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दिल्ली की महिला कलाकारों ने 'वामा' कला प्रदर्शनी में बिखेरी अपनी चमक - ART EXHIBITION VAMA IN DELHI

दिल्ली त्रिवेणी कला संगम की श्रीधरनी गैलरी में 21 दिसंबर तक प्रदर्शनी चलेगी, इसमें दिल्ली की 20 प्रतिष्ठित महिला कलाकारों की उत्कृष्ट कलाकृतियां शामिल हैं.

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वामा कला प्रदर्शनी में शामिल महिलाएं (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली: हर चित्रकार की कला उसके जीवन के अनुभव और सोच का एक आदान-प्रदान होती है. इस विचार को भव्यता से प्रस्तुत करते हुए दिल्ली के त्रिवेणी कला संगम की श्रीधरनी गैलरी में साहित्य कला परिषद द्वारा आयोजित 'वामा कला प्रदर्शनी' में देखा जा सकता है. इस प्रदर्शनी में दिल्ली की 20 प्रतिष्ठित महिला कलाकारों की अद्भुत कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं, जो समावेशिता, रचनात्मकता और महिलाओं के दीर्घकालिक योगदान का जश्न मनाने के लिए एक मंच प्रदान करती हैं.

प्रदर्शनी का उद्देश्य: 'वामा' का मुख्य उद्देश्य न केवल कला के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को उजागर करना है, बल्कि उन्हें सशक्त भी करना है. यहां दर्शकों को दिल्ली की महिला कलाकारों द्वारा प्रकट किए गए विभिन्न दृष्टिकोणों और कला के रूपों का अनुभव करने का अवसर मिलता है. यह प्रदर्शनी 21 दिसंबर तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक खुली रहेगी.

दिल्ली त्रिवेणी कला संगम की श्रीधरनी गैलरी में आयोजित वामा कला प्रदर्शनी (ETV Bharat)

कलाकारों की दृष्टि: प्रदर्शनी में भाग ले रही कलाकारों में शंपा सरकार दास का नाम प्रमुखता से आता है. उनकी 'मयूर सीरीज' एक्रेलिक पर आधारित है, जिसमें मोर और कमल का प्रतीकात्मक प्रयोग किया गया है. उनका काम जीवन के अंतर्संबंधों का उत्सव है, जिसमें उन्होंने कोविड-19 के दौरान प्रकृति की सच्चाई और मानव जीवन में उसके महत्व को समझा.

दूसरी तरफ रश्मि चौधरी की फोटोग्राफी एक अनूठी कहानी कहती है. उनकी कला स्टोरीटेलिंग और दृश्य कला का समन्वय है, जिसमें दुख और आशा की मिलाजुला भावनाएं परिलक्षित होती हैं. उनका कार्य, जिसे 'गूंज' और 'अनंत' का नाम दिया गया है, दर्शाता है कि कैसे रंग की चमक अंधकार को चीरते हुए आशावाद का प्रतीक बनती है.

30 वर्षों से चित्रकारी कर रही साक्षी बजाज अपनी कला में भारतीय सभ्यता की गहराई को दर्शाती हैं. उनकी पेंटिंग में संस्कृत के श्लोक और त्रिरंगे के चक्र का उपयोग दर्शाता है कि कैसे ये तत्व भारतीय मूल्य को प्रेरित करते हैं. उनका गोल्डन रंग संभावनाओं और भारत की समृद्धि का प्रतीक है.

यह भी पढ़ें- Noida: फ्लॉवर शो में लोगों को भा रही छोटी सी फूलों की बगिया! हर गली में नए रंग-नई खुशबू

यह भी पढ़ें- दिल्ली में 8 दिवसीय कला उत्सव 'वामा' का होगा आयोजन, मुख्य भूमिका निभाएंगी दिल्ली की महिला कलाकार

नई दिल्ली: हर चित्रकार की कला उसके जीवन के अनुभव और सोच का एक आदान-प्रदान होती है. इस विचार को भव्यता से प्रस्तुत करते हुए दिल्ली के त्रिवेणी कला संगम की श्रीधरनी गैलरी में साहित्य कला परिषद द्वारा आयोजित 'वामा कला प्रदर्शनी' में देखा जा सकता है. इस प्रदर्शनी में दिल्ली की 20 प्रतिष्ठित महिला कलाकारों की अद्भुत कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं, जो समावेशिता, रचनात्मकता और महिलाओं के दीर्घकालिक योगदान का जश्न मनाने के लिए एक मंच प्रदान करती हैं.

प्रदर्शनी का उद्देश्य: 'वामा' का मुख्य उद्देश्य न केवल कला के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को उजागर करना है, बल्कि उन्हें सशक्त भी करना है. यहां दर्शकों को दिल्ली की महिला कलाकारों द्वारा प्रकट किए गए विभिन्न दृष्टिकोणों और कला के रूपों का अनुभव करने का अवसर मिलता है. यह प्रदर्शनी 21 दिसंबर तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक खुली रहेगी.

दिल्ली त्रिवेणी कला संगम की श्रीधरनी गैलरी में आयोजित वामा कला प्रदर्शनी (ETV Bharat)

कलाकारों की दृष्टि: प्रदर्शनी में भाग ले रही कलाकारों में शंपा सरकार दास का नाम प्रमुखता से आता है. उनकी 'मयूर सीरीज' एक्रेलिक पर आधारित है, जिसमें मोर और कमल का प्रतीकात्मक प्रयोग किया गया है. उनका काम जीवन के अंतर्संबंधों का उत्सव है, जिसमें उन्होंने कोविड-19 के दौरान प्रकृति की सच्चाई और मानव जीवन में उसके महत्व को समझा.

दूसरी तरफ रश्मि चौधरी की फोटोग्राफी एक अनूठी कहानी कहती है. उनकी कला स्टोरीटेलिंग और दृश्य कला का समन्वय है, जिसमें दुख और आशा की मिलाजुला भावनाएं परिलक्षित होती हैं. उनका कार्य, जिसे 'गूंज' और 'अनंत' का नाम दिया गया है, दर्शाता है कि कैसे रंग की चमक अंधकार को चीरते हुए आशावाद का प्रतीक बनती है.

30 वर्षों से चित्रकारी कर रही साक्षी बजाज अपनी कला में भारतीय सभ्यता की गहराई को दर्शाती हैं. उनकी पेंटिंग में संस्कृत के श्लोक और त्रिरंगे के चक्र का उपयोग दर्शाता है कि कैसे ये तत्व भारतीय मूल्य को प्रेरित करते हैं. उनका गोल्डन रंग संभावनाओं और भारत की समृद्धि का प्रतीक है.

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