वाराणसी : बीएचयू विश्वविद्यालय जितना प्राचीन और ऐतिहासिक है उतनी ही प्राचीन उसकी लाइब्रेरी भी है. अब इस लाइब्रेरी में विद्यार्थियों के लिए नई सुविधा जुड़ गई है. इसके तहत 700 सीटों का विस्तार किया गया है. एक नए भवन को बनाकर उसे विद्यार्थियों को समर्पित किया गया है. बता दें कि विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक सयाजीराव गायकवाड़ पुस्तकालय की क्षमता में 700 सीटों का विस्तार हुआ है. इससे पुस्तकालय की क्षमता वर्ष 2021 के मुकाबले तकरीबन तीन गुना हो गई है.
भूतल तथा पांच मंजिला इस भवन में तकरीबन 50,000 पुस्तकों को रखने के लिए स्थान भी उपलब्ध हुआ है. पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. डीके सिंह ने कहा कि, विद्यार्थियों के लिए अध्ययन के लिए बैठने के स्थान की कमी लंबे समय से चुनौती बनी हुई थी. इसी को देखते हुए इस नए भवन को बनाया गया है, इसके बनने से छात्रों की समस्या अब दूर हो गई है. केंद्रीय पुस्तकालय का उन्नयन तथा आधुनिक सुविधाओं का विकास भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस योजना के तहत किया जा रहा है.
90 हजार ई बुक उपलब्ध : बताया कि पिछले तीन वर्ष में पुस्तकालय में सुविधाओं का निरंतर विकास व उन्नयन हुआ है. वर्ष 2021 में 850 विद्यार्थियों की क्षमता की तुलना में अब सयाजी राव केन्द्रीय ग्रंथालय की क्षमता तकरीबन 2500 विद्यार्थियों की हो गई है. बता दें कि, सयाजीराव गायकवाड़ केन्द्रीय पुस्तकालय में हर रोज़ तकरीबन 6000 से अधिक विद्यार्थी एवं शिक्षक आते हैं. यहां 15 लाख से अधिक पुस्तकें, 90,000 ई-पुस्तकें तथा 17,000 से अधिक शोध पत्र हैं.
सुबह 8 बजे खुलती है लाइब्रेरी : लाइब्रेरी हर रोज सुबह 8 बजे से अगले दिन सुबह 5 बजे तक खुली रहती है, जिससे विद्यार्थियों को काफी सुविधा होती है. वर्ष 2021 में साइबर लाइब्रेरी 15 घंटे ही खुलती थी. पुस्तकालय में सुविधाओं का विस्तार होने से विश्वविद्यालय के सदस्यों को काफी सहूलियत हो रही है. खासतौर से वंचित वर्गों से आने वाले विद्यार्थियों को आसानी हो रही है. पुस्तकालय को विद्यार्थियों के अनुकूल बनाने तथा सुविधाओं के विकास की दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं.
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