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स्टॉक ट्रेडिंग में ज्यादा मुनाफे का लालच ले 'डूबा', साइबर ठगों ने लूट लिए 43 लाख, सूरत से STF के हत्थे चढ़ा फ्रॉड - cyber fraud of Rs 43 lakh - CYBER FRAUD OF RS 43 LAKH

उत्तराखंड एसटीएफ ने साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है. हालांकि अभी एसटीएफ के हाथ इस गिरोह का एक ही सदस्य आया है. इस गिरोह ने हरिद्वार जिले के रहने वाले व्यक्ति से करीब 43 लाख रुपए की ठगी की थी.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 27, 2024, 5:00 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को बड़ी कामयाबी मिली है. एसटीएफ ने 43 लाख रुपए की साइबर ठगी के मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर किया है. उत्तराखंड एसटीएफ ने अपने देहरादून कार्यालय में इस मामले का खुलासा किया है. साइबर ठगों ने हाल ही में हरिद्वार जिले के रहने वाले व्यक्ति को 43 लाख रुपए का चूना लगाया था. एसटीएफ ने आरोपी को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया है.

उत्तराखंड एसटीएफ ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी सोशल मीडिया की अलग-अलग साइटों पर स्टॉक ट्रेडिंग सहित IPO में निवेश करके अच्छा मुनाफा कमाने का विज्ञापन देता था. साथ ही ट्रेडिंग के लिए gpc.boutique नाम से फर्जी वेबसाइट भी बना रखी थी, जहां आरोपी लोगों का खाता खुलवाकर करोड़ों रुपए की ठगी करता था.

रुड़की के व्यक्ति को लगाया था 43 लाख का चूना: हरिद्वार जिले के रुड़की का रहने वाले व्यक्ति इस गिरोह का शिकार हुआ था. उसने जून 2024 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में मुकदमा दर्ज कराया था. पीड़ित ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि उसके इंस्टाग्राम आईडी पर स्टॉक ट्रेडिंग को लेकर विज्ञापन (Advertisement) आया था.

पीड़ित ने विज्ञापन में दिए गए नंबर पर संपर्क किया. इसके बाद आरोपी ने पीड़ित को Fortune Alliance 701 और SVIP-2717 नाम के व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया. इसके साथ ही आरोपी ने पीड़ित को स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश कर अच्छा खासा मुनाफा कमाने का लालच भी दिया.

साइबर ठग ने पीड़ित को वेबसाइट का लिंक दिया: पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि वो साइबर ठग के झांसे में आ गया. इसके बाद साइबर ठग ने पीड़ित को व्हाट्सएप ग्रुप पर एक वेबसाइट https://gpc.boutique/#/pages/login/login का लिंक दिया. साथ ही पीड़ित के आधार कार्ड और पैन कार्ड की फोटो कॉपी भी ली.

पीड़ित की शिकायत के अनुसार वेबसाइट पर उसका खाता खोला गया और बताया गया कि उसे निवेश से जितना भी मुनाफा होगा, वो उसके खाते में जमा हो जाएगा. पीड़ित को बताया गया कि वो अपने खाते की डिटेल वेबसाइट पर ही देख सकता है. इसके अलावा पीड़ित को बताया गया कि स्टॉक मार्केट सोमवार से शुक्रवार चलता है. इन दिनों में वो सुबह 9 बजे से दोपहर तीन बजे तक कभी भी अपना पैसा निकाल सकता है.

पीड़ित ने दो हजार रुपए निकाले: पीड़ित ने बताया कि उसने अपनी मुनाफे की रकम में से दो हजार रुपए निकाले, जो उसे मिल गए. इसके उसका साइबरों ठगों पर विश्वास और पक्का हो गया. इसके बाद साइबर ठगों ने पीड़ित को अलग-अलग तरीकों से अपने जाल में फंसाया और यूपी, गुजरात और पश्चिम बंगाल के कई बैंक खातों में रुपए जमा करवाए.

पीड़ित ने पुलिस को बताया कि वेबसाइट पर स्टॉक ट्रेडिंग निवेश से पीड़ित के खाते में 1,80,56,050 रुपए मुनाफा की रकम दिखाई गई. उसके बाद 23 मई को 2 करोड़ 26 लाख रुपए मुनाफा रकम दर्शायी गई. पीड़ित को लगा कि स्टॉक ट्रेडिंग से उसे काफी मुनाफा हो रहा है. इसी तरह और अधिक निवेश के नाम पर साइबर ठगों ने पीड़ित को जमकर लूटा.

