भिवानी: हरियाणा में शुक्रवार को 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं हुई. 12वीं कक्षा की उर्दू का पेपर लीक होने के चलते हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने नूंह जिला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय टपकान का पेपर रद्द कर दिया. बोर्ड चेयरमैन डॉक्टर वीपी यादव ने बताया कि इस संबंद्ध में पेपर लीक करने वाले छात्र, उसके रिश्तेदार, सेंटर सुपरवाइजर, सुप्रीटेंडेंट और ऑब्जर्वर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी है.
नूंह में उर्दू का पेपर लीक: बोर्ड चेयरमैन डॉक्टर वीपी यादव ने बताया कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने नकल पर अंकुश लगाने के लिए अल्फा न्यूमैरिकल कोड तकनीक का इस्तेमाल किया है. जब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से उर्दू का पेपर मिला, तो उस पेपर पर दर्ज अल्फा न्यूमेरिक कोड सी-2, 01839 देखकर उन्हें तुरंत पता चल गया कि ये किस सेंटर से लीक हुआ है.
अल्फा न्यूमेरिक कोड चला पता: अल्फा न्यूमेरिक कोड से पता चला कि नूंह जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय टपकान के बी-2 परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दे रहे छात्र का है. इस पर कार्रवाई करते हुए उन्होंने तुरंत उस छात्र को धर दबोचा तथा उसके खिलाप एफआईआर दर्ज करवा दी. इसके बाद इस पूरे परीक्षा केंद्र के 12वीं कक्षा का उर्दू का पेपर रद्द कर दिया गया है. इस पेपर के लिए अगली तारीख का ऐलान जल्द होगा.
बोर्ड ने रद्द किया पेपर: बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि छात्र का रिश्तेदार उसके पेपर का फोटो खींचकर बाहर चला गया था. जिसके बाद उसने पेपर लीक कर दिया. परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी लगे हुए थे. उसकी वीडियो भी खंगाली जा रही है कि आखिर पुलिस तैनात होते हुए भी परीक्षा केंद्र का रिश्तेदार परीक्षा में प्रवेश करके, प्रश्र पत्र की फोटो खींचकर बाहर कैसे ले गया. वहीं जिन भी अधिकारियों की ड्यूटी लगी हुई थी. उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करवाई गई है.
बोर्ड चेयरमैन ने बोर्ड की परीक्षा दे रहे बच्चों व अभिभावकों से अपील की है कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में प्रश्र पत्र को लीक करना एक अपराधिक घटना है. ऐसे में कोई भी परीक्षार्थी किसी भी बाहरी व्यक्ति को अपने प्रश्र पत्र की फोटो ना खींचने दें, क्योंकि प्रत्येक छात्र का अलग अल्फा न्यूमेरिक कोड है. तथा पकड़े जाने पर उस छात्र पर एफआईआर दर्ज होना निश्चित है.
क्या है अल्फा न्यूमेरिक कोड? ये एक तरह का यूनिक कोड होता है जो प्रश्न पत्र पर कई जगह अंकित होता है. जब भी कोई पेपर को लीक करता है, तो इस कोड के जरिए ये आसानी से पता लगाया जा सकता है कि किसी परीक्षा सेंटर से और किस विद्यार्थी ने पेपर लीक किया है. इसकी तकनीक के जरिए आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की गई है.
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