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बिजली उपभोक्ताओं को झटका देने की तैयारी; रेट बढ़ाने के लिए प्रस्ताव, जानिए आपकी जेब पर कितना पड़ेगा असर - POWER CORPORATION

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 1, 2024, 3:37 PM IST

Updated : Jul 1, 2024, 4:35 PM IST

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन बिजली उपभोक्ताओं को जोर का झटका देने की तैयारी कर रहा है. विभाग कनेक्शन से लेकर कई अन्य कार्यों के लिए रेट बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है.

यूपीपीसीएल ने विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किए प्रस्ताव.
यूपीपीसीएल ने विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किए प्रस्ताव. (Photo Credit; Etv Bharat)
अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष-उपभोक्ता परिषद. (Video Credit; Etv Bharat)

लखनऊ: बिजली विभाग ने कई ऐसे प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किए हैं जिन पर अगर आयोग ने मुहर लगाई तो फिर उपभोक्ताओं को जोरदार झटका लगेगा. पावर कॉरपोरेशन ने बिजली दरें बढ़ाने के प्रस्ताव के साथ ही कनेक्शन की दरें बढ़ाने, रि कनेक्शन और डिस्कनेक्शन की भी दरें बढ़ाने के अलावा बिल के लिए जो मैसेज आएगा, उस पर भी 10 रुपये वसूलने की तैयारी की है. अगर इन पर नियामक आयोग ने फैसला ले लिया तो फिर बिजली जलाना उपभोक्ताओं के लिए काफी महंगा होगा.

यूपीपीसीएल ने नियामक आयोग में प्रस्ताव किया दाखिल
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लगातार इस जुगत में लगा है कि किसी न किसी तरह से उपभोक्ताओं से पैसे ऐंठे जाएं. उनसे ज्यादा से ज्यादा राजस्व वसूल कर अपना खजाना भरा जाए. हालांकि पिछले कई सालों से बिजली की दरें बढ़ाने को लेकर बार-बार नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल करने के बावजूद यूपीपीसीएल को सफलता नहीं मिल रही है. नियामक आयोग ने बिजली दरें नहीं बढ़ाई हैं. एक बार फिर पावर कॉरपोरेशन की तरफ से नियामक आयोग में बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दाखिल किया जा चुका है. इसके अलावा कनेक्शन भी महंगा करने की पावर कॉरपोरेशन की योजना है. ऊर्जा विभाग की तरफ से कनेक्शन की कीमतें संशोधित करने को लेकर भी नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल है. इतना ही नहीं यूपीपीसीएल की तरफ से प्रीपेड उपभोक्ताओं के भी कनेक्शन जोड़ने और काटने को लेकर शुल्क वसूलने की तैयारी की जा रही है.

दोबारा बिजली कनेक्शन जोड़ने पर 50 रुपये चार्ज
आयोग में यूपीपीसीएल की तरफ से जो प्रस्ताव दिया गया है, उसके मुताबिक प्रीपेड मीटर उपभोक्ता का अगर कनेक्शन काटता है और दोबारा बिल जमा करने पर जुड़ता है तो इसके एवज में 50 वसूले जाएंगे. इतना ही नहीं कनेक्शन पर कितना बकाया है, इसकी जानकारी देने के लिए जो मैसेज जाएगा उसके लिए भी 10 वसूलने का प्लान है. पावर कॉरपोरेशन यही नहीं थम रहा है. अन्य प्लान पर भी यूपीपीसीएल काम कर रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका दिया जा सके.

मुआवजा कानून देने को नहीं तैयार
उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका देने की लगातार उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की कोशिश है लेकिन जब उपभोक्ताओं को फायदा देने की बात आए तो पावर कॉरपोरेशन अपने पैर पीछे खींच रहा है. अपनी गलती के लिए भी यूपीपीसीएल खामियाजा भुगतने को तैयार नहीं हो रहा है. पावर कॉरपोरेशन की तरफ से बिजली काटने से लेकर कनेक्शन लगने और अन्य उपभोक्ताओं से जुड़ी तमाम समस्याओं के लिए मुआवजा कानून लागू किया गया है, लेकिन साल भर से ज्यादा समय होने के बावजूद अब तक मुआवजा देने की नौबत नहीं आई है. उपभोक्ता क्लेम ही न कर पाएं ऐसी जटिल प्रक्रिया यूपीपीसीएल ने बनाई है.


