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उत्तराखंड में आज से शुरू हुआ 'ऑपरेशन स्माइल', बिछड़े लोगों को अपनों से मिलाएगी मित्र पुलिस

उत्तराखंड पुलिस के ऑपरेशन स्माइल की हर जगह होती है तारीफ, अब तक 5,981 गुमशुदाओं को घरवालों से मिलाकर दे चुकी खुशी

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

UTTARAKHAND POLICE OPERATION SMILE
उत्तराखंड पुलिस ऑपरेशन खुशी (Photo- ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस के कई ऐसे कार्यक्रम हैं, जिनकी सराहना बड़े मंचों पर भी होती रहती है. चारधाम यात्रा में यात्रियों की व्यवस्था को लेकर हो या कई बार फंसे हुए लोगों को सकुशल उनके घर तक पहुंचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन हो कुशलता से संपन्न कराए गए हैं. ऐसे ही एक ऑपरेशन की तारीफ केंद्रीय गृह मंत्रालय तक कर चुका है. उत्तराखंड में 2015 से चलाये जा रहे ऑपरेशन स्माइल के तहत पुलिस उन गुमशुदा लोगों को परिजनों से मिलाती है, जो अपनों से बिछड़ जाते हैं. पुलिस ने आज फिर से आगामी दो महीने के लिए ऑपरेशन स्माइल शुरू किया है.

फिर शुरू हुआ ऑपरेशन स्माइल: साल 2015 से ये ऑपरेशन 13 बार चलाया गया है. इसी वर्ष 2024 में इस अभियान को दिनांक 01.05.2024 से दिनांक 30.06.2024 तक चलाया गया. इस दौरान 1,370 गुमशुदाओं को उनके परिजनों से मिलाया गया. इसके साथ ही वर्ष 2015 से चलाये गये इस अभियान में जून 2024 तक 2,951 बच्चे, 1,721 महिलाएं और 1309 पुरुष (कुल 5,981 गुमशुदाओं) को ढूंढा जा चुका है.

गुमशुदा लोगों को परिजनों से मिलाता है ऑपरेशन स्माइल: उत्तराखंड एक जगह राज्य है जहां पर अलग अलग देश और शहरों से लोगों का आना-जाना लगा रहता है. इस बार इस ऑपरेशन स्माइल के लिए पुलिस विभाग की तरफ से पुलिस मुख्यालय नोडल अधिकारी विशाखा अशोक भदाणे, पुलिस अधीक्षक अपराध को बनाया गया है. जनपदों में सहायक पुलिस अधीक्षक/अपर पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपाधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.

ऐसी बनाई गई हैं ऑपरेशन स्माइल की टीमें: जनपद हरिद्वार, उधमसिंह नगर, देहरादून और नैनीताल में 05-05 तलाशी टीम बनाई गई हैं. बाकी जनपदों में 01-01 तलाशी टीम (प्रत्येक टीम में उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4) का गठन किया गया है. हर एक तलाशी टीम में गुमशुदा बरामद बच्चों और महिलाओं से पूछताछ हेतु एक महिला पुलिस कर्मी भी अनिवार्य रूप से नियुक्त की गयी है.

बच्चों और महिलाओं से जुड़े विभाग भी करेंगे मदद: प्रत्येक टीम की सहायता हेतु उपरोक्त तलाशी टीमों के अतिरिक्त 01-01 विधिक एवं टेक्निकल टीम का भी गठन किया गया है. अभियान के लिए अन्य सम्बन्धित विभागों/संस्थाओं यथा सीडब्लूसी (बाल कल्याण समिति), समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, अभियोजन, श्रम विभाग, आश्रय गृह, एनजीओ और चाइल्ड हेल्प लाइन का सहयोग भी लिया जा रहा है.

ऑपरेशन स्माइल में ये होगा

  • बच्चों और महिलाओं से नियमानुसार पूछताछ की जाए
  • बरामद बच्चों/महिला/पुरुषों के सम्बन्ध में किसी अपराध के घटित होने की जानकारी मिलने पर नियमानुसार कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाए
  • वर्ष 2017 से बरामद हेतु शेष समस्त गुमशुदाओं को ढूंढने हेतु सर्व संभव प्रयास किये जाएं
  • गुमशुदाओं का मिलान प्रदेश/सीमावर्ती राज्यों में बरामद लावारिस शवों से भी अनिवार्य रूप से किया जाए
  • गुमशुदाओं के मिलने पर उनकी सुपुर्दगी/पुनर्वास के सम्बन्ध में नियमानुसार कार्रवाई की जाए
  • ऑपरेशन स्माइल में नियुक्त टीमों द्वारा अपने जनपदों के अतिरिक्त अन्य जनपदों के गुमशुदाओं को भी तलाश किये जाने का पूर्ण प्रयास किया जाए.

