ETV Bharat / state

डिजास्टर मैनेजमेंट में उत्तराखंड की शानदार पहल, तैयार किया मॉर्डन प्रशिक्षण केंद्र, एक ही सेंटर से सीख सकेंगे सारे गुर - Uttarakhand SDRF

उत्तराखंड एसडीआरएफ ने इंडियन रेस्क्यू एकेडमी के साथ किया अनुबंध, प्रशिक्षण केंद्र में हर तरह की आपदा के लिए जवान होंगे तैयार

UTTARAKHAND SDRF
उत्तराखंड एसडीआरएफ (photo- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 4, 2024, 8:52 PM IST

Updated : Oct 4, 2024, 9:46 PM IST

देहरादून: आपदा प्रबंधन को लेकर उत्तराखंड एसडीआरएफ ने इंडियन रेस्क्यू एकेडमी के साथ अनुबंध कर लिया है. यह अनुबंध आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है और इसके जरिए एसडीआरएफ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के साथ कुछ ऐसा करने जा रही है, जो देश में अब तक किसी भी राज्य सरकार ने नहीं किया है. एसडीआरएफ का यह अनुबंध एक ही प्रशिक्षण केंद्र में हर तरह की आपदा के लिए जवानों को तैयार करेगा. अब तक राज्य सरकारों को अलग-अलग तरह की आपदाओं के लिए देश में अलग- अलग प्रशिक्षण केंद्रों का सहारा लेना पड़ता था.

रिवेन्यू मॉडल पर तैयार होगा प्रशिक्षण केंद्र: उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय के निर्देशन पर एसडीआरएफ ने प्रशिक्षण केंद्र को लेकर जो मॉडल तैयार किया है, वो राजस्व सृजन से जुड़ा हुआ है. यानी प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत में राज्य सरकार इसके लिए वित्तीय मदद तो करेगी, लेकिन बाद में यह प्रशिक्षण केंद्र खुद से राजस्व सृजन में सक्षम होगा. इसके पीछे की वजह इस प्रशिक्षण केंद्र का अत्याधुनिक होना होगा, जिसमें हर तरह की आपदा के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस प्रशिक्षण केंद्र में ना केवल उत्तराखंड एसडीआरएफ बल्कि दूसरे राज्यों की एसडीआरएफ को भी प्रशिक्षण दिया जा सकेगा. प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से दूसरे राज्यों या तमाम निजी प्रशिक्षणर्थियों को प्रशिक्षण देकर राजस्व प्राप्ति की जा सकेगी.

डिजास्टर मैनेजमेंट में उत्तराखंड की शानदार पहल (video-ETV Bharat)

उत्तराखंड SDRF को भी मिलेगी मदद, खत्म होगी चुनौती: राज्य में फिलहाल कई तरह की आपदाओं से प्रदेशवासियों को जूझना पड़ता है, जिसके लिए एसडीआरएफ पर राहत एवं बचाव कार्य की जिम्मेदारी रहती है, लेकिन बड़ी चुनौती यह है कि एसडीआरएफ को अलग-अलग आपदाओं को लेकर प्रबंधन से जुड़े प्रशिक्षण के लिए देश के अलग-अलग प्रशिक्षण केंद्रों में जाना पड़ता है.

फायर सर्विस के प्रशिक्षण के लिए पुणे जाते हैं जवान: डॉग स्क्वॉड के लिए मानेसर में प्रशिक्षण लेने जाना होता है, तो फायर सर्विस को लेकर पुणे के प्रशिक्षण केंद्र में ट्रेनिंग लेनी होती है. इसी तरह बाढ़ जैसे हालातों से निपटने के लिए कोलकाता के प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण दिया जाता है और हाई एल्टीट्यूड में राहत बचाव के लिए NIM में प्रशिक्षण लेना होता है. इतना ही नहीं इन प्रशिक्षण केंद्रों में सुनिश्चित संख्या में ही जवानों को प्रशिक्षण मिल पाता है, लेकिन अब उत्तराखंड में हर तरह की आपदाओं के लिए प्रशिक्षण केंद्र प्रशिक्षण देगा, जिससे उत्तराखंड के पास प्रशिक्षित जवानों की अच्छी खासी उपलब्धता होगी.

जॉली ग्रांट में ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया गया: राजधानी देहरादून के जॉली ग्रांट में वर्ल्ड बैंक की मदद से ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया गया है और इसी ट्रेनिंग सेंटर में पीपीपी मोड पर इस अनुबंध के बाद हर तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध होगी. फिलहाल मास्टर ट्रेनर के रूप में एसडीआरएफ के जवान आम लोगों के साथ ही तमाम दूसरे विभागों के अधिकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग देते आए हैं, लेकिन अब प्रोफेशनल ट्रेनिंग के रूप में जॉली ग्रांट प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होगा.

