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HC में बीडी पांडे हॉस्पिटल मामले में सुनवाई, केंद्र सरकार से पूछा नैनीताल में एम्स की तरह खुल सकता है हॉस्पिटल - Nainital High Court

Nainital BD Pandey Hospital नैनीताल बीडी पांडे हॉस्पिटल में लंबे समय से सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. साथ ही लोगों का कहना है कि हॉस्पिटल रेफर सेंटर बनकर रह गया है. वहीं हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से सवाल पूछा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 1, 2024, 3:09 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के बीडी पांडे हॉस्पिटल में कई स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने के खिलाफ दायर पूर्व अध्यापक अशोक साह की जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से पूछा है कि नैनीताल जिले में एम्स की तरह हॉस्पिटल खोला जा सकता है, इस पर जवाब पेश करें.

कोर्ट ने अधिवक्ता विकास बहुगुणा से कहा है कि वे फिर से हॉस्पिटल का दौरा करें और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति परखने को कहा. मामले की अगली सुनवाई जून माह की तिथि नियत की है. सुनवाई पर अधिवक्ता अकरम परवेज ने कोर्ट को अवगत कराया कि अभी भी हॉस्पिटल में कई सुविधाओं का अभाव है और मरीजों को इसके इलाज के लिए अन्य हॉस्पिटलों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. जिस पर कोर्ट ने अधिवक्ता विकास बहुगुणा से हॉस्पिटल का फिर से दौरा करने को कहा है. सरकार की तरफ से कहा गया कि पूर्व के आदेश पर हॉस्पिटल में कई जरूरी सुविधाएं पूरी हो चुकी हैं.
पढ़ें-आखिरकार HC की सख्ती के बाद हल्दूचौड़ में 30 बेड का अस्पताल शुरू, 24 घंटे मिलेगी इलाज की सुविधा

मामले के अनुसार अशोक शाह उर्फ गुरु जी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें छोटी से छोटी शिकायतों के लिए उच्च न्यायलय की शरण लेनी पड़ रही है. जिले का मुख्य हॉस्पिटल होने के कारण अभी भी हॉस्पिटल के कर्मचारियों के द्वारा छोटी सी जांच करने के लिए सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है. हॉस्पिटल में इलाज कराने दूर दराज से मरीज आते हैं. लेकिन उनकी जांच करके हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है. पूर्व अध्यापक अशोक साह (गुरु जी) ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ से प्रार्थना की है कि इस हॉस्पिटल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. जिससे दूर दराज से आने वाले लोगों को सही समय पर इलाज मिल सके.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के बीडी पांडे हॉस्पिटल में कई स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने के खिलाफ दायर पूर्व अध्यापक अशोक साह की जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से पूछा है कि नैनीताल जिले में एम्स की तरह हॉस्पिटल खोला जा सकता है, इस पर जवाब पेश करें.

कोर्ट ने अधिवक्ता विकास बहुगुणा से कहा है कि वे फिर से हॉस्पिटल का दौरा करें और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति परखने को कहा. मामले की अगली सुनवाई जून माह की तिथि नियत की है. सुनवाई पर अधिवक्ता अकरम परवेज ने कोर्ट को अवगत कराया कि अभी भी हॉस्पिटल में कई सुविधाओं का अभाव है और मरीजों को इसके इलाज के लिए अन्य हॉस्पिटलों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. जिस पर कोर्ट ने अधिवक्ता विकास बहुगुणा से हॉस्पिटल का फिर से दौरा करने को कहा है. सरकार की तरफ से कहा गया कि पूर्व के आदेश पर हॉस्पिटल में कई जरूरी सुविधाएं पूरी हो चुकी हैं.
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मामले के अनुसार अशोक शाह उर्फ गुरु जी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें छोटी से छोटी शिकायतों के लिए उच्च न्यायलय की शरण लेनी पड़ रही है. जिले का मुख्य हॉस्पिटल होने के कारण अभी भी हॉस्पिटल के कर्मचारियों के द्वारा छोटी सी जांच करने के लिए सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है. हॉस्पिटल में इलाज कराने दूर दराज से मरीज आते हैं. लेकिन उनकी जांच करके हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है. पूर्व अध्यापक अशोक साह (गुरु जी) ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ से प्रार्थना की है कि इस हॉस्पिटल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. जिससे दूर दराज से आने वाले लोगों को सही समय पर इलाज मिल सके.

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