देहरादून: उत्तराखंड में सरकार मतदान के बाद कई बिंदुओं पर काम को आगे बढ़ाने का विचार कर रही है और इसके लिए सरकार ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर आठ बिंदुओं पर काम को आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी है. दरअसल, उत्तराखंड में पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को मतदान होना है. इसके बाद मतगणना तक राज्य में काम को कुछ गति मिल सके, इसके लिए विभिन्न बिंदुओं पर निर्वाचन से आचार संहिता में छूट देते हुए विभिन्न कार्यों के लिए अनुमति मांगी है.
उत्तराखंड में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होगा, उधर मतगणना 4 जून को होगी. ऐसे में देश भर में मतगणना तक आचार संहिता लागू रहेगी. देशभर में आचार संहिता लागू होने के बाद विकास कार्यों पर इसका सीधा असर पड़ा है. कोई भी नया काम आचार संहिता के कारण शुरू नहीं हो पा रहा है. उत्तराखंड में पहले चरण के मतदान के बाद मतगणना तक एक महीने से ज्यादा का वक्त आचार संहिता में ही बीतेगा.
ऐसे में सरकार मतदान के बाद आचार संहिता होने के बावजूद कुछ कामों में निर्वाचन आयोग से राहत लेने की कोशिश कर रही है, जिसके लिए निर्वाचन आयोग को पत्र भी लिखा गया है.निर्वाचन आयोग को भेजे गए पत्र में सरकार ने 8 विषयों पर बैठक करने और निर्णय लेने के लिए निर्वाचन से अनुमति मांगी है. यह सभी आठ विषय राज्य की मूलभूत जरूरत और आने वाली चुनौतियों से जुड़े हैं. सरकार ने निर्वाचन पर अनुमति मिलने की उम्मीद जताई है.उत्तराखंड में आने वाली चुनौतियों में सबसे ज्यादा चारधाम यात्रा होने जा रही है. इसके अलावा जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण भी राज्य के लिए बड़ी चुनौती है.
बिहार सरकार ने जिन 8 विषयों पर निर्वाचन आयोग से बैठक की अनुमति मांगी है. उसमें चारधाम यात्रा प्रबंधन, वनाग्नि नियंत्रण, विद्युत आपूर्ति, कानून व्यवस्था, आपदा नियंत्रण, पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य व्यवस्था और मानस खंड से जुड़े विषय पर निर्वाचन से अनुमति मांगी है.
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