उपभोक्ता परिषद की जनहित याचिकाएं पड़ती हैं भारी
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की तरफ से लगातार उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका देने की योजना बनती है, लेकिन उपभोक्ता परिषद उस पर पानी फेर देता है. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा की तरफ से हर मामले पर नियामक आयोग में जनहित याचिका दाखिल कर दी जाती है. तर्क के साथ जवाब प्रस्तुत किए जाते हैं तो यूपीपीसीएल को मजबूरन अपने पैर खींचने पड़ जाते हैं. अब एक बार फिर यूपीपीसीएल ने आयोग में तमाम तरह के प्रस्ताव दाखिल किए तो उपभोक्ता परिषद ने भी उन सभी प्रस्तावों पर जनहित याचिका लगा दी, जिन पर सुनवाई के बाद ही कोई फैसला आयोग की तरफ से लिया जाएगा.



पावर कॉरपोरेशन अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो सकता, क्योंकि उपभोक्ताओं का पावर कॉरपोरेशन पर हजारों करोड़ रुपए बकाया है. जब तक पावर कॉरपोरेशन उपभोक्ताओं का बकाया नहीं चुका दे तब तक नैतिक आधार पर बिजली दरें बढ़ाई ही नहीं जा सकतीं. हम इसकी लड़ाई लड़ेंगे और बिजली दरें बढ़ने ही नहीं देंगे. अन्य जो भी प्रस्ताव पावर कॉरपोरेशन की तरफ से दिए गए हैं उनका भी तर्क के साथ जवाब दिया जाएगा. मुआवजा कानून को लेकर भी लगातार बहस छिड़ी हुई है. ओटीपी का विकल्प पावर कॉरपोरेशन दे तो उपभोक्ताओं को मुआवजा मिले, लेकिन इसमें कोताही की जा रही है. -अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष-उपभोक्ता परिषद

अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष-उपभोक्ता परिषद. (Video Credit; Etv Bharat)

लखनऊ: बिजली विभाग ने कई ऐसे प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किए हैं जिन पर अगर आयोग ने मुहर लगाई तो फिर उपभोक्ताओं को जोरदार झटका लगेगा. पावर कॉरपोरेशन ने बिजली दरें बढ़ाने के प्रस्ताव के साथ ही कनेक्शन की दरें बढ़ाने, रि कनेक्शन और डिस्कनेक्शन की भी दरें बढ़ाने के अलावा बिल के लिए जो मैसेज आएगा, उस पर भी 10 रुपये वसूलने की तैयारी की है. अगर इन पर नियामक आयोग ने फैसला ले लिया तो फिर बिजली जलाना उपभोक्ताओं के लिए काफी महंगा होगा.

यूपीपीसीएल ने नियामक आयोग में प्रस्ताव किया दाखिल
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लगातार इस जुगत में लगा है कि किसी न किसी तरह से उपभोक्ताओं से पैसे ऐंठे जाएं. उनसे ज्यादा से ज्यादा राजस्व वसूल कर अपना खजाना भरा जाए. हालांकि पिछले कई सालों से बिजली की दरें बढ़ाने को लेकर बार-बार नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल करने के बावजूद यूपीपीसीएल को सफलता नहीं मिल रही है. नियामक आयोग ने बिजली दरें नहीं बढ़ाई हैं. एक बार फिर पावर कॉरपोरेशन की तरफ से नियामक आयोग में बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दाखिल किया जा चुका है. इसके अलावा कनेक्शन भी महंगा करने की पावर कॉरपोरेशन की योजना है. ऊर्जा विभाग की तरफ से कनेक्शन की कीमतें संशोधित करने को लेकर भी नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल है. इतना ही नहीं यूपीपीसीएल की तरफ से प्रीपेड उपभोक्ताओं के भी कनेक्शन जोड़ने और काटने को लेकर शुल्क वसूलने की तैयारी की जा रही है.

