भरतपुर. जिले के वैर विधायक बहादुर सिंह कोली के बिगड़े बोल का एकबार फिर वीडियो सामने आया है. वीडियो में विधायक बहादुर सिंह कोली भाजपा कार्यकर्ता और महिला सरपंच कोमल महावार को 'चोट्टी' कहते नजर आ रहे हैं. वायरल वीडियो में विधायक कोली महिला सरपंच पर आरोप लगा रहे हैं कि ये पार्टी को हराने के लिए कांग्रेस नेता भजनलाल जाटव से 50 लाख रुपए लेकर चुनाव लड़ी थीं. वहीं, विधायक बहादुर सिंह कोली के बयान पर सरपंच कोमल का कहना है कि वो किसी कोली नेता को उभरता हुआ नहीं देख सकते, इसलिए माहौल खराब करते हैं. बता दें कि महावर भी कोली नेत्री हैं.
दरअसल, जिले के हलैना में 7 अप्रैल को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा आयोजित होनी है. शुक्रवार को योगी की सभा की तैयारियां की जा रही थीं. इस दौरान चुनाव प्रभारी भूपेंद्र, नावला सरपंच कोमल महावर और अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद थे. तभी वहां पर वैर विधायक बहादुर सिंह कोली भी पहुंच गए, लेकिन उन्होंने जैसे ही वहां पर भाजपा कार्यकर्ता व महिला सरपंच कोमल को देखा तो भड़क गए. विधायक कोली बोले - " ये चोट्टी यहां क्या कर रही है. इसका यहां क्या काम. इसने कांग्रेस नेता भजनलाल जाटव से 50 लाख रुपए लेकर पार्टी को हराने के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ा था." विधायक के सार्वजनिक रूप से आरोप लगाने पर सरपंच कोमल ने भी जवाब में कहा - "आपने रुपए लेते देखा था क्या ?".
दोनों के बीच वाद-विवाद बढ़ता देखकर भाजपा नेता भूपेंद्र सैनी ने दोनों को शांत कराया. इस संबंध में जब विधायक बहादुर सिंह कोली से बात की गई तो उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कोमल महावर कांग्रेस नेता भजनलाल जाटव से 50 लाख रुपए लेकर चुनाव लड़ी थीं. पार्टी के नेताओं ने और खुद मैंने इनसे संपर्क किया, बात की थी लेकिन ये नहीं मानी थीं और पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं.
पार्टी के कार्यक्रम को बिगाड़ रहे हैं : वहीं, सरपंच कोमल महावर का कहना है कि विधायक बहादुर सिंह कोली किसी अन्य कोली नेता को उभरता हुआ नहीं देख सकते. इसलिए माहौल खराब करते हैं. यदि मैंने भजनलाल जाटव से पैसे लेकर चुनाव लड़ा था तो क्या बहादुर सिंह कोली ने भी पैसे देकर सुनील जाटव को चुनाव लड़वाया था ? आजकल कोई किसी को रुपए नहीं देता. बहादुर सिंह कोली पार्टी के कार्यक्रम को ही सफल नहीं होने देना चाहते. वो पार्टी का नुकसान कराना चाहते हैं. गौरतलब है कि सरपंच कोमल महावर ने वैर विधानसभा सीट से भाजपा का टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर भाजपा प्रत्याशी बहादुर कोली के सामने निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ा था.