कोटा : 20 महीने बाद शुक्रवार को नगर निगम कोटा दक्षिण की बैठक बुलाई गई, लेकिन बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई. कांग्रेसी पार्षद काले कपड़े पहन कर पहुंचे. उन्होंने महापौर राजीव अग्रवाल भारती सहित बीजेपी के पार्षदों का विरोध किया. राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के साथ ही महापौर ने भी पाला बदल लिया था और वो कांग्रेस पार्षदों के दम पर महापौर बने थे, लेकिन भाजपा में चले गए हैं.
इस बात से सभी कांग्रेसी पार्षद नाराज हैं और इसका विरोध भी बोर्ड बैठक में उन्होंने जताया. इसके साथ ही काम नहीं होने से भी ये लोग नाराज थे. यहां तक कि कांग्रेस की महिला पार्षदों ने महापौर राजीव अग्रवाल को चूड़ियां तक भेंट कर दी और जमकर हंगामा किया.
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बोर्ड की बैठक शुरू होते ही हंगामा के भेंट चढ़ गई. इसमें जैसे ही महापौर ने कार्रवाई शुरू की. कांग्रेस की पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान भाजपा पार्षद मेयर के पक्ष में हूटिंग करते नजर आए तो जिनके दम पर राजीव अग्रवाल मेयर बने थे. वो विरोध कर रहे थे. यहां तक की सभी