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देहरादून: उत्तराखंड पुलिस के कई ऐसे कार्यक्रम हैं, जिनकी सराहना बड़े मंचों पर भी होती रहती है. चारधाम यात्रा में यात्रियों की व्यवस्था को लेकर हो या कई बार फंसे हुए लोगों को सकुशल उनके घर तक पहुंचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन हो कुशलता से संपन्न कराए गए हैं. ऐसे ही एक ऑपरेशन की तारीफ केंद्रीय गृह मंत्रालय तक कर चुका है. उत्तराखंड में 2015 से चलाये जा रहे ऑपरेशन स्माइल के तहत पुलिस उन गुमशुदा लोगों को परिजनों से मिलाती है, जो अपनों से बिछड़ जाते हैं. पुलिस ने आज फिर से आगामी दो महीने के लिए ऑपरेशन स्माइल शुरू किया है.

फिर शुरू हुआ ऑपरेशन स्माइल: साल 2015 से ये ऑपरेशन 13 बार चलाया गया है. इसी वर्ष 2024 में इस अभियान को दिनांक 01.05.2024 से दिनांक 30.06.2024 तक चलाया गया. इस दौरान 1,370 गुमशुदाओं को उनके परिजनों से मिलाया गया. इसके साथ ही वर्ष 2015 से चलाये गये इस अभियान में जून 2024 तक 2,951 बच्चे, 1,721 महिलाएं और 1309 पुरुष (कुल 5,981 गुमशुदाओं) को ढूंढा जा चुका है.

गुमशुदा लोगों को परिजनों से मिलाता है ऑपरेशन स्माइल: उत्तराखंड एक जगह राज्य है जहां पर अलग अलग देश और शहरों से लोगों का आना-जाना लगा रहता है. इस बार इस ऑपरेशन स्माइल के लिए पुलिस विभाग की तरफ से पुलिस मुख्यालय नोडल अधिकारी विशाखा अशोक भदाणे, पुलिस अधीक्षक अपराध को बनाया गया है. जनपदों में सहायक पुलिस अधीक्षक/अपर पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपाधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.

ऐसी बनाई गई हैं ऑपरेशन स्माइल की टीमें: जनपद हरिद्वार, उधमसिंह नगर, देहरादून और नैनीताल में 05-05 तलाशी टीम बनाई गई हैं. बाकी जनपदों में 01-01 तलाशी टीम (प्रत्येक टीम में उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4) का गठन किया गया है. हर एक तलाशी टीम में गुमशुदा बरामद बच्चों और महिलाओं से पूछताछ हेतु एक महिला पुलिस कर्मी भी अनिवार्य रूप से नियुक्त की गयी है.

बच्चों और महिलाओं से जुड़े विभाग भी करेंगे मदद: प्रत्येक टीम की सहायता हेतु उपरोक्त तलाशी टीमों के अतिरिक्त 01-01 विधिक एवं टेक्निकल टीम का भी गठन किया गया है. अभियान के लिए अन्य सम्बन्धित विभागों/संस्थाओं यथा सीडब्लूसी (बाल कल्याण समिति), समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, अभियोजन, श्रम विभाग, आश्रय गृह, एनजीओ और चाइल्ड हेल्प लाइन का सहयोग भी लिया जा रहा है.

ऑपरेशन स्माइल में ये होगा

  • बच्चों और महिलाओं से नियमानुसार पूछताछ की जाए
  • बरामद बच्चों/महिला/पुरुषों के सम्बन्ध में किसी अपराध के घटित होने की जानकारी मिलने पर नियमानुसार कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाए
  • वर्ष 2017 से बरामद हेतु शेष समस्त गुमशुदाओं को ढूंढने हेतु सर्व संभव प्रयास किये जाएं
  • गुमशुदाओं का मिलान प्रदेश/सीमावर्ती राज्यों में बरामद लावारिस शवों से भी अनिवार्य रूप से किया जाए
  • गुमशुदाओं के मिलने पर उनकी सुपुर्दगी/पुनर्वास के सम्बन्ध में नियमानुसार कार्रवाई की जाए
  • ऑपरेशन स्माइल में नियुक्त टीमों द्वारा अपने जनपदों के अतिरिक्त अन्य जनपदों के गुमशुदाओं को भी तलाश किये जाने का पूर्ण प्रयास किया जाए.

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