लखनऊ : देश में सभी शैक्षिणिक बोर्ड ने 12वीं का परिणाम जारी कर दिया है. परिणाम आने के बाद सभी विद्यार्थी अब अपने भविष्य में क्या करना है, उसकी ओर कदम बढ़ा चुके हैं. ऐसे में हजारों छात्र ऐसे हैं जो देश के सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा सिविल सेवा की तैयारी करना चाहते हैं. इसके लिए वह ग्रेजुएशन में किन विषयों का चयन करें जिससे उनकी तैयारी सिविल सेवा के लिए पुख्ता हो सके, इसको लेकर कई तरह की भ्रांतियां और भ्रम का सामना करते हैं. ऐसे में छात्रों के लिए ग्रेजुएशन करने के लिए कौन से विषय उपयुक्त होंगे और उन्हें शुरू से क्या तैयारी करनी चाहिए? इस पर विशेषज्ञ प्रोफेसर पवन कुमार मिश्र ने ईटीवी भारत से जानकारी साझा की.
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और सिविल सेवा परीक्षा के विशेषज्ञ प्रोफेसर पवन कुमार मिश्र ने बताया कि आमतौर पर सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं होती है. ऐसे में जो छात्र ग्रेजुएशन से ही इसकी तैयारी करना चाह रहे हैं वह पहले इसके सिलेबस और एग्जाम पैटर्न को समझें. उन्होंने बताया कि अगर कोई छात्र 12वीं में पीसीएस लिया था, तो वह ग्रेजुएशन में भी बीएससी करता है. उसे एक टफ कंपटीशन के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए.
उन्होंने कहा कि उसे इस बात का ध्यान रखना होगा कि जब वह सिविल सेवा की परीक्षा देगा, तो आईआईटी और देश के टॉप इंजीनियरिंग संस्थानों के बच्चे भी वहां पर होंगे. ऐसे में उनकी पढ़ाई का जो स्तर होगा वह साधारण ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों की तुलना में बेहतर होगा. क्योंकि साइंस स्ट्रीम की पढ़ाई के जो साधन आईआईटीएस व बड़े इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के पास होते हैं वह साधारण यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेज के छात्रों के पास उपलब्ध नहीं होते हैं. उन्होंने बताया कि साइंस बैकग्राउंड के बच्चों को जनरल स्टडीज की तैयारी करने में काफी आसानी होती है और नए एग्जाम पैटर्न में जनरल स्टडीज के सवाल करीब हजार नंबर के होते हैं. नए एग्जाम पैटर्न में जीएस में इकोनॉमिक्स, पॉलिटिकल साइंस और सोशियोलॉजी महत्वपूर्ण है.
प्रोफेसर पवन कुमार मिश्र ने बताया कि सिविल सेवा परीक्षा का जो नया सिलेबस आया है. उसके तहत 500 नंबर सब्जेक्ट्स के हैं. इसके अलावा हजार नंबर जनरल स्टडीज के होते हैं. जनरल स्टडीज में ज्यादातर सवाल सोशियोलॉजी, पॉलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स, हिस्ट्री, जियोग्राफी और आर्ट्स विषय से जुड़े होते हैं. वहीं, इनमें से 25% सवाल साइंस बैकग्राउंड के भी होते हैं. ऐसे में जो बच्चे सिविल सेवा परीक्षा को अपना अध्याय मान कर चल रहे हैं. उन्हें ग्रेजुएशन में आठ विषयों का चयन करना एक बेहतर और समझदारी वाला विकल्प हो सकता है. उन्हें न केवल अपने विषयों पर कमान होगी, बल्कि जनरल स्टडीज के हजार नंबर को भी क्रैक करने में मदद मिलेगी.
ग्रेजुएशन के दौरान ही न्यूज पेपर, मैगजीन पढ़ने की आदत जरूर डालें : प्रोफेसर पवन कुमार मिश्र ने बताया कि आज के समय में हर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग को जरूरी बताया गया है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. सिविल सेवा की परीक्षा देने का सपना देख रहे छात्रों को ग्रेजुएशन के 3 सालों में कुछ बुनियादी चीजों पर ध्यान देने की सख्त जरूरत है. अगर वह इन चीजों पर इन तीन वर्षों में बेहतर फोकस करेंगे तो उन्हें कोचिंग से सिर्फ गाइडेंस की जरूरत पड़ेगी. उसकी निर्भरता उन्हें नहीं होगी.
प्रोफेसर पवन कुमार मिश्र ने बताया कि सिविल सेवा की तैयारी करने के लिए छात्रों को एक समाचार पत्र हिंदी या इंग्लिश अपने रुचि के अनुसार पढ़ने की आदत डालनी होगी. इसके अलावा एक बेहतरीन मैगजीन जिसमें समसामायिक विषयों के साथ अंतरराष्ट्रीय विषयों को लिखा जाता हो उसे पढ़ने होगा. साथ ही सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी को लेकर मार्केट में आ रहे कॉम्पिटेटिव मैगजींस में से किसी एक का चयन कर उसे देखना होगा. उन्होंने बताया कि जो भी विद्यार्थी इन तीन चीजों को अपनी आदत में शुमार कर लेगा वह सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपनी आधी तैयारी ग्रेजुएशन के दौरान ही पूरी कर लेगा. इसके बाद वह कोचिंग का सहारा लेकर एग्जाम सीरीज और इंटरव्यूज में कैसे शामिल हो आदि की प्रैक्टिस कर सकता है.