देहरादून: उत्तराखंड आवास विकास परिषद प्रदेश के निर्बल वर्ग के लोगों को छत मुहैया कराए जाने को लेकर 15 आवासीय परियोजनाओं पर काम कर रहा है. संभावना जताई जा रही है कि मार्च 2025 तक प्रदेश में 16 हजार घर बनाकर तैयार हो जाएंगे. उत्तराखंड आवास विकास परिषद, राज्य बनने के बाद पहली बार अपनी आवासीय परियोजनाओं पर काम कर रहा है. उत्तराखंड आवास विकास परिषद 15 परियोजनाएं, निजी निवेशकों के साथ तैयार कर रहा है. जिसके जरिए कुल 12,856 आवास बनाए जा रहे हैं.
इसके साथ ही पांच संबंधित विकास प्राधिकरणों की ओर से कुल 3104 आवास तैयार किया जा रहे हैं. अपर आयुक्त आवास पीसी दुम्का के अनुसार अभी तक निजी भागीदारी के साथ 1760 घर बनाकर लाभार्थियों को सौंपा जा चुका है. 14,635 आवासों का आवंटन भी किया जा चुका है. ऐसे में चल रहे परियोजनाओं को मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
इस योजना के तहत निजी निवेशक छह लाख रुपए की लागत से दो कमरे, किचन और शौचालय जैसी सुविधाओं से लैस घर तैयार करता है.जिसमें से उन्हें केद्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाओं से साढ़े तीन लाख रुपए मिलते हैं. इस तरह लाभार्थी को महज ढाई लाख रुपए की लागत में आसान होम लोन के जरिए घर मिल जाता है. इसमें जमीन सहित निर्माण का सभी खर्च निजी निवेशक की ओर से उठाया जाता है. योजना के तहत तीन लाख रुपए से कम सालाना आय वर्ग वाले आवासहीन परिवार पात्र होते हैं. साथ ही पात्र परिवार का 15 जून 2015 से पहले उत्तराखंड का निवासी होना भी जरूरी है.
योजना के तहत मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ट्रांसपोर्ट नगर में 224 , तरला आमवाला में 240 फ्लैट वाली परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि धौलास में 240 फ्लैट मार्च 2025 तक तैयार हो जाएंगे. एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के अनुसार परियोजना के लिए लाभार्थियों का चयन पारदर्शिता के साथ किया गया है. तय समय में सभी को फ्लैट की चाबी सौंप दी जाएगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा केंद्र सरकार ने पीएम आवास योजना लागू की है. इसके तहत आवासहीन परिवारों को पक्का घर बनाकर दिया जा रहा है. उत्तराखंड में आवास विकास प्राधिकरण ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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