लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नए मुख्यसचिव की खोजबीन शुरू हो गई है. दुर्गा शंकर मिश्र का तीसरी बार बढ़ा हुआ सेवा विस्तार 30 जून को समाप्त हो रहा है. मुख्य सचिव बनने की दौड़ में मनोज कुमार सिंह, देवेश चतुर्वेदी, एसपी गोयल सहित कई सीनियर IAS अधिकारियों के नाम चर्चा में हैं.
अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल और अपर मुख्य सचिव नियुक्ति देवेश चतुर्वेदी को उत्तर प्रदेश सरकार से केंद्र के लिए एनओसी दे दी गई है. ये दोनों अधिकारी भारत सरकार के सचिव पद के लिए पहले से इम्पैनल्ड हैं. सबसे ज्यादा संभावना मुख्य सचिव बनने वालों में मनोज कुमार सिंह की है. उनका रिटायरमेंट भी अगले साल है.
दिल्ली में DOPT में तैनात राधा एस चौहान के नाम की भी चर्चा है. राधा चौहान पूर्व डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान की पत्नी हैं. हालांकि, उनका रिटायरमेंट भी इसी महीने में है. केंद्र सरकार उन्हें अगर सेवा विस्तार देकर चीफ सेक्रेटरी बनाती है तो वह अलग बात है.
मनोज कुमार सिंह 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. इस वक्त सूबे के ताकतवर आईएएस अधिकारियों में शुमार हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं. ब्यूरोक्रेसी में नंबर दो कृषि उत्पादन आयुक्त के पद पर तैनात हैं. मुख्य सचिव के बाद यूपी की ब्यूरोक्रेसी में सबसे ताकतवर पद उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन आयुक्त का होता है. मनोज सिंह के पास औद्योगिक विकास आयुक्त के साथ ही कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी भी है.
एसपी गोयल 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफी विश्वसनीय अधिकारियों में से एक हैं. उत्तर प्रदेश में जब से मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभाली है, तब से वह मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात हैं. हालांकि गोयल दिल्ली जाकर सचिव पद पर तैनाती के लिए प्रयासरत हैं और लोकसभा चुनाव के बीच में ही राज्य सरकार ने उन्हें एनओसी दे दी है. चर्चा ये भी है कि केन्द्र सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालय में उन्हें सचिव पद पर तैनात किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो सबसे बड़े राज्य के चीफ सेक्रेटरी बनने का उनका सपना अधूरा रह जाएगा.
देवेश चतुर्वेदी 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वर्तमान में सबसे महत्वपूर्ण विभाग में तैनात हैं. प्रमुख सचिव नियुक्ति के साथ-साथ कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद की जिम्मेदारी भी उनके पास है. देवेश साफ सुथरी छवि के अधिकारी माने जाते हैं और मुख्यमंत्री के साथ-साथ दिल्ली में भी उनके अच्छे रिश्ते हैं. एसपी गोयल की तरह देवेश चतुर्वेदी को भी केंद्र सरकार में पोस्टिंग का अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया है.
हालांकि, अगर सीनियरिटी की बात की जाए तो 1987 बैच के दो आईएएस अधिकारी केंद्र सरकार में सचिव के पद पर तैनात हैं. जिनमें अरुण सिंघल सचिव स्वास्थ्य मंत्रालय व लीना नंदन सचिव खाद्य मंत्रालय के पद पर तैनात हैं. इन दोनों अधिकारियों को चीफ सेक्रेटरी बनाए जाने को लेकर फिलहाल कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं. वहीं 1988 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी रजनीश दुबे इसी साल 31 अगस्त में रिटायर हो रहे हैं और वह वर्तमान में राजस्व परिषद के अध्यक्ष के पद पर तैनात हैं.
चीफ सेक्रेटरी की तैनाती के साथ ही उत्तर प्रदेश के ब्यूरोक्रेसी के कई अहम पदों पर भी तमाम तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे. जैसे कि मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव या अपर मुख्य सचिव के पद पर भी फेरबदल होगा. प्रमुख सचिव नियुक्ति कार्मिक, कृषि उत्पादन आयुक्त जैसे तमाम महत्वपूर्ण पदों पर दूसरे अफसरो की पोस्टिंग के साथ यूपी ब्यूरोक्रेसी के समीकरण बदले हुए नजर आएंगे.
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