लखनऊ: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस के मामले में नए-नए प्रयोग कर रहा है. लखनऊ में अगस्त माह में जारी हुए एक मृतक के ड्राइविंग लाइसेंस के बाद यह प्रयोग किए जा रहे हैं. अब आवदेक को लर्नर लाइसेंस के लिए जिंदा होने का सबूत देना होगा. विभाग ने इसे अनिवार्य कर दिया है. अब टेस्ट देते समय पहले पांच सेकंड तक कैमरे के सामने मुस्कुराना होगा. पांच बार पलकें झपकाना होगा और टेस्ट के दौरान 30 सेकंड में एक बार मूवमेंट करके दिखाना होगा.
इनमें किसी भी एक स्तर पर कोताही हुई तो डीएल जारी होने की प्रक्रिया रुक जाएगी. शुरुआत के पांच सेकंड मुस्कुराने और पांच बार पलक झपकाने के बाद ही लर्नर लाइसेंस के टेस्ट के लिए आगे बढ़ पाएंगे. इसके बाद टेस्ट शुरू होगा तो 30 सेकंड में एक बार थोड़ा हिलना-डुलना पड़ेगा तभी समझ आएगा कि लर्नर लाइसेंस के लिए जो आवेदक टेस्ट दे रहा है, वह जिंदा है. किसी फोटो को रखकर टेस्ट नहीं दिया जा रहा है.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नई व्यवस्था: लखनऊ में अगस्त माह में राजकुमारी वर्मा नाम से एक ऐसा लर्नर लाइसेंस जारी हो गया, जो परिवहन विभाग के फूलप्रूफ सिस्टम में सेंध लगाने वाला साबित हुआ. मृतक का लर्नर लाइसेंस बन गया तो परिवहन विभाग ने सुधार की प्रक्रिया शुरू की. एनआईसी को निर्देश दिया कि सारथी पोर्टल प्रति सिस्टम इतना फूलप्रूफ करें, जिससे इस तरह के ड्राइविंग लाइसेंस किसी कीमत पर न बनें. इसके बाद एनआईसी ने अब ड्राइविंग लाइसेंस में एक नई व्यवस्था शुरू की है. इसके लिए घर बैठे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले आवेदकों के पहले कैमरे के सामने बैठते ही लर्नर लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू हो जाती थी, लेकिन अब कैमरे के सामने पहले उन्हें पांच सेकंड तक मुस्कुराना होगा. उसके बाद पांच बार पलक झपकाना होगा, तब जाकर यह प्रक्रिया शुरू होगी. टेस्ट देने के दौरान 30 सेकंड में फिर रिस्पांस करना होगा, नहीं तो सॉफ्टवेयर ये मान लेगा कि सामने तस्वीर रखकर परीक्षा दी जा रही है. पलक झपकाने और मुस्कुराने से ये साबित हो जाएगा कि परीक्षा दे रहा व्यक्ति जीवित है. कोई फ्रॉड नहीं हो रहा है.
बायोमेट्रिक व्यवस्था भी लागू करने की तैयारी : परिवहन विभाग में घर बैठे लोगों को लर्नर लाइसेंस बनवाने की सुविधा दी. इसमें आधार कार्ड प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया. इसका लर्नर लाइसेंस बनाने में लोग फायदा भी उठाने लगे. मृतक का लाइसेंस बना तो अब परिवहन विभाग व्यवस्था में और भी सुधार करने जा रहा है. इसके तहत बायोमेट्रिक भी अनिवार्य किया जाएगा. घर बैठे अगर कोई आवेदक अपना लर्नर लाइसेंस बनवाएगा तो उसे बायोमेट्रिक मशीन खरीदनी होगी और अंगूठा टच करना होगा. इसके अलावा उसके पास जन सुविधा केंद्रों पर भी टेस्ट देने का विकल्प होगा, साथ ही आरटीओ कार्यालय आकर भी लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए बायोमेट्रिक की प्रक्रिया से गुजर सकेगा. परिवहन विभाग के अधिकारी मानते हैं कि बायोमेट्रिक होने से यह तो तय हो जाएगा कि जो व्यक्ति अपना लर्नर लाइसेंस बनवा रहा है वह जीवित है.
क्या कहते हैं आवेदक : घर बैठे अपना लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस बनवा पाने में सफल नहीं होने पर आवेदक आरटीओ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. आवेदकों का कहना है कि घर बैठे सारथी पोर्टल पर फेस मैचिंग हो ही नहीं पाती और भी कई तरह की समस्याएं आती हैं, जिसके चलते ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में देरी होती है. अपने आप तो बन ही नहीं पाता है. जब लखनऊ आरटीओ कार्यालय आए यहां पर अधिकारियों और जानकारों ने जब जानकारी दी तब जाकर प्रक्रिया आगे बढ़ी और लाइसेंस बन पा रहा है. इस तरह की कई समस्याएं आवेदकों को झेलनी पड़ रही हैं. व्यवस्थाएं आसान करनी चाहिए जिससे लोगों को इसका फायदा मिल सके.
इस बारे में परिवहन विभाग के एआरटीओ हिमांशु जैन का कहना है कि एनआईसी ने पांच सेकंड मुस्कुराने और पांच बार पलक झपकाने की व्यवस्था लागू कर दी है. इसकी जानकारी भी अब दी जा रही है. इस व्यवस्था से यह फायदा होगा कि जीवित व्यक्तियों का ही लाइसेंस बन पाएगा. किसी मृतक का लाइसेंस बनना संभव नहीं होगा. ड्राइविंग लाइसेंस में कई और तरह के परिवर्तन धीरे-धीरे किए जा रहे हैं.