IPO में निवेश का भी दिया लालच: साइबर ठग यहीं नहीं रुके. इसके बाद उन्होंने पीड़ित को कहा कि AWFI IPO लॉन्च हो रहा है और आप अपनी रकम इसमें निवेश करो. पीड़ित ने यहां भी निवेश कर दिया. आखिर में जब पीड़ित ने अपनी रकम वापस लेनी चाही तो उसे कहा गया कि आपका IPO ओवरवेट हो गया है, आप रकम नहीं निकाल सकते हैं. क्योंकि आपका खाता माइनस में चला गया है. आपको 98 लाख रुपए और जमा करने पड़ेंगे.

पीड़ित से फिर लगाया 9 लाख का चूना: आरोप है कि पीड़ित ने जब इतनी बड़ी रकम देने से इंकार किया तो साइबर ठगों ने फिर से पीड़ित को विश्वास दिलाया कि उसके किसी भी नुकसान की सारी जिम्मेदारी वो लेंगे. साइबर ठगों ने पीड़ित को फिर से 9 लाख रुपए जमा कराने को कहा. अपनी रकम बचाने के लिए पीड़ित ने फिर से साइबर ठगों को 9 लाख रुपए भेज दिए.

पीड़ित का आरोप है कि 9 लाख रुपए लेने के बाद भी साइबर ठगों उसकी पुरानी रकम और मुनाफा देने से साफ इंकार कर दिया. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि इस तरह साइबर ठगों ने उससे करीब 43 लाख रुपए ठग लिए. इसके बाद पीड़ित ने साइबर थाने में अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.

फर्जी आईडी से लिए मोबाइल नंबर का करते है इस्तेमाल: एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि साइबरों ठगों ने जिन बैंक अकाउंट में रुपए मंगवाए थे, वहां पर फर्जी आईडी से लिए गए मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड किए गए थे. साइबर थाना पुलिस ने तकनीकी और डिजिटल साक्ष्य एकत्र किए. उसी के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची और एक आरोपी को गिरफ्तार किया. पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी का नाम समीर दिलावर पटेल है, जो 20 साल है. उसे पुलिस ने श्रीराम चौक अमरोली सूरत गुजरात से अरेस्ट किया है. कई आरोपी अभी भी फरार है.

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देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को बड़ी कामयाबी मिली है. एसटीएफ ने 43 लाख रुपए की साइबर ठगी के मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर किया है. उत्तराखंड एसटीएफ ने अपने देहरादून कार्यालय में इस मामले का खुलासा किया है. साइबर ठगों ने हाल ही में हरिद्वार जिले के रहने वाले व्यक्ति को 43 लाख रुपए का चूना लगाया था. एसटीएफ ने आरोपी को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया है.

उत्तराखंड एसटीएफ ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी सोशल मीडिया की अलग-अलग साइटों पर स्टॉक ट्रेडिंग सहित IPO में निवेश करके अच्छा मुनाफा कमाने का विज्ञापन देता था. साथ ही ट्रेडिंग के लिए gpc.boutique नाम से फर्जी वेबसाइट भी बना रखी थी, जहां आरोपी लोगों का खाता खुलवाकर करोड़ों रुपए की ठगी करता था.

रुड़की के व्यक्ति को लगाया था 43 लाख का चूना: हरिद्वार जिले के रुड़की का रहने वाले व्यक्ति इस गिरोह का शिकार हुआ था. उसने जून 2024 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में मुकदमा दर्ज कराया था. पीड़ित ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि उसके इंस्टाग्राम आईडी पर स्टॉक ट्रेडिंग को लेकर विज्ञापन (Advertisement) आया था.

पीड़ित ने विज्ञापन में दिए गए नंबर पर संपर्क किया. इसके बाद आरोपी ने पीड़ित को Fortune Alliance 701 और SVIP-2717 नाम के व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया. इसके साथ ही आरोपी ने पीड़ित को स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश कर अच्छा खासा मुनाफा कमाने का लालच भी दिया.

