कोरबा: कोरबा के न्यू कोरबा हॉस्पिटल में इलाज के बिल को लेकर मंगलवार देर रात को भारी हंगामा हुआ. यहां मरीज के परिजन और अस्पताल प्रबंधन के लोग आपस में भिड़ गए. उसके बाद हॉस्पिटल में जमकर बवाल और तोड़फोड़ हुआ. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार मरीज के इलाज का लगभग ढाई लाख रुपये का बिल बकाया था. इस बिल को चुकाने से मरीज के परिजन बचना चाह रहे थे. अस्पताल प्रबंधन का आरोप है कि इसी मुद्दे को लेकर हंगामा बढ़ा और इस दौरान मरीज के परिजनों ने अस्पताल में तोडफ़ोड़ की.
हॉस्पिटल में मचा भारी बवाल और हंगामा: इलाज के बिल को लेकर बवाल इतना बढ़ा की नौबत तोड़फोड़ की आग गई. जबकि परिजनों का आरोप है कि मरीज की हालत कैसी है, इसे लेकर परिजनों को अंधेरे में रखा गया. लंबा चौड़ा बिल थमा दिया गया, लेकिन मरीज का ठीक तरह से इलाज नहीं किया गया. इस मामले की दोनों ही पक्षों ने सिविल लाइन थाने में शिकायत की है. जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
अस्पताल प्रबंधन का क्या है आरोप ?: अस्पताल प्रबंधन की ओर से एनकेएच के डायरेक्टर डॉ एस चंदानी ने बताया कि मरीज को 21 अक्टूबर को कटघोरा में एक सडक़ हादसे के बाद गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दुर्घटना के बाद से ही मरीज की हालत नाजुक थी, उसे बार-बार उल्टियां हो रही थीं, जिसके कारण फेफड़ों में पानी (एस्पिरेशन) चला गया था.
डॉ एस चंदानी ने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में यदि उसे तुरंत इलाज न मिलता, तो जान जाने का खतरा था. एनकेएच में भर्ती होने के बाद मरीज की स्थिति में काफी सुधार हुआ था और उसका स्वास्थ्य पहले से बेहतर हो चुका था. मरीज के परिजन अब उसे दूसरे अस्पताल में रेफर करने की मांग कर रहे थे. अस्पताल प्रबंधन उनकी इस मांग को मानने के लिए तैयार था, लेकिन जब उन्हें बताया गया कि रेफर करने की प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा और पहले बकाया राशि का भुगतान करना जरूरी है, तो वे उग्र हो गए. उसके बाद उन्होंने तोड़ फोड़ की.
मरीज के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और आवश्यक कागजी कार्रवाई के दौरान तोडफ़ोड़ की. इसके बाद वे मरीज और उसकी इलाज संबंधी फाइलें लेकर चले गए. इस प्रकार की घटनाएं हमारे काम में बाधा डालती हैं और हमारे कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करती हैं: डॉ एस चंदानी, एनकेएच के डायरेक्टर
परिजनों का क्या है आरोप ?: परिजनों का आरोप है कि बिना इलाज के उन्हें लंबा चौड़ा बिल थमाया गया है. मरीज के भाई त्रिवेंद्र सिंह ने बताया कि मरीज के इलाज के संबंध में हमें कभी भी ठीक तरह से जानकारी नहीं दी गई. पहले बताया गया की हालत गंभीर है. फिर कहां गया की हालत में सुधार हो रहा है. इसके बाद एकाएक कह दिया गया कि आप देख लीजिए जहां ले जाना चाहते हैं, ले जाइए.
हमें गुमराह किया गया. 5 लाख का बिल थमा दिया गया, लेकिन इलाज के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया. मरीज की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है, जिसे लेकर हम अब रायपुर जा रहे हैं: त्रिवेंद्र सिंह, मरीज का भाई
पुलिस थाने में पहुंचा केस, जांच शुरू: इस मामले में अस्पताल प्रबंधन और मरीज के परिजनों ने पुलिस थाने का रुख कर लिया. दोनों पक्षों ने पुलिस में शिकायत की है. इनकी शिकायत पर सिविल लाइन थाना प्रभारी टीआई प्रमोद डनसेना ने कहा कि बीती रात एनकेएच अस्पताल में तोड़फोड़ और विवाद की सूचना मिली थी.बिल भुगतान को लेकर परिजन और अस्पताल प्रबंधन के बीच विवाद हुआ है. दोनों पक्षों से शिकायत प्राप्त हुई है. जिसके आधार पर हमने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.