भरतपुर: प्रदेश की भजनलाल सरकार अब राजस्थान पुलिस की कार्रवाई, एफआईआर और अनुसंधान में इस्तेमाल किए जाने वाले उर्दू, फारसी व अरबी शब्दों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की तैयारी में है. इस संबंध में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने डीजीपी को पत्र लिखकर इस्तेमाल होने वाले उर्दू, अरबी व फारसी के शब्दों के संबंध में रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने बताया कि युवा पुलिसकर्मी और अधिकारियों को उर्दू, अरबी के शब्दों का ज्ञान कम है. इसलिए इनके स्थान पर हिंदी के शब्दों का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
जिले के बयाना क्षेत्र के नया गांव कला में एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि उर्दू, फारसी और अरबी के शब्द मुगलकाल से प्रचलित हैं. उस समय आम बोलचाल में भी इन भाषाओं के शब्दों का इस्तेमाल होता था. आजाद भारत में समय-समय पर शिक्षा नीति में बदलाव के चलते अब तृतीय भाषा के रूप में संस्कृत को पढ़ाया जाता है. वर्तमान में हिंदी भाषा का अधिक प्रचलन है. ऐसे में पुलिस में भर्ती होने वाले युवा कर्मचारी और अधिकारियों को उर्दू, अरबी और फारसी भाषा के शब्दों का ज्ञान नहीं होता है. जिसकी वजह से परेशानी होती है.
मंत्री जवाहर सिंह ने कहा कि इस संबंध में कई अधिकारियों से चर्चा हुई. उन्होंने स्वीकार किया कि बदलाव होना चाहिए. मैंने इस संबंध संज्ञान लेकर डीजीपी को पत्र लिखा है. इसकी कार्ययोजना मांगी गई है. इसे लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से चर्चा करूंगा. पुलिस कार्रवाई, पत्रावली आदि में शुद्ध हिंदी का इस्तेमाल लागू करने का प्रयास करेंगे. मंत्री जवाहर सिंह ने कहा कि प्रदेश में 7 जगह उपचुनाव हैं. सरकार प्रदेश को विकास की दृष्टि से नंबर वन बनाने, सुदृढ़ कानून व्यवस्था बनाने और अपराध मुक्त करने को लेकर काम कर रही है. निश्चित ही उपचुनावों में भाजपा की जीत होगी.