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बालोद में फर्जी एनओसी के सहारे बना उसना राइस मिल, विधायक संगीता सिन्हा ने सदन में उठाया मामला

Usna Rice Mill संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा ने उसना राइस मिल का मुद्दा विधानसभा में उठाया.संगीता सिन्हा ने आरोप लगाए कि नियमों को ताक पर रखकर राइस मिल की एनओसी दी गई. MLA Sangeeta Sinha

Usna Rice Mill
बालोद में फर्जी एनओसी के सहारे बना उसना राइस मिल
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 21, 2024, 5:37 PM IST

फर्जी एनओसी के सहारे बना उसना राइस मिल

बालोद : गुरुर ब्लॉक के पलारी गांव में फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र के जरिए राइस बिल बनाने का मामला सामने आया है. जिसमें आरआई और पटवारी पर गलत तरीके से एनओसी देने का आरोप है. इस मामले को स्थानीय विधायक संगीता सिन्हा ने विधानसभा में उठाया.विधायक संगीता सिन्हा ने इस मामले में ध्यानाकर्षण लाया है.

उसना राइस मिल का उठा मुद्दा : विधायक संगीता सिन्हा के मुताबिक बताया उसना राइस मिल बसाहट से महज 19 मीटर दूर है.राइस मिल से स्कूल की दूरी भी 100 मीटर से कम है. जब प्रस्तावित जगह पर राइस मिल बनाने का प्रस्ताव आया तो ग्रामीणों ने इसका विरोध किया था. लेकिन इस मामले में जिसके नाम पर रजिस्ट्री नहीं है उसे फर्जी ढंग से एनओसी दे दिया गया. वहीं जिस खसरा नंबर 181/5 में राइस मिल बना है, उसका एनओसी नहीं दिया गया.बल्कि दूसरे खसरा नंबर का एनओसी दिया गया.साथ ही साथ जिस तारीख को एनओसी मिली,उस दिन रजिस्ट्री ही नहीं हुई.


फर्जी एनओसी के जरिए बना उसना राइस मिल : विधायक संगीता सिन्हा ने इस मामले में उद्योग मंत्री को जानकारी दी. विधायक के मुताबिक राइस मिल बनाने के लिए नियमों को ताक में रखा गया. पटवारी और राजस्व निरीक्षक ने फर्जी प्रतिवेदन दिए.इसके बाद पंचायत के नाम से भी फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया. इस मामले में राजस्व निरीक्षक के ऊपर कार्रवाई की मांग भी की गई है. किसी भी अधिकारी ने अपना काम नहीं किया.

''ग्रामीणों ने उसना राइस मिल के दुष्प्रभाव और प्रदूषण को लेकर प्रदर्शन भी किया था. कलेक्टर और एसडीएम को शिकायत की गई है. पूरे मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है.''- संगीता सिन्हा, कांग्रेस विधायक

किस तरह से हुआ फर्जीवाड़ा ? : गांव में किस तरह से गलत तरीके से राइस मिल के लिए एनओसी दी गई,इस बात का भी जिक्र विधायक ने किया.संगीता सिन्हा ने बताया कि संजारी बालोद विधानसभा का सबसे बड़ा गांव पलारी है. एनओसी में बताया गया कि राइस मिल से बसाहट 900 मीटर दूर है.जबकि असलियत में राइस मिल बसाहट से 19 मीटर दूरी पर बना. एनओसी में सड़क से दूरी डेढ़ किलोमीटर बताई गई.लेकिन ये दूरी 50 मीटर है. जब ग्रामीणों ने पूरे मामले का विरोध किया तो गांव के पंच और सरपंच गांव छोड़कर छुट्टियां मनाने चले गए.

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फर्जी एनओसी के सहारे बना उसना राइस मिल

बालोद : गुरुर ब्लॉक के पलारी गांव में फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र के जरिए राइस बिल बनाने का मामला सामने आया है. जिसमें आरआई और पटवारी पर गलत तरीके से एनओसी देने का आरोप है. इस मामले को स्थानीय विधायक संगीता सिन्हा ने विधानसभा में उठाया.विधायक संगीता सिन्हा ने इस मामले में ध्यानाकर्षण लाया है.

उसना राइस मिल का उठा मुद्दा : विधायक संगीता सिन्हा के मुताबिक बताया उसना राइस मिल बसाहट से महज 19 मीटर दूर है.राइस मिल से स्कूल की दूरी भी 100 मीटर से कम है. जब प्रस्तावित जगह पर राइस मिल बनाने का प्रस्ताव आया तो ग्रामीणों ने इसका विरोध किया था. लेकिन इस मामले में जिसके नाम पर रजिस्ट्री नहीं है उसे फर्जी ढंग से एनओसी दे दिया गया. वहीं जिस खसरा नंबर 181/5 में राइस मिल बना है, उसका एनओसी नहीं दिया गया.बल्कि दूसरे खसरा नंबर का एनओसी दिया गया.साथ ही साथ जिस तारीख को एनओसी मिली,उस दिन रजिस्ट्री ही नहीं हुई.


फर्जी एनओसी के जरिए बना उसना राइस मिल : विधायक संगीता सिन्हा ने इस मामले में उद्योग मंत्री को जानकारी दी. विधायक के मुताबिक राइस मिल बनाने के लिए नियमों को ताक में रखा गया. पटवारी और राजस्व निरीक्षक ने फर्जी प्रतिवेदन दिए.इसके बाद पंचायत के नाम से भी फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया. इस मामले में राजस्व निरीक्षक के ऊपर कार्रवाई की मांग भी की गई है. किसी भी अधिकारी ने अपना काम नहीं किया.

''ग्रामीणों ने उसना राइस मिल के दुष्प्रभाव और प्रदूषण को लेकर प्रदर्शन भी किया था. कलेक्टर और एसडीएम को शिकायत की गई है. पूरे मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है.''- संगीता सिन्हा, कांग्रेस विधायक

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