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उत्तराखंड में बायोगैस पर जोर दे रही सरकार, प्लांट के लिए तीन जगहें चिन्हित - Biogas Plant in Uttarakhand

Biogas Plant in Uttarakhand उत्तराखंड के तीन जगहों पर बायोगैस प्लांट लगने जा रहा हा. आचार संहिता खत्म होते ही इसके लिए टेंडर जारी किये जाएंगे. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चारधाम यात्रा मार्ग पर भी 30 टन का बायोगैस प्लांट लगाया है. इसे पशुपालन विभाग की देखरेख में लगाया गया है.

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उत्तराखंड में बायोगैस पर जोर दे रही सरकार (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 29, 2024, 3:28 PM IST

उत्तराखंड में बायोगैस पर जोर दे रही सरकार (ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में बायोगैस प्लांट पर जोर दे रही है. बायोगैस प्लांट से वैकल्पिक ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसी क्रम में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पशुपालन विभाग ने चारधाम यात्रा मार्ग पर 30 टन का एक बायोगैस प्लांट लगाया है. इसमें यात्रा मार्गों से घोड़े खच्चरों की लीद का उपयोग किया जा सकेगा. इसी क्रम में दुग्ध विकास विभाग प्रदेश के कुछ अन्य जगहों पर बायोगैस प्लांट लगाने जा रही है. जिससे न सिर्फ बिजली की खपत कम होगी बल्कि पशुपालकों को एक्स्ट्रा इनकम भी होगी.

दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया प्रदेश के तीन जगहों पर बायोगैस प्लांट लगाए जाने का निर्णय लिया गया है. जिसके टेंडर की तैयारी चल रही है. आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. श्रीनगर, सितारगंज और रुद्रपुर स्थिति फीड फैक्ट्री में बायोगैस प्लांट लगाये जाएंगे. रुद्रपुर में बायोगैस प्लांट लगाने की स्थिति अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन ये बायोगैस प्लांट पीपीपी मोड पर संचालित किए जायेंगे.

सौरभ बहुगुणा ने बताया बायोगैस प्लांट लगाने से ग्रीन एनर्जी मिलेगी. साथ ही सबसे अधिक फायदा पशुपालकों को मिलेगा. बायोगैस प्लांट के लिए पशुपालकों से पौने दो या फिर 2 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से गोबर खरीदा जायेगा. अभी रेट फिक्स नहीं किया गया है. आचार संहिता हटने के बाद टेंडर प्रक्रिया होगी और अक्टूबर- सितंबर महीने तक इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतार दिया जाएगा. बायोगैस प्लांट से मिलने वाले गैस का इस्तेमाल डेयरी प्लांट में किया जाएगा. साथ ही गैस बनने के बाद बचे हुए गोबर से खाद बनाई जाएगा.

श्रीनगर और सितारगंज में बायोगैस प्लांट लगाए जाने को लेकर दुग्ध विकास विभाग ने मार्च 2024 में टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण टेंडर नहीं खोले गये. ऐसे में अब विभाग आचार संहिता खत्म होने का इंतजार कर रहा है. श्रीनगर में 5 करोड़ की लागत से 5 टन और सितारगंज में 10 करोड़ की लागत से 10 टन का बायोगैस प्लांट लगाया जाएगा.

पढ़ें-रुद्रपुर को CM धामी ने दी करोड़ों की सौगात, कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट का किया लोकार्पण

उत्तराखंड में बायोगैस पर जोर दे रही सरकार (ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में बायोगैस प्लांट पर जोर दे रही है. बायोगैस प्लांट से वैकल्पिक ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसी क्रम में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पशुपालन विभाग ने चारधाम यात्रा मार्ग पर 30 टन का एक बायोगैस प्लांट लगाया है. इसमें यात्रा मार्गों से घोड़े खच्चरों की लीद का उपयोग किया जा सकेगा. इसी क्रम में दुग्ध विकास विभाग प्रदेश के कुछ अन्य जगहों पर बायोगैस प्लांट लगाने जा रही है. जिससे न सिर्फ बिजली की खपत कम होगी बल्कि पशुपालकों को एक्स्ट्रा इनकम भी होगी.

दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया प्रदेश के तीन जगहों पर बायोगैस प्लांट लगाए जाने का निर्णय लिया गया है. जिसके टेंडर की तैयारी चल रही है. आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. श्रीनगर, सितारगंज और रुद्रपुर स्थिति फीड फैक्ट्री में बायोगैस प्लांट लगाये जाएंगे. रुद्रपुर में बायोगैस प्लांट लगाने की स्थिति अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन ये बायोगैस प्लांट पीपीपी मोड पर संचालित किए जायेंगे.

सौरभ बहुगुणा ने बताया बायोगैस प्लांट लगाने से ग्रीन एनर्जी मिलेगी. साथ ही सबसे अधिक फायदा पशुपालकों को मिलेगा. बायोगैस प्लांट के लिए पशुपालकों से पौने दो या फिर 2 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से गोबर खरीदा जायेगा. अभी रेट फिक्स नहीं किया गया है. आचार संहिता हटने के बाद टेंडर प्रक्रिया होगी और अक्टूबर- सितंबर महीने तक इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतार दिया जाएगा. बायोगैस प्लांट से मिलने वाले गैस का इस्तेमाल डेयरी प्लांट में किया जाएगा. साथ ही गैस बनने के बाद बचे हुए गोबर से खाद बनाई जाएगा.

श्रीनगर और सितारगंज में बायोगैस प्लांट लगाए जाने को लेकर दुग्ध विकास विभाग ने मार्च 2024 में टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण टेंडर नहीं खोले गये. ऐसे में अब विभाग आचार संहिता खत्म होने का इंतजार कर रहा है. श्रीनगर में 5 करोड़ की लागत से 5 टन और सितारगंज में 10 करोड़ की लागत से 10 टन का बायोगैस प्लांट लगाया जाएगा.

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