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अयोध्या जाने वाली वंदे भारत को नहीं मिल रहे यात्री, अब लखनऊ से इंटरसिटी के रूप में चलाने का प्लान

अयोध्या के लिए संचालित की गईं दोनों वंदे भारत ट्रेन की सीटें खाली जा रही हैं. इसे देखत हुए रेलवे अफसर इसे लखनऊ से अयोध्या तक इंटरसिटी के रूप में चलाने का प्लान बना रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 2, 2024, 7:38 PM IST

उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक एसएम शर्मा का भी मानना है कि ऑक्युपेंसी वर्तमान में 70 से 80 फीसदी ही है.

लखनऊ : अयोध्या में भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं. अयोध्या में भीड़ को संभालना मुश्किल हो रहा है, लेकिन गोरखपुर और आनंद विहार से अयोध्या के लिए जो वंदे भारत ट्रेन संचालित की जा रही हैं, उसकी 20 से 30 % सीटें अब भी खाली ही रह जा रही हैं. अब प्लान बनाया जा रहा है कि लखनऊ से अयोध्या के बीच इंटरसिटी के रूप में वंदे भारत संचालित की जाए, जिससे ऑक्युपेंसी बढ़ सके.

गोरखपुर से लखनऊ होते हुए अयोध्या के लिए देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल हरी झंडी दिखाई थी. लेकिन जिस उम्मीद के साथ रेलवे ने यह हाईटेक ट्रेन पटरी पर उतारी थी, उस पर यह खरी नहीं उतरी. शुरुआत में तो यात्रियों ने इस ट्रेन की खूबी देखने और समझने के लिए यात्रा की, लेकिन धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या कम होती चली गई. आलम यह है कि ट्रेन की 20 से 30 फीसदी सीटें खाली रह जाती हैं. दूसरी तरफ अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ बेकाबू है लेकिन ये वंदे भारत के बजाय अन्य ट्रेनों से ही सफर कर अयोध्या पहुंच रहे हैं.

अब अधिकारी बना रहे इंटरसिटी का प्लान

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सफल न होने के पीछे रेलवे के अधिकारी एक बड़ी वजह इसके महंगे किराए को मानते हैं. अधिकारियों का मानना है कि ज्यादा किराया होने की वजह से हर वर्ग के यात्री वंदे भारत ट्रेन में सफर करने के बारे में सोच ही नहीं सकते. यही वजह है कि ट्रेनों की सीटें नहीं भरती हैं. ऐसे में अधिकारी रेलवे बोर्ड को यह सलाह देने की तैयारी कर रहे हैं कि अगर लखनऊ से अयोध्या के बीच इंटरसिटी की तर्ज पर वंदे भारत का संचालन किया जाए तो निश्चित तौर पर यह ट्रेन श्रद्धालुओं की पसंदीदा ट्रेन बन जाएगी. इस पर विचार भी हो रहा है. रेलवे बोर्ड में इसके लिए प्रस्ताव भेजने की भी तैयारी हो रही है.

जल्द प्रयागराज तक जाएगी वंदे भारत

गोरखपुर से अयोध्या होते हुए लखनऊ आने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को लखनऊ से आगे प्रयागराज तक संचालित किया जाना है. इसे लेकर रेलवे बोर्ड को उत्तर रेलवे की तरफ से प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है, जल्द ही इस पर मुहर लग जाएगी. इसके बाद यह ट्रेन प्रयागराज तक संचालित होने लगेगी. इसका फायदा जहां यात्रियों को मिलेगा वहीं कुछ हद तक रेलवे का वंदे भारत से घाटा भी पूरा हो सकेगा.

क्या कहते हैं डीआरएम

उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक एसएम शर्मा का कहना है कि यह बात सही है कि वंदे भारत की ऑक्युपेंसी वर्तमान में 70 से 80 फीसदी है, लेकिन अभी यात्रियों की संख्या बढ़ेगी. जब परीक्षाएं खत्म हो जाएंगी तो लोग वंदे भारत से सफर के लिए निकलेंगे. साथ ही छुट्टियों में भी लोग वंदे भारत से सफर करना पसंद करेंगे. प्रयागराज तक वंदे भारत संचालित कराई जाएगी. इसकी तैयारी हो रही है. जैसे ही बोर्ड से दिशानिर्देश आएंगे संचालन शुरू कराया जाएगा.

