देहरादून: दुबई में बैंक खाते और सिम कार्ड सप्लाई करने वाले एक आरोपी को एसटीएफ की टीम ने गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया है. आरोपी के कब्जे से 42 डेबिट कार्ड, 30 चैक बुक, 20 माइक्रो सिम, दुबई मैट्रो कार्ड, दुबई सिम कार्ड, 1 पासपोर्ट, एक स्वैप मशीन और 2 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. इसके अलावा आरोपी के खिलाफ पूरे देश में 104 केस दर्ज हैं. आरोपी 2327 अलग-अलग साइबर अपराधों में शामिल भी था.
पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर 26,00000 की ठगी: बता दें कि साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में देहरादून निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें अज्ञात नंबर से टेलीग्राम पर पार्ट टाइम नौकरी के लिए मैसेज मिला है. जिसके बाद अन्य अज्ञात व्यक्ति द्वारा उन्हें टेलीग्राम के माध्यम से मैसेज किया गया और कहा गया कि वह Flight Network कंपनी का सीनियर एजेंट है. इसके बाद आरोपी ने प्रत्येक बुकिंग के लिए कमीशन प्राप्त करने की बात कही और एयरफेयर, डिपोजिट, प्रोसेसिंग अमाउंट और अन्य के नाम पर कुल 26,00,000 रुपये की धोखाधड़ी की. वहीं, शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया.
अपराध का तरीका: आरोपियों द्वारा फर्जी वेबसाइट तैयार कर खुद को Flight Network के कर्मचारी और अधिकारी बताते हुए लोगों से ऑनलाइन जॉब कर लाभ कमाने की बात कही जाती है. इसके बाद लोगों को टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर अलग-अलग कंपनियों के नाम के लिंक भेजे जाते हैं और फिर फ्लाइट बुक करने संबंधित टास्क देकर लाभ कमाने के नाम पर धोखाधड़ी की जाती है. धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को आरोपी अलग-अलग बैक खातों में लेते हैं.
आरोपी खुद जाता है दुबई और थाईलैंड: आरोपियों द्वारा इस कार्य के लिए फर्जी सिम आईडी कार्ड का प्रयोग किया जाता है. साथ ही अलग-अलग मोबाइल हैंडसेट, सिम कार्ड और फर्जी बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया के लिए आरोपी खुद दुबई और थाईलैंड जाकर साइबर अपराध से संबंधित एक आपराधिक किट देता है. जिसमें भारत के अलग-अलग बैंक खाते जो कि करंट बैंक अकाउंट (Current Bank Account) सेविंग अकाउंट (Saving Account) एसएमएस अलर्ट नंबर आदि होते हैं.
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आरोपी के खिलाफ 100 से ज्यादा केस दर्ज: एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी से संबंधित अलग-अलग बैंक खातों की लेनदेन की जानकारी की गई तो, पता चला कि अनुमानित 10 करोड़ रुपये आरोपी द्वारा अलग-अलग पीड़ितों से पूरे भारत में ठगे गए हैं. भारत सरकार I4C गृह मंत्रालय के सहयोग से आरोपी से बरामद अलग-अलग बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जांच की गई है. आरोपी के खिलाफ तेलंगाना में 42, उत्तरप्रदेश में 20, दिल्ली में 10, तमिलनाडु में 9, महाराष्ट्र में 3 , गुजरात में 2, बिहार में 1, हरियाणा में 6, कर्नाटक में 3, छत्तीसगढ़ में 4, उत्तराखंड में 2 और आंध्र प्रदेश में 2 केस दर्ज हैं. कुल मिलाकर आरोपी के खिलाफ 104 केस दर्ज हैें. साथ ही उत्तराखंड में ही 36 मामलों में आरोपी की संलिप्तता पाई गई है.
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