फिलहाल इंडियन रेस्क्यू अकादमी के साथ अनुबंध कर लिया गया है. भविष्य में यह कोशिश होगी कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर रजिस्टर्ड करवाया जाए. - रिद्धिम अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ

ये भी पढ़ें-

देहरादून: आपदा प्रबंधन को लेकर उत्तराखंड एसडीआरएफ ने इंडियन रेस्क्यू एकेडमी के साथ अनुबंध कर लिया है. यह अनुबंध आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है और इसके जरिए एसडीआरएफ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के साथ कुछ ऐसा करने जा रही है, जो देश में अब तक किसी भी राज्य सरकार ने नहीं किया है. एसडीआरएफ का यह अनुबंध एक ही प्रशिक्षण केंद्र में हर तरह की आपदा के लिए जवानों को तैयार करेगा. अब तक राज्य सरकारों को अलग-अलग तरह की आपदाओं के लिए देश में अलग- अलग प्रशिक्षण केंद्रों का सहारा लेना पड़ता था.

रिवेन्यू मॉडल पर तैयार होगा प्रशिक्षण केंद्र: उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय के निर्देशन पर एसडीआरएफ ने प्रशिक्षण केंद्र को लेकर जो मॉडल तैयार किया है, वो राजस्व सृजन से जुड़ा हुआ है. यानी प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत में राज्य सरकार इसके लिए वित्तीय मदद तो करेगी, लेकिन बाद में यह प्रशिक्षण केंद्र खुद से राजस्व सृजन में सक्षम होगा. इसके पीछे की वजह इस प्रशिक्षण केंद्र का अत्याधुनिक होना होगा, जिसमें हर तरह की आपदा के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस प्रशिक्षण केंद्र में ना केवल उत्तराखंड एसडीआरएफ बल्कि दूसरे राज्यों की एसडीआरएफ को भी प्रशिक्षण दिया जा सकेगा. प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से दूसरे राज्यों या तमाम निजी प्रशिक्षणर्थियों को प्रशिक्षण देकर राजस्व प्राप्ति की जा सकेगी.

डिजास्टर मैनेजमेंट में उत्तराखंड की शानदार पहल (video-ETV Bharat)

उत्तराखंड SDRF को भी मिलेगी मदद, खत्म होगी चुनौती: राज्य में फिलहाल कई तरह की आपदाओं से प्रदेशवासियों को जूझना पड़ता है, जिसके लिए एसडीआरएफ पर राहत एवं बचाव कार्य की जिम्मेदारी रहती है, लेकिन बड़ी चुनौती यह है कि एसडीआरएफ को अलग-अलग आपदाओं को लेकर प्रबंधन से जुड़े प्रशिक्षण के लिए देश के अलग-अलग प्रशिक्षण केंद्रों में जाना पड़ता है.

फायर सर्विस के प्रशिक्षण के लिए पुणे जाते हैं जवान: डॉग स्क्वॉड के लिए मानेसर में प्रशिक्षण लेने जाना होता है, तो फायर सर्विस को लेकर पुणे के प्रशिक्षण केंद्र में ट्रेनिंग लेनी होती है. इसी तरह बाढ़ जैसे हालातों से निपटने के लिए कोलकाता के प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण दिया जाता है और हाई एल्टीट्यूड में राहत बचाव के लिए NIM में प्रशिक्षण लेना होता है. इतना ही नहीं इन प्रशिक्षण केंद्रों में सुनिश्चित संख्या में ही जवानों को प्रशिक्षण मिल पाता है, लेकिन अब उत्तराखंड में हर तरह की आपदाओं के लिए प्रशिक्षण केंद्र प्रशिक्षण देगा, जिससे उत्तराखंड के पास प्रशिक्षित जवानों की अच्छी खासी उपलब्धता होगी.

जॉली ग्रांट में ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया गया: राजधानी देहरादून के जॉली ग्रांट में वर्ल्ड बैंक की मदद से ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया गया है और इसी ट्रेनिंग सेंटर में पीपीपी मोड पर इस अनुबंध के बाद हर तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध होगी. फिलहाल मास्टर ट्रेनर के रूप में एसडीआरएफ के जवान आम लोगों के साथ ही तमाम दूसरे विभागों के अधिकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग देते आए हैं, लेकिन अब प्रोफेशनल ट्रेनिंग के रूप में जॉली ग्रांट प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होगा.

फिलहाल इंडियन रेस्क्यू अकादमी के साथ अनुबंध कर लिया गया है. भविष्य में यह कोशिश होगी कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर रजिस्टर्ड करवाया जाए. - रिद्धिम अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Oct 4, 2024, 9:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.