दोबारा बिजली कनेक्शन जोड़ने पर 50 रुपये चार्ज
आयोग में यूपीपीसीएल की तरफ से जो प्रस्ताव दिया गया है, उसके मुताबिक प्रीपेड मीटर उपभोक्ता का अगर कनेक्शन काटता है और दोबारा बिल जमा करने पर जुड़ता है तो इसके एवज में 50 वसूले जाएंगे. इतना ही नहीं कनेक्शन पर कितना बकाया है, इसकी जानकारी देने के लिए जो मैसेज जाएगा उसके लिए भी 10 वसूलने का प्लान है. पावर कॉरपोरेशन यही नहीं थम रहा है. अन्य प्लान पर भी यूपीपीसीएल काम कर रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका दिया जा सके.

मुआवजा कानून देने को नहीं तैयार
उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका देने की लगातार उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की कोशिश है लेकिन जब उपभोक्ताओं को फायदा देने की बात आए तो पावर कॉरपोरेशन अपने पैर पीछे खींच रहा है. अपनी गलती के लिए भी यूपीपीसीएल खामियाजा भुगतने को तैयार नहीं हो रहा है. पावर कॉरपोरेशन की तरफ से बिजली काटने से लेकर कनेक्शन लगने और अन्य उपभोक्ताओं से जुड़ी तमाम समस्याओं के लिए मुआवजा कानून लागू किया गया है, लेकिन साल भर से ज्यादा समय होने के बावजूद अब तक मुआवजा देने की नौबत नहीं आई है. उपभोक्ता क्लेम ही न कर पाएं ऐसी जटिल प्रक्रिया यूपीपीसीएल ने बनाई है.


उपभोक्ता परिषद की जनहित याचिकाएं पड़ती हैं भारी
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की तरफ से लगातार उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका देने की योजना बनती है, लेकिन उपभोक्ता परिषद उस पर पानी फेर देता है. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा की तरफ से हर मामले पर नियामक आयोग में जनहित याचिका दाखिल कर दी जाती है. तर्क के साथ जवाब प्रस्तुत किए जाते हैं तो यूपीपीसीएल को मजबूरन अपने पैर खींचने पड़ जाते हैं. अब एक बार फिर यूपीपीसीएल ने आयोग में तमाम तरह के प्रस्ताव दाखिल किए तो उपभोक्ता परिषद ने भी उन सभी प्रस्तावों पर जनहित याचिका लगा दी, जिन पर सुनवाई के बाद ही कोई फैसला आयोग की तरफ से लिया जाएगा.



पावर कॉरपोरेशन अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो सकता, क्योंकि उपभोक्ताओं का पावर कॉरपोरेशन पर हजारों करोड़ रुपए बकाया है. जब तक पावर कॉरपोरेशन उपभोक्ताओं का बकाया नहीं चुका दे तब तक नैतिक आधार पर बिजली दरें बढ़ाई ही नहीं जा सकतीं. हम इसकी लड़ाई लड़ेंगे और बिजली दरें बढ़ने ही नहीं देंगे. अन्य जो भी प्रस्ताव पावर कॉरपोरेशन की तरफ से दिए गए हैं उनका भी तर्क के साथ जवाब दिया जाएगा. मुआवजा कानून को लेकर भी लगातार बहस छिड़ी हुई है. ओटीपी का विकल्प पावर कॉरपोरेशन दे तो उपभोक्ताओं को मुआवजा मिले, लेकिन इसमें कोताही की जा रही है. -अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष-उपभोक्ता परिषद

Last Updated : Jul 1, 2024, 4:35 PM IST
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