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ज्ञान की नगरी काशी में होता है 60 फीसदी से कम मतदान, छात्रों और प्रोफेसर्स ने निकाला वोटर अवेयरनेस मार्च

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Varanasi BHU News ) के छात्रों और प्रोफेसर्स ने वोटर अवेयरनेस मार्च निकाल कर लोगों मतदान के प्रति जागरूक करने की मुहिम चलाने की बात कही है. इस दौरान कार्यक्रम के संयोजक ने कहा कि ज्ञान की नगरी काशी में 60 फीसदी से कम मतदान दुर्भाग्य की बात है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 4, 2024, 1:29 PM IST

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों और प्रोफेसर्स ने वोटर अवेयरनेस मार्च निकाला. विश्वविद्यालय के सिंह द्वार से संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय, राष्ट्रीय सेवा योजना और जागृति फाउंडेशन के द्वारा यह मार्च निकाला गया. इसका उद्देश्य था कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपने मताधिकार का प्रयोग ही नहीं करते हैं. ऐसे लोगों को जगाने का काम किया जा रहा है. इस मार्च को निकालने वालों की यही कोशिश है कि बार काशी में शत प्रतिशत मतदान हो. कार्यक्रम के संयोजक रामयश मिश्र ने कहा कि जिस शहर में तीन बड़े विश्वविद्यालय हैं उस शहर काशी के लोग 60 फीसदी से कम ही मतदान करते हैं. यह दुर्भाग्य की बात है.


लोकसभा चुनाव 2024 अब काफी नजदीक है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी जीत की तैयारी में जुटी हुई हैं. वहीं वाराणसी से सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार बनारस से ही चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अब इन सब के बीच एक बहस छिड़ गई है कि बनारस की इतनी आबादी है और यहां पर तीन बड़े विश्वविद्यालय हैं. यानी एक साक्षर शहर होने के बावजूद भी काशी के लोग 60 फीसदी से कम ही मतदान करते हैं, जबकि ऐसे में तो हर किसी को मतदान करने के लिए बाहर आना चाहिए और विकास, रोजगार जैसे मुद्दों पर अपना वोट देना चाहिए. इसी लेकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रों और प्रोफेसर्स ने एक मार्च निकाला है.

तीन बड़े विश्वविद्यालय फिर भी मतदान कम : मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के संयोजक रामयश मिश्र ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि काशी सनातन और सांस्कृतिक नगरी है. इस शहर में वेद-पुराण के ज्ञाता हैं. इसी शहर में तीन बड़े विश्वविद्यालय काशी हिन्दू विश्वविद्यासलय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय हैं. इन विश्वविद्यालयों में देशभर के साथ ही विदेश से लोग ज्ञान लेने के लिए आते हैं, मगर हमारे लिए दुर्भाग्य की बात है इसी काशी शहर में मतदान का प्रतिशत 60% भी नहीं होता. BHU के लोग 30% वोट ही दे पाते हैं. ऐसे में अब लोगों को जागरूक करने के लिए इस अभियान को शुरू किया गया है.


बनारस में बसता है लघु भारत : काशी विश्वविद्यालय के एसपीए रामा पांडे ने कहा कि हम अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर एक अच्छी और मजबूत सरकार बनाएंगे. अपना वोट देने के साथ-साथ लोगों को भी वोट डालने के लिए प्रेरित करेंगे. वहीं, डॉ. आरएन मीणा ने कहा कि वोटिंग करना हर भारतीय नागरिक का सबसे बड़ा अधिकार है. बहुत से लोग अपने मताधिकार का प्रयोग ही नहीं करते हैं. हम लोगों की कोशिश है कि बार काशी में शत प्रतिशत मतदान हो. बनारस एक लघु भारत है, जहां पर हर प्रांत और हर भाषा बोलने वाले लोग निवास करते हैं. ऐसे में हर किसी को मतदान करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : BHU में 4 साल के ग्रेजुएशन कोर्स को मंजूरी, सीधे PHD कर सकेंगे छात्र, जानिए कब से मिलेगी सुविधा

यह भी पढ़ें : IIT BHU गैंगरेप के आरोपी रोज रात 12 बजे कैंपस में घूमते थे, पुलिस ने ऐसे जुटाए सबूत

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों और प्रोफेसर्स ने वोटर अवेयरनेस मार्च निकाला. विश्वविद्यालय के सिंह द्वार से संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय, राष्ट्रीय सेवा योजना और जागृति फाउंडेशन के द्वारा यह मार्च निकाला गया. इसका उद्देश्य था कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपने मताधिकार का प्रयोग ही नहीं करते हैं. ऐसे लोगों को जगाने का काम किया जा रहा है. इस मार्च को निकालने वालों की यही कोशिश है कि बार काशी में शत प्रतिशत मतदान हो. कार्यक्रम के संयोजक रामयश मिश्र ने कहा कि जिस शहर में तीन बड़े विश्वविद्यालय हैं उस शहर काशी के लोग 60 फीसदी से कम ही मतदान करते हैं. यह दुर्भाग्य की बात है.


लोकसभा चुनाव 2024 अब काफी नजदीक है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी जीत की तैयारी में जुटी हुई हैं. वहीं वाराणसी से सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार बनारस से ही चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अब इन सब के बीच एक बहस छिड़ गई है कि बनारस की इतनी आबादी है और यहां पर तीन बड़े विश्वविद्यालय हैं. यानी एक साक्षर शहर होने के बावजूद भी काशी के लोग 60 फीसदी से कम ही मतदान करते हैं, जबकि ऐसे में तो हर किसी को मतदान करने के लिए बाहर आना चाहिए और विकास, रोजगार जैसे मुद्दों पर अपना वोट देना चाहिए. इसी लेकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रों और प्रोफेसर्स ने एक मार्च निकाला है.

तीन बड़े विश्वविद्यालय फिर भी मतदान कम : मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के संयोजक रामयश मिश्र ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि काशी सनातन और सांस्कृतिक नगरी है. इस शहर में वेद-पुराण के ज्ञाता हैं. इसी शहर में तीन बड़े विश्वविद्यालय काशी हिन्दू विश्वविद्यासलय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय हैं. इन विश्वविद्यालयों में देशभर के साथ ही विदेश से लोग ज्ञान लेने के लिए आते हैं, मगर हमारे लिए दुर्भाग्य की बात है इसी काशी शहर में मतदान का प्रतिशत 60% भी नहीं होता. BHU के लोग 30% वोट ही दे पाते हैं. ऐसे में अब लोगों को जागरूक करने के लिए इस अभियान को शुरू किया गया है.


बनारस में बसता है लघु भारत : काशी विश्वविद्यालय के एसपीए रामा पांडे ने कहा कि हम अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर एक अच्छी और मजबूत सरकार बनाएंगे. अपना वोट देने के साथ-साथ लोगों को भी वोट डालने के लिए प्रेरित करेंगे. वहीं, डॉ. आरएन मीणा ने कहा कि वोटिंग करना हर भारतीय नागरिक का सबसे बड़ा अधिकार है. बहुत से लोग अपने मताधिकार का प्रयोग ही नहीं करते हैं. हम लोगों की कोशिश है कि बार काशी में शत प्रतिशत मतदान हो. बनारस एक लघु भारत है, जहां पर हर प्रांत और हर भाषा बोलने वाले लोग निवास करते हैं. ऐसे में हर किसी को मतदान करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

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