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बांग्लादेश हिंसा; कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने यूनाइटेड नेशन को लिखा पत्र, कहा- हिंदुओं की रक्षा हो - BANGLADESH VIOLENCE

Bangladesh Violence : देवकीनंदन ठाकुर का कहना है कि भगवा या अन्य वस्त्र धारण कर लेने से ही कोई संत नहीं हो जाता.

कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर.
कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 5, 2024, 7:29 AM IST

वाराणसी : कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने बांग्लादेश हिंसा मामले में यूनाइटेड नेशन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के नाम एक लेटर लिखा है. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और लगातार हमले और महिलाओं के साथ हो रही बर्बरता को दृष्टिगत रखते हुए संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि वर्तमान बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति को लेकर सनातन न्यास फाउंडेशन ने यूनाइटेड नेशन को लेटर लिखा है.

कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर. (Video Credit : ETV Bharat)

वाराणसी में देवकीनंदन ठाकुर का संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में कथा का कार्यक्रम है. इसमें पहुंचे कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि बांग्लादेश में जिस तरह से हिंदू समाज के लोगों पर लगातार अत्याचार और हमले हो रहे हैं, वे निंदनीय हैं. आगजनी और महिलाओं के साथ बच्चों संग हो रही बर्बरता निश्चित तौर पर मानवता को शर्मसार करने वाली है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र संघ के हस्तक्षेप की जरूरत है, क्योंकि जब समाज में स्त्रियों और बच्चे सुरक्षित नहीं होंगे हमारे पूजा स्थल सुरक्षित नहीं होंगे तो फिर मानवता की क्या बात की जाएगी.

देवकीनंदन ठाकुर का कहना है कि भारतीय संस्कृति का नाश करने वाले बॉलीवुड की भूमिका इस मामले में सर्वोपरि मानी जा सकती है. हालांकि उन्होंने गोधरा कांड पर बनी फिल्म साबरमती एक्सप्रेस का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसी फिल्में समाज में सभी को देखनी चाहिए. वह भी उन सच्चाई को बताने वाली जिनको अब तक छुपा कर रखा गया था. देवकीनंदन ठाकुर का कहना है कि संत की पहचान उसके वेशभूषा से नहीं बल्कि उसके कर्मों से होती है. भगवा या अन्य वस्त्र धारण कर लेने से ही कोई संत नहीं हो जाता. सच्चा संत मान-अपमान दोनों सहन कर लेता है और दूसरे के सुख पर करुणा करने वाला होता है.

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में चल रही कथा के दौरान देवकीनंदन ठाकुर ने व्यास पीठ से कहा कि हर मंदिर हर संस्थान अपने मन में ठान ले कि हमें सनातन बोर्ड चाहिए तो सनातन बोर्ड बनकर रहेगा. उन्होंने सनातन बोर्ड का समर्थन करते हुए कहा कि बनारस में ही 115 साल पुराने कॉलेज को नोटिस भेजकर बोर्ड ने अपना अधिकार जमाने की कोशिश की है. इसलिए सनातन बोर्ड हमें चाहिए ही चाहिए, क्योंकि कुछ दिन बाद यह लोग विश्वनाथ मंदिर को भी नोटिस भेज देंगे. उन्होंने कहा पूरे देश में मैं घूम-घूमकर इस बात का समर्थन कर रहा हूं कि सनातन बोर्ड पर सभी को मंथन करना जरूरी है.

यह भी पढ़ें : बांग्लादेश हिंसा: गिरफ्तार चिन्मय दास को पैरवी के लिए नहीं मिला वकील, जमानत पर सुनवाई टली

यह भी पढ़ें : बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार के विरोध में लखनऊ में निकाला जुलूस, कहा- भारत सरकार उठाए जरूरी कदम, पीड़ितों को शरण मिले - Bangladesh violence

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कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर. (Video Credit : ETV Bharat)

वाराणसी में देवकीनंदन ठाकुर का संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में कथा का कार्यक्रम है. इसमें पहुंचे कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि बांग्लादेश में जिस तरह से हिंदू समाज के लोगों पर लगातार अत्याचार और हमले हो रहे हैं, वे निंदनीय हैं. आगजनी और महिलाओं के साथ बच्चों संग हो रही बर्बरता निश्चित तौर पर मानवता को शर्मसार करने वाली है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र संघ के हस्तक्षेप की जरूरत है, क्योंकि जब समाज में स्त्रियों और बच्चे सुरक्षित नहीं होंगे हमारे पूजा स्थल सुरक्षित नहीं होंगे तो फिर मानवता की क्या बात की जाएगी.

देवकीनंदन ठाकुर का कहना है कि भारतीय संस्कृति का नाश करने वाले बॉलीवुड की भूमिका इस मामले में सर्वोपरि मानी जा सकती है. हालांकि उन्होंने गोधरा कांड पर बनी फिल्म साबरमती एक्सप्रेस का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसी फिल्में समाज में सभी को देखनी चाहिए. वह भी उन सच्चाई को बताने वाली जिनको अब तक छुपा कर रखा गया था. देवकीनंदन ठाकुर का कहना है कि संत की पहचान उसके वेशभूषा से नहीं बल्कि उसके कर्मों से होती है. भगवा या अन्य वस्त्र धारण कर लेने से ही कोई संत नहीं हो जाता. सच्चा संत मान-अपमान दोनों सहन कर लेता है और दूसरे के सुख पर करुणा करने वाला होता है.

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में चल रही कथा के दौरान देवकीनंदन ठाकुर ने व्यास पीठ से कहा कि हर मंदिर हर संस्थान अपने मन में ठान ले कि हमें सनातन बोर्ड चाहिए तो सनातन बोर्ड बनकर रहेगा. उन्होंने सनातन बोर्ड का समर्थन करते हुए कहा कि बनारस में ही 115 साल पुराने कॉलेज को नोटिस भेजकर बोर्ड ने अपना अधिकार जमाने की कोशिश की है. इसलिए सनातन बोर्ड हमें चाहिए ही चाहिए, क्योंकि कुछ दिन बाद यह लोग विश्वनाथ मंदिर को भी नोटिस भेज देंगे. उन्होंने कहा पूरे देश में मैं घूम-घूमकर इस बात का समर्थन कर रहा हूं कि सनातन बोर्ड पर सभी को मंथन करना जरूरी है.

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