देहरादून: उत्तराखंड सूचना आयोग ने आज प्रेस वार्ता आयोजित की, जिसमें प्रभारी मुख्य सूचना आयुक्त विपिन चंद्र शर्मा ने बताया कि राज्य में सूचना का अधिकार अधिनियम को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए लोक सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जाएगा. राज्य सूचना आयोग 12 अक्टूबर को आरटीआई दिवस के अवसर पर सूचना के अनुरोध पत्रों का बेहतर निस्तारण करने वाले पांच लोक सूचना अधिकारियों और प्रथम अपील का बेहतर निस्तारण करने वाले तीन अपीलीय अधिकारियों को भी सम्मानित किया जाएगा. साथ ही राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता और परिचर्चा कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा.
दरअसल, सूचना आयोग के भविष्य की योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी को लेकर प्रभारी मुख्य सूचना आयुक्त विपिन चंद्र शर्मा ने बताया कि जनता के सूचना अनुरोध पत्रों के निस्तारण में आने वाली व्यवहारिक दिक्कतों से निपटने और अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आयोग मुख्यालय में हर माह विभागवार दो कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. साथ ही जनता में सूचना का अधिकार के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोकहित में उसका सदुपयोग किए जाने को लेकर आयोग की ओर से विधि कॉलेजों और उच्च शिक्षा संस्थानों के जरिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
प्रभारी मुख्य सूचना आयुक्त विपिन ने बताया कि एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के बीच आयोग की ओर से कुल 6,637 मामलों की सुनवाई की गई और 3960 मामलों का निस्तारण किया गया है, जबकि 31 जुलाई 2024 तक आयोग में कुल 951 मामले अभी लंबित हैं. इसके साथ ही सूचना आयोग की स्थापना से 30 जून 2024 तक आयोग की ओर से 2014 मामलों में 2 करोड़ 75 लाख 58 हज़ार 135 रुपए की पेनल्टी लगाई गई. साथ ही 123 मामलों में 5,72,050 रुपए की क्षतिपूर्ति भी आवेदनकताओं को दिलाई गई है.
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