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मोदी सरकार 3.0 में यूपी से एसपी सिंह बघेल और राजकुमार चाहर को मिल सकती है जगह, बुलाए गए दिल्ली - Modi Government 3

2019 में दूसरी बार पीएम बनने पर मोदी मंत्रिमंडल में आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल पहले विधि एवं न्याय राज्य मंत्री बनाए गए. फिर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री बने. इस बार एसपी सिंह बघेल ने प्रचंड जीत दर्ज की है. जिससे मोदी 3.0 सरकार के मंत्रिमंडल में उनकी दावेदारी मजबूत है.

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जीत के बाद आगरा सांसद एसपी सिंह बघेल और फतेहपुर सीकरी सांसद राजकुमार चाहर. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 7, 2024, 12:31 PM IST

आगरा सांसद एसपी सिंह बघेल से संवाददाता श्यामवीर ने खास बातचीत की. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

आगरा: केंद्र की मोदी 1.0 और मोदी 2.0 सरकार के मंत्रिमंडल में आगरा की मजबूत भागेदारी रही है. सन 2014 में जब पहली बार मोदी पीएम बने तो आगरा लोकसभा सीट से जीते रामशंकर कठेरिया को केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री बनाया गया था.

2019 में दूसरी बार पीएम बनने पर मोदी मंत्रिमंडल में आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल पहले विधि एवं न्याय राज्य मंत्री बनाए गए. फिर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री बने. इस बार एसपी सिंह बघेल ने प्रचंड जीत दर्ज की है. जिससे मोदी 3.0 सरकार के मंत्रिमंडल में उनकी दावेदारी मजबूत है.

इसके साथ ही आगरा की फतेहपुर सीट से दूसरी बार सांसद राजकुमार चाहर भी मंत्री की दौड़ में शामिल हैं. दोनों को जातीय समीकरण के आधार पर मोदी 3.0 के मत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. अब देखना है कि, मंत्रिमंडल में प्रो. एसपी सिंह बघेल को इस बार भी जगह मिलती है या नहीं और राजकुमार चाहर पहली बार मंत्री बनते हैं या नहीं.

बता दें कि, आगरा लोकसभा सीट से एक बार फिर जनता ने भाजपा प्रत्याशी प्रो. एसपी सिंह बघेल को संसद पहुंचाया है. प्रो. एसपी सिंह बघेल ने सपा गठबंधन के प्रत्याशी सुरेश कुमार कर्दम को 2.72 लाख वोटों से हराया है. ऐसे ही आगरा की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी राजकुमार चाहर दूसरी बार सांसद बने हैं. मगर, उनकी जीत का अंतर कम हो गया है.

सन 2019 में जहां राजकुमार चाहर ने कांग्रेस प्रत्याशी सिनेस्टार राज बब्बर को 4.95 लाख वोटों से हराया था. मगर, इस बार राजकुमार को टक्कर कांग्रेस प्रत्याशी राजनाथ सिंह सिकरवार ने दी. उनकी जीत का अंतर भी 42 हजार वोट का रहा है.

क्योंकि, राजकुमार चाहर को लेकर भाजपा में भी बगावत हो गई थी. जनता ने भी उन पर क्षेत्र में नहीं आने का आरोप लगाया था. इसीलिए तो राजकुमार चाहर के लिए वोट मांगने को सीएम योगी ने तीन जनसभाएं की. राजनाथ सिंह ने भी जनसभा की. पीएम मोदी ने भी अपील की थी.

आगरा के दूसरी बार सांसद बने प्रो. एसपी सिंह बघेल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि मेरी प्राथमिकता में इस बार आगरा में यमुना बैराज, सिविल एन्क्लेव और इंटरनेशनल स्टेडियम हैं. सपा और कांग्रेस गठबंधन से दोनों लड़कों की जोड़ी ने जिस तरह से अफवाह का माहौल बनाया था.

संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने की बातें मंच से फैलाई थीं. इसी अफवाह के माहौल में बसपा के समर्थक भ्रमित हो गए. बसपा के समर्थक डायवर्ट हो गए. जिससे सपा और कांग्रेस गठबंधन की सीटें प्रदेश में आई हैं. इसी वजह से बसपा को प्रदेश में शून्य मिला.

भाजपा ने 2019 में आगरा के सांसद रामशंकर कठेरिया को इटावा भेजा और आगरा से प्रो. एसपी सिंह बघेल को चुनाव मैदान में उतारा था. भाजपा के प्रत्याशी प्रो. एसपी सिंह बघेल ने सपा-बसपा गठबंधन के बसपा उम्मीदवार मनोज कुमार सोनी को 211546 वोटों से हराया था. इस बार प्रो. एसपी सिंह बघेल की जीत का अंतर बढ़ा है.

बता दें कि, प्रदेश में जातीय समीकरण साधने के लिए आगरा सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल और फतेहपुर सीकरी सांसद किसान नेता राजकुमार चाहर को मोदी 3.0 में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. क्योंकि, प्रो. एसपी सिंह बघेल जहां अपने काम और स्वच्छ छवि के लिए जाने जाते हैं. उनकी केंद्रीय संगठन में भी पैंठ हैं. जबकि, राजकुमार चाहर पार्टी में जाट नेता के रूप में बड़ा नाम हैं. भाजपा के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी राजकुमार चाहर रहे हैं.

फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर और आगरा सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल को पार्टी संगठन ने दिल्ली बुला लिया है. दोनों सांसद दूसरी बार चुने गए हैं. जो एनडीए के सांसदों की दिल्ली में बैठक आज दोनों सांसद भाग लेंगे. इसके बाद ही नए मंत्रिमंडल की रूपरेखा तैयार होगी. जिसको लेकर दोनों ही सांसद अपनी भूमिका के बारे में तैयारी में जुटे हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः अखिलेश के PDA की लहर; राम मंदिर का ढिंढोरा फेल और जटिल जातीय समीकरण... फिर भी CM Yogi बचा ले गए अपना गढ़

आगरा सांसद एसपी सिंह बघेल से संवाददाता श्यामवीर ने खास बातचीत की. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

आगरा: केंद्र की मोदी 1.0 और मोदी 2.0 सरकार के मंत्रिमंडल में आगरा की मजबूत भागेदारी रही है. सन 2014 में जब पहली बार मोदी पीएम बने तो आगरा लोकसभा सीट से जीते रामशंकर कठेरिया को केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री बनाया गया था.

2019 में दूसरी बार पीएम बनने पर मोदी मंत्रिमंडल में आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल पहले विधि एवं न्याय राज्य मंत्री बनाए गए. फिर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री बने. इस बार एसपी सिंह बघेल ने प्रचंड जीत दर्ज की है. जिससे मोदी 3.0 सरकार के मंत्रिमंडल में उनकी दावेदारी मजबूत है.

इसके साथ ही आगरा की फतेहपुर सीट से दूसरी बार सांसद राजकुमार चाहर भी मंत्री की दौड़ में शामिल हैं. दोनों को जातीय समीकरण के आधार पर मोदी 3.0 के मत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. अब देखना है कि, मंत्रिमंडल में प्रो. एसपी सिंह बघेल को इस बार भी जगह मिलती है या नहीं और राजकुमार चाहर पहली बार मंत्री बनते हैं या नहीं.

बता दें कि, आगरा लोकसभा सीट से एक बार फिर जनता ने भाजपा प्रत्याशी प्रो. एसपी सिंह बघेल को संसद पहुंचाया है. प्रो. एसपी सिंह बघेल ने सपा गठबंधन के प्रत्याशी सुरेश कुमार कर्दम को 2.72 लाख वोटों से हराया है. ऐसे ही आगरा की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी राजकुमार चाहर दूसरी बार सांसद बने हैं. मगर, उनकी जीत का अंतर कम हो गया है.

सन 2019 में जहां राजकुमार चाहर ने कांग्रेस प्रत्याशी सिनेस्टार राज बब्बर को 4.95 लाख वोटों से हराया था. मगर, इस बार राजकुमार को टक्कर कांग्रेस प्रत्याशी राजनाथ सिंह सिकरवार ने दी. उनकी जीत का अंतर भी 42 हजार वोट का रहा है.

क्योंकि, राजकुमार चाहर को लेकर भाजपा में भी बगावत हो गई थी. जनता ने भी उन पर क्षेत्र में नहीं आने का आरोप लगाया था. इसीलिए तो राजकुमार चाहर के लिए वोट मांगने को सीएम योगी ने तीन जनसभाएं की. राजनाथ सिंह ने भी जनसभा की. पीएम मोदी ने भी अपील की थी.

आगरा के दूसरी बार सांसद बने प्रो. एसपी सिंह बघेल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि मेरी प्राथमिकता में इस बार आगरा में यमुना बैराज, सिविल एन्क्लेव और इंटरनेशनल स्टेडियम हैं. सपा और कांग्रेस गठबंधन से दोनों लड़कों की जोड़ी ने जिस तरह से अफवाह का माहौल बनाया था.

संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने की बातें मंच से फैलाई थीं. इसी अफवाह के माहौल में बसपा के समर्थक भ्रमित हो गए. बसपा के समर्थक डायवर्ट हो गए. जिससे सपा और कांग्रेस गठबंधन की सीटें प्रदेश में आई हैं. इसी वजह से बसपा को प्रदेश में शून्य मिला.

भाजपा ने 2019 में आगरा के सांसद रामशंकर कठेरिया को इटावा भेजा और आगरा से प्रो. एसपी सिंह बघेल को चुनाव मैदान में उतारा था. भाजपा के प्रत्याशी प्रो. एसपी सिंह बघेल ने सपा-बसपा गठबंधन के बसपा उम्मीदवार मनोज कुमार सोनी को 211546 वोटों से हराया था. इस बार प्रो. एसपी सिंह बघेल की जीत का अंतर बढ़ा है.

बता दें कि, प्रदेश में जातीय समीकरण साधने के लिए आगरा सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल और फतेहपुर सीकरी सांसद किसान नेता राजकुमार चाहर को मोदी 3.0 में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. क्योंकि, प्रो. एसपी सिंह बघेल जहां अपने काम और स्वच्छ छवि के लिए जाने जाते हैं. उनकी केंद्रीय संगठन में भी पैंठ हैं. जबकि, राजकुमार चाहर पार्टी में जाट नेता के रूप में बड़ा नाम हैं. भाजपा के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी राजकुमार चाहर रहे हैं.

फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर और आगरा सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल को पार्टी संगठन ने दिल्ली बुला लिया है. दोनों सांसद दूसरी बार चुने गए हैं. जो एनडीए के सांसदों की दिल्ली में बैठक आज दोनों सांसद भाग लेंगे. इसके बाद ही नए मंत्रिमंडल की रूपरेखा तैयार होगी. जिसको लेकर दोनों ही सांसद अपनी भूमिका के बारे में तैयारी में जुटे हुए हैं.

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