यह भी पढ़ें : अयोध्या के 5 रेलवे स्टेशनों का हो रहा कायाकल्प, हर साल आएंगे साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालु, बढ़ेंगी सुविधाएं

यह भी पढ़ें : 33 साल बाद डॉक्टर दंपति ने अयोध्या आकर की शादी, राम मंदिर निर्माण के बाद वरमाला पहनने का लिया था संकल्प

उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक एसएम शर्मा का भी मानना है कि ऑक्युपेंसी वर्तमान में 70 से 80 फीसदी ही है.

लखनऊ : अयोध्या में भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं. अयोध्या में भीड़ को संभालना मुश्किल हो रहा है, लेकिन गोरखपुर और आनंद विहार से अयोध्या के लिए जो वंदे भारत ट्रेन संचालित की जा रही हैं, उसकी 20 से 30 % सीटें अब भी खाली ही रह जा रही हैं. अब प्लान बनाया जा रहा है कि लखनऊ से अयोध्या के बीच इंटरसिटी के रूप में वंदे भारत संचालित की जाए, जिससे ऑक्युपेंसी बढ़ सके.

गोरखपुर से लखनऊ होते हुए अयोध्या के लिए देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल हरी झंडी दिखाई थी. लेकिन जिस उम्मीद के साथ रेलवे ने यह हाईटेक ट्रेन पटरी पर उतारी थी, उस पर यह खरी नहीं उतरी. शुरुआत में तो यात्रियों ने इस ट्रेन की खूबी देखने और समझने के लिए यात्रा की, लेकिन धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या कम होती चली गई. आलम यह है कि ट्रेन की 20 से 30 फीसदी सीटें खाली रह जाती हैं. दूसरी तरफ अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ बेकाबू है लेकिन ये वंदे भारत के बजाय अन्य ट्रेनों से ही सफर कर अयोध्या पहुंच रहे हैं.

अब अधिकारी बना रहे इंटरसिटी का प्लान

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सफल न होने के पीछे रेलवे के अधिकारी एक बड़ी वजह इसके महंगे किराए को मानते हैं. अधिकारियों का मानना है कि ज्यादा किराया होने की वजह से हर वर्ग के यात्री वंदे भारत ट्रेन में सफर करने के बारे में सोच ही नहीं सकते. यही वजह है कि ट्रेनों की सीटें नहीं भरती हैं. ऐसे में अधिकारी रेलवे बोर्ड को यह सलाह देने की तैयारी कर रहे हैं कि अगर लखनऊ से अयोध्या के बीच इंटरसिटी की तर्ज पर वंदे भारत का संचालन किया जाए तो निश्चित तौर पर यह ट्रेन श्रद्धालुओं की पसंदीदा ट्रेन बन जाएगी. इस पर विचार भी हो रहा है. रेलवे बोर्ड में इसके लिए प्रस्ताव भेजने की भी तैयारी हो रही है.

जल्द प्रयागराज तक जाएगी वंदे भारत

गोरखपुर से अयोध्या होते हुए लखनऊ आने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को लखनऊ से आगे प्रयागराज तक संचालित किया जाना है. इसे लेकर रेलवे बोर्ड को उत्तर रेलवे की तरफ से प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है, जल्द ही इस पर मुहर लग जाएगी. इसके बाद यह ट्रेन प्रयागराज तक संचालित होने लगेगी. इसका फायदा जहां यात्रियों को मिलेगा वहीं कुछ हद तक रेलवे का वंदे भारत से घाटा भी पूरा हो सकेगा.

क्या कहते हैं डीआरएम

उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक एसएम शर्मा का कहना है कि यह बात सही है कि वंदे भारत की ऑक्युपेंसी वर्तमान में 70 से 80 फीसदी है, लेकिन अभी यात्रियों की संख्या बढ़ेगी. जब परीक्षाएं खत्म हो जाएंगी तो लोग वंदे भारत से सफर के लिए निकलेंगे. साथ ही छुट्टियों में भी लोग वंदे भारत से सफर करना पसंद करेंगे. प्रयागराज तक वंदे भारत संचालित कराई जाएगी. इसकी तैयारी हो रही है. जैसे ही बोर्ड से दिशानिर्देश आएंगे संचालन शुरू कराया जाएगा.

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