देहरादून: केंद्रीय मंत्रिमंडल के स्वरूप से उत्तराखंड की राजनीति पर क्या असर पड़ने जा रहा है, इसको लेकर उत्तराखंड के सियासी गलियारों में चर्चाएं होने लगी हैं. कहीं लोग पहले ही संसद प्रत्याशी को केंद्रीय मंत्री मान के चल रहे थे, तो कहीं पूर्व मुख्यमंत्री होने का फायदा भी मंत्री पद नहीं दिलवा पाया.
उत्तराखंड से पूरा जनसमर्थन, फिर भी मात्र एक केंद्रीय राज्य मंत्री: लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार के तीसरे टर्म और उसके मंत्रिमंडल की तस्वीर भी साफ हो चुकी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्तराखंड की अल्मोड़ा सीट से चुनाव जीत कर आए अजय टम्टा को शामिल किया है. उन्हें केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री का पोर्टफोलियो दिया गया है. उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से केवल एक लोकसभा सीट अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा को केंद्रीय राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है. अगर उत्तराखंड की तरफ से भारतीय जनता पार्टी को दिए गए योगदान की बात करें तो पिछले तीन लोकसभा चुनाव से राज्य की पांचों सीटें उनकी झोली में जाती रही हैं. ऐसे में उत्तराखंड को उम्मीद थी कि केंद्र से केंद्रीय फुल फ्लैश मंत्री के रूप में किसी बड़े चेहरे को जिम्मेदारी दी जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, बल्कि केवल जातीय समीकरण को बैलेंस करने के लिए और दलित वर्ग को ध्यान रखते हुए अल्मोड़ा से अजय टम्टा को सड़क एवं परिवहन केंद्रीय राज्य मंत्री का पोर्टफोलियो दिया गया है.
गढ़वाल मंडल के तीनों सांसदों के मंसूबों पर फिरा पानी: भाजपा के केंद्रीय मंत्रिमंडल का स्वरूप सामने आने के बाद उत्तराखंड से लोकसभा चुनाव लड़े कई दिग्गजों की उम्मीद पर पानी फिर गया है. खासतौर से उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में आने वाली तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़े तीनों लोकसभा सांसदों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. सबसे पहले टिहरी लोकसभा सीट की बात करते हैं. उत्तराखंड से टिहरी लोकसभा सीट पर लगातार पिछले चार बार से महारानी माला राज्य लक्ष्मी सांसदी का चुनाव जीत रही हैं. सीनियरिटी के हिसाब से उनके समर्थक उम्मीद कर रहे थे कि इस बार उन्हें कैबिनेट में जगह दी जाएगी. हालांकि महारानी को नजदीक से जानने वाले लोग यह मानते हैं कि महारानी राजघराने से हैं, इसलिए वह किसी भी तरह के मंत्री पद की इच्छुक नहीं हैं.
त्रिवेंद्र की उम्मीदों को भी झटका: दूसरे चेहरे की बात करें तो हरिद्वार लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चुनाव जीते हैं. त्रिवेंद्र पीएम मोदी और अमित शाह के बेहद नजदीकी माने जाते हैं. अब तक का यह पैटर्न रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री को केंद्र में फुल फ्लैश मंत्रालय दिया जाता है. त्रिवेंद्र रावत और उनके समर्थकों को भी उम्मीद थी कि जिस तरह से उन पर मुख्यमंत्री के रूप में भरोसा किया गया था, उसी तरह से अब केंद्रीय मंत्री बनाया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
अनिल बलूनी भी नहीं पा सके मंत्री पद: गढ़वाल सीट पर अगर बात करें तो पीएम मोदी की टीम के सदस्य अनिल बलूनी जब चुनाव लड़ रहे थे, तो उसे समय उनके चुनाव प्रचार में यही चर्चाएं थी कि गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद नहीं बल्कि केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं. यही नहीं कई केंद्रीय मंत्रियों ने जिसमें अमित शाह और राजनाथ सिंह शामिल थे, अनिल बलूनी के चुनाव प्रचार में खुले मंच से यह कहा था कि अनिल बलूनी को केवल सांसद बनने के लिए यहां नहीं भेजा गया है, बल्कि उन्होंने उनके लिए बहुत कुछ सोचा है. इससे लोगों को यह मानने में और आसानी हो गई कि गढ़वाल से चुनाव जीतने के बाद अनिल बलूनी को सीधे केंद्रीय मंत्रालय में जगह मिलेगी. लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हुआ है. निकट भविष्य में इसकी उम्मीद की जा सकती है.
रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद भी अजय भट्ट के हाथ खाली: इसके अलावा कुमाऊं मंडल से एक और सांसद जो कि रिकॉर्ड तोड़ वोटों के अंतर से चुनाव जीतकर आए. पूर्व में वह केंद्र में मंत्री भी थे उनको फिर से केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की उम्मीद थी. लेकिन अब अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट से विजयी अजय टम्टा के केंद्रीय राज्य मंत्री बनने के बाद नैनीताल से सांसद अजय भट्ट का फिलहाल केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह बना पाना बेहद मुश्किल है.
विपक्ष बोला- गढ़वाल को ठगा गया: मोदी के तीसरे कार्यकाल के रूप में सामने आए केंद्रीय मंत्रिमंडल के स्वरूप को देखने के बाद विपक्ष भाजपा पर काफी हमलावर हो गया है. कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा ने उत्तराखंड के लोगों को ठगा है. जिस तरह से लगातार पिछले तीन बार से उत्तराखंड के लोगों ने उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को विजयश्री दी है, उस अनुपात में केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्तराखंड के सांसदों को जगह नहीं दी गई है. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि पीएम मोदी के इस तीसरे टर्म के मंत्रिमंडल में उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल की पूरी तरह से अनदेखी की गई है. जिस तरह से मुख्यमंत्री भी कुमाऊं से हैं और अब केंद्रीय मंत्री भी कुमाऊं से ही बनाया गया है, निश्चित तौर से यह गढ़वाल क्षेत्र के कार्यकर्ताओं और गढ़वाल क्षेत्र की जनता के साथ पक्षपात है, जिसे जनता देख रही है.
भाजपा बोली- हमारे अनुभवी नेता समग्रता में रखते हैं भरोसा: वहीं इस पूरे विषय पर जब भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनके अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा को जगह दी गई है. यह उत्तराखंड के लिए बेहद बड़ी उपलब्धि है. साथ ही उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा बेहद अनुभवी नेता हैं. वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल रह चुके हैं. अब दूसरी बार उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है जो कि उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. वहीं इसके अलावा गढ़वाल क्षेत्र से किसी सांसद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में न शामिल किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी समग्रता पर यकीन करती है. उत्तराखंड के किसी भी हिस्से से किसी भी व्यक्ति को अगर जिम्मेदारी दी जाती है, तो वह पूरे उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि समय-समय पर पार्टी जिसकी जहां जो उपयोगिता समझती है, उसकी जिम्मेदारी दी जाती है.
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