देहरादून: उत्तराखंड में सुगम एवं सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार ने कमर कस ली है. चुनावी व्यस्तता के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यात्रा तैयारियों की नियमित रूप से मॉनिटरिंग कर रहे हैं. यात्रा तैयारियों के क्रम में आज मुख्य सचिव की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को यात्रा के शुरुआती 15 दिनों में वीवीआइपी दर्शनों को अवॉइड करने के लिए पत्र भेजा गया.
चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं. सीएम धामी यात्रा तैयारियों की नियमित मॉनिटरिंग कर रहे हैं. साथ ही अधिकारियों से भी इस संबंध में नियमित रूप से संपर्क में बने हुए हैं.इस बार की चारधाम यात्रा और भी अधिक दिव्य और भव्य हो एवं आम श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके मद्देनजर राज्य सरकार के स्तर से पुख्ता तैयारियां की जा रही हैं.
पहले 15 दिन नहीं होंगे वीवीआईपी दर्शन: गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने बताया सीएम धामी के दिशा-निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा गया है. जिसमें यात्रा के शुरुआती 15 दिनों(विशेष रूप से केदारनाथ धाम) में वीवीआइपी दर्शनों को टालने की कोशिश करने की अपील की गई है. साथ ही इस संबंध में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भी सूचित किया जा रहा है.
गढ़वाल कमिश्नर ने बताया हेली सेवाओं में किसी भी तरह की कालाबाजारी एवं ठगी जैसी घटनाएं न हो सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए इस बार केवल आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट से टिकटों की बुकिंग की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा उन्होंने आमजन से भी अपील की है कि वे राज्य सरकार द्वारा अधिकृत आईआरसीटीसी से ही हेली बुकिंग करें. उन्होंने कहा कि, सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. इसके लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा इस बार यात्रा को लेकर तमाम अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जा रही हैं. जिससे श्रद्धालुओं को कम से कम परेशानी हो.
20 स्थानों पर पार्क हो सकेंगे 1495 वाहन, एप से होगी मॉनिटरिंग: केदारनाथ यात्रा को लेकर इस बार राज्य सरकार की ओर से वृहद तैयारियां की गई हैं. गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने बताया इस बार गत वर्ष की तुलना में हर प्रकार से श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई है. गत वर्ष केदारनाथ यात्रा मार्ग में कुल 9 पार्किंग थी. इस बार कुल 20 स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है. यहां 1495 वाहनों की पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी. पहली बार वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए एप बनाई गई है.
700 सफाई कर्मियों की रहेगी तैनाती: यात्रा मार्ग पर सफाई व्यवस्था को लेकर भी बेहतर इंतजाम किए गए हैं. गत वर्ष 617 सफाई कर्मियों को इस कार्य में लगाया गया था. इस बार कुल 700 कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. यात्रा रूट में पहली बार चार नए हाई टेक मॉड्यूलर शौचालय एवं 4 नए मोबाइल मॉड्यूलर शौचालय की व्यवस्था की गई है. इसके अतिरिक्त एक रोड स्वीपिंग मशीन भी सफाई कार्य में लगाई जाएगी.
पूरी तरह से निगरानी में रहेंगे घोड़े-खच्चर: इस बार यात्रा रूट पर चलने वाले सभी 4000 घोड़े-खच्चरों की निगरानी भी प्रशासन के स्तर से की जाएगी. गत वर्ष तक आंशिक रूप से मॉनिटरिंग का कार्य किया जाता था. इसके अलावा हॉकर्स के लिए पहली बार पहचान पत्र जारी किए जाएंगे. इसके अलावा, स्वास्थ्य जांच के साथ ही 30 टन क्षमता का वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट सोनप्रयाग में बनाने के साथ ही डंपिंग ग्राउंड की व्यवस्था की गई है. इस बार रोस्टर प्रणाली के संचालन की भी व्यवस्था की जा रही है. इस बार घोड़े-खच्चरों के लिए 24 घंटे संचालित कुल 15 पानी की चरी संचालित की जाएगी. इसके अलावा, घोड़े-खच्चरों के साथ चलने वालों के लिए 197 लोगों की क्षमता की दो डोरमेट्री की व्यवस्था की गई है.
इसके अलावा सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सड़क मार्ग को भी बेहतर किया गया है. अधिकांश स्थानों पर 5 से 8 मीटर तक सड़क का चौड़ीकरण किया गया है. स्वास्थ्य सुविधाओं में भी इस बार अपेक्षित सुधार किया गया है. कुल 5 एम्बुलेंस की तैनाती के साथ ही पहली बार 3 गोल्फ कार्ट तैनात की जा रही हैं. गढ़वाल कमिश्नर ने इस बार स्थानीय व्यवस्थाओं को न छेड़ते हुए सभी चिकित्सकों की व्यवस्था इससे इतर की जा रही है. इससे स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से परेशानी नहीं होगा. लगभग 18 स्थानों पर स्वास्थ्य जांच केंद्र संचालित किए जाएंगे.