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ये क्या! सुगम में आए सात शिक्षण संस्थानों को शिक्षा विभाग ने फिर घोषित किया दुर्गम, जानें कारण - Uttarakhand Education Department

अभी दो महीने पहले ही राज्य के सात शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को पहले सुगम घोषित किया था उनको आचार संहिता हटते ही दुर्गम क्षेत्र में शामिल कर दिया है. शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी की ओर से जारी आदेश में इसको लेकर वजह भी बताई गई है.

UTTARAKHAND EDUCATION DEPARTMENT
उत्तराखंड शिक्षा निदेशालय. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 11, 2024, 7:17 PM IST

Updated : Jun 11, 2024, 7:26 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड शिक्षा विभाग एक बार फिर अपने एक कार्य को लेकर चर्चा में आ गया है. दरअसल, शिक्षा विभाग ने करीब दो महीने शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादलों के लिए जिन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को सुगम घोषित किया था, उसे अब दुर्गम घोषित कर दिया है जबकि शिक्षकों के तबादलों की तिथि नजदीक आ गई है.

दूरस्थ क्षेत्रों में होने वाले तबादलों से बचने के लिए कोटिकरण में बदलाव करते हुए सात जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को दुर्गम क्षेत्र में शामिल कर दिया गया है. तबादला एक्ट के तहत 10 जून तक सभी विभागों को तबादला आदेश जारी करने थे, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर प्रदेश में लागू आदर्श आचार संहिता के चलते शिक्षकों-कर्मचारियों के तबादले नहीं हो पाए थे.

अब आदर्श आचार संहिता हटने के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षकों-कर्मचारियों के तबादलों की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिसके तहत शिक्षा विभाग सुगम, दुर्गम क्षेत्र के कोटिकरण और तबादलों के लिए पात्र शिक्षकों-कर्मचारियों की लिस्ट तैयार करने में जुट गई है.

प्रदेश के सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के कोटिकरण को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था, जिसके बाद समिति ने राज्य के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों का कोटिकरण किया. समिति ने 20 अप्रैल 2024 को सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को सुगम घोषित कर दिया था. लेकिन शिक्षा महानिदेशक ने 10 जून 2024 को एक आदेश जारी कर 20 अप्रैल 2024 को समिति की ओर से किए गए कोटिकरण को रद्द कर दिया.

आदेश के अनुसार- बड़कोट, चड़ीगांव, गौचर, रतूड़ा, डीडीहाट, लोहाघाट और बागेश्वर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को पहले सुगम घोषित किया गया था लेकिन दो महीने बाद ही ये सात जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान दुर्गम हो गए हैं.

शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी की ओर से जारी आदेश ने इस बात का जिक्र किया गया है कि शिक्षकों-कर्मचारियों के तबादले से उत्पन्न होने वाली विसंगतियों को देखते हुए साल 2024 के कोटिकरण को रद्द किया जा रहा है. लिहाजा, सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में साल 2022 में तय किए गए कोटिकरण ही लागू रहेगा.

पढ़ें-

  1. उत्तराखंड शिक्षा विभाग में बंपर भर्तियों की तैयारी, दो चरणों में होगी रिक्रूटमेंट
  2. उत्तराखंड में एलटी शिक्षकों की मांग हुई पूरी, सेवा नियमावली में हुआ संशोधन, जल्द जारी होगी एसओपी

देहरादून: उत्तराखंड शिक्षा विभाग एक बार फिर अपने एक कार्य को लेकर चर्चा में आ गया है. दरअसल, शिक्षा विभाग ने करीब दो महीने शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादलों के लिए जिन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को सुगम घोषित किया था, उसे अब दुर्गम घोषित कर दिया है जबकि शिक्षकों के तबादलों की तिथि नजदीक आ गई है.

दूरस्थ क्षेत्रों में होने वाले तबादलों से बचने के लिए कोटिकरण में बदलाव करते हुए सात जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को दुर्गम क्षेत्र में शामिल कर दिया गया है. तबादला एक्ट के तहत 10 जून तक सभी विभागों को तबादला आदेश जारी करने थे, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर प्रदेश में लागू आदर्श आचार संहिता के चलते शिक्षकों-कर्मचारियों के तबादले नहीं हो पाए थे.

अब आदर्श आचार संहिता हटने के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षकों-कर्मचारियों के तबादलों की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिसके तहत शिक्षा विभाग सुगम, दुर्गम क्षेत्र के कोटिकरण और तबादलों के लिए पात्र शिक्षकों-कर्मचारियों की लिस्ट तैयार करने में जुट गई है.

प्रदेश के सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के कोटिकरण को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था, जिसके बाद समिति ने राज्य के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों का कोटिकरण किया. समिति ने 20 अप्रैल 2024 को सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को सुगम घोषित कर दिया था. लेकिन शिक्षा महानिदेशक ने 10 जून 2024 को एक आदेश जारी कर 20 अप्रैल 2024 को समिति की ओर से किए गए कोटिकरण को रद्द कर दिया.

आदेश के अनुसार- बड़कोट, चड़ीगांव, गौचर, रतूड़ा, डीडीहाट, लोहाघाट और बागेश्वर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को पहले सुगम घोषित किया गया था लेकिन दो महीने बाद ही ये सात जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान दुर्गम हो गए हैं.

शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी की ओर से जारी आदेश ने इस बात का जिक्र किया गया है कि शिक्षकों-कर्मचारियों के तबादले से उत्पन्न होने वाली विसंगतियों को देखते हुए साल 2024 के कोटिकरण को रद्द किया जा रहा है. लिहाजा, सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में साल 2022 में तय किए गए कोटिकरण ही लागू रहेगा.

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  1. उत्तराखंड शिक्षा विभाग में बंपर भर्तियों की तैयारी, दो चरणों में होगी रिक्रूटमेंट
  2. उत्तराखंड में एलटी शिक्षकों की मांग हुई पूरी, सेवा नियमावली में हुआ संशोधन, जल्द जारी होगी एसओपी
Last Updated : Jun 11, 2024, 7:26 PM IST
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