिया. जिनमें 2 लाख 99 हजार 352 छात्र विभिन्न उच्च शैक्षिक संस्थानों से शामिल थे. इन टीमों ने 254 समस्या बयानों को हल करने का प्रयास किया. जिन्हें विभिन्न सार्वजनिक और निजी संगठनों द्वारा प्रस्तुत किया गया था. भाग लेने वाली टीमों में से केवल शीर्ष 2% को SIH ग्रैंड फिनाले के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया. जिसमें BHU की टीम भी शामिल थी, जिसका नाम ‘हृदयम्’ था.
एंजियोग्राफी के विकल्प का टीम कर रही तलाश : आईआईटी बीएचयू कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अजय प्रताप ने बताया कि टीम ‘हृदयम्’, जो जैव चिकित्सा अभियांत्रिकी स्कूल के M.Tech और Ph.D. शोधार्थियों से बनी थी. मेडक टेक श्रेणी में केवल पांच शॉर्टलिस्टेड फाइनलिस्टों में से एक थी. इस श्रेणी का फोकस पारंपरिक एंजियोग्राफी के विकल्प के रूप में धमनियों में रुकावट का पता लगाने के लिए समाधान विकसित करने पर था. उनके नवाचारपूर्ण दृष्टिकोण को स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में निदान विधियों को क्रांतिकारी बनाने की संभावना के लिए पहचाना गया.
33 टीमों में हुआ चयन : प्रोफेसर डॉ. अजय प्रताप ने आगे बताया कि यह चुनौती स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH) 2024 का हिस्सा थी, जो शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ और AICTE द्वारा आयोजित एक प्रमुख पहल है और भारत का सबसे बड़ा नवाचार-प्रेरित मंच है. जहां छात्र वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करते हैं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने हार्डवेयर विकास के लिए पांच महत्वपूर्ण चुनौतियां प्रस्तुत की थीं. जिनमें 33 टीमों ने फाइनल में प्रतिस्पर्धा की. टीम ‘हृदयम्’ को इन 33 टीमों में से एक चुना गया, जो इन पांच महत्वपूर्ण समस्या बयानों में से एक का समाधान कर रही थी.
निदेशक ने दी बधाई : प्रोफेसर डॉ. अजय प्रताप बताते हैं कि टीम को IMS BHU द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त था. जिनका समर्थन और मार्गदर्शन उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह विजय न केवल IIT-BHU के छात्रों की नवाचार भावना को उजागर करती है, बल्कि संस्थान की जैव चिकित्सा क्षेत्र में अत्याधुनिक अनुसंधान और समाधान को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है. इस मौके पर IIT BHU के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने छात्रों को बधाई दी उनके प्रयासों की सराहना की है.