साइबर ठग ने पीड़ित को वेबसाइट का लिंक दिया: पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि वो साइबर ठग के झांसे में आ गया. इसके बाद साइबर ठग ने पीड़ित को व्हाट्सएप ग्रुप पर एक वेबसाइट https://gpc.boutique/#/pages/login/login का लिंक दिया. साथ ही पीड़ित के आधार कार्ड और पैन कार्ड की फोटो कॉपी भी ली.

पीड़ित की शिकायत के अनुसार वेबसाइट पर उसका खाता खोला गया और बताया गया कि उसे निवेश से जितना भी मुनाफा होगा, वो उसके खाते में जमा हो जाएगा. पीड़ित को बताया गया कि वो अपने खाते की डिटेल वेबसाइट पर ही देख सकता है. इसके अलावा पीड़ित को बताया गया कि स्टॉक मार्केट सोमवार से शुक्रवार चलता है. इन दिनों में वो सुबह 9 बजे से दोपहर तीन बजे तक कभी भी अपना पैसा निकाल सकता है.

पीड़ित ने दो हजार रुपए निकाले: पीड़ित ने बताया कि उसने अपनी मुनाफे की रकम में से दो हजार रुपए निकाले, जो उसे मिल गए. इसके उसका साइबरों ठगों पर विश्वास और पक्का हो गया. इसके बाद साइबर ठगों ने पीड़ित को अलग-अलग तरीकों से अपने जाल में फंसाया और यूपी, गुजरात और पश्चिम बंगाल के कई बैंक खातों में रुपए जमा करवाए.

पीड़ित ने पुलिस को बताया कि वेबसाइट पर स्टॉक ट्रेडिंग निवेश से पीड़ित के खाते में 1,80,56,050 रुपए मुनाफा की रकम दिखाई गई. उसके बाद 23 मई को 2 करोड़ 26 लाख रुपए मुनाफा रकम दर्शायी गई. पीड़ित को लगा कि स्टॉक ट्रेडिंग से उसे काफी मुनाफा हो रहा है. इसी तरह और अधिक निवेश के नाम पर साइबर ठगों ने पीड़ित को जमकर लूटा.

IPO में निवेश का भी दिया लालच: साइबर ठग यहीं नहीं रुके. इसके बाद उन्होंने पीड़ित को कहा कि AWFI IPO लॉन्च हो रहा है और आप अपनी रकम इसमें निवेश करो. पीड़ित ने यहां भी निवेश कर दिया. आखिर में जब पीड़ित ने अपनी रकम वापस लेनी चाही तो उसे कहा गया कि आपका IPO ओवरवेट हो गया है, आप रकम नहीं निकाल सकते हैं. क्योंकि आपका खाता माइनस में चला गया है. आपको 98 लाख रुपए और जमा करने पड़ेंगे.

पीड़ित से फिर लगाया 9 लाख का चूना: आरोप है कि पीड़ित ने जब इतनी बड़ी रकम देने से इंकार किया तो साइबर ठगों ने फिर से पीड़ित को विश्वास दिलाया कि उसके किसी भी नुकसान की सारी जिम्मेदारी वो लेंगे. साइबर ठगों ने पीड़ित को फिर से 9 लाख रुपए जमा कराने को कहा. अपनी रकम बचाने के लिए पीड़ित ने फिर से साइबर ठगों को 9 लाख रुपए भेज दिए.

पीड़ित का आरोप है कि 9 लाख रुपए लेने के बाद भी साइबर ठगों उसकी पुरानी रकम और मुनाफा देने से साफ इंकार कर दिया. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि इस तरह साइबर ठगों ने उससे करीब 43 लाख रुपए ठग लिए. इसके बाद पीड़ित ने साइबर थाने में अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.

फर्जी आईडी से लिए मोबाइल नंबर का करते है इस्तेमाल: एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि साइबरों ठगों ने जिन बैंक अकाउंट में रुपए मंगवाए थे, वहां पर फर्जी आईडी से लिए गए मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड किए गए थे. साइबर थाना पुलिस ने तकनीकी और डिजिटल साक्ष्य एकत्र किए. उसी के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची और एक आरोपी को गिरफ्तार किया. पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी का नाम समीर दिलावर पटेल है, जो 20 साल है. उसे पुलिस ने श्रीराम चौक अमरोली सूरत गुजरात से अरेस्ट किया है. कई आरोपी अभी भी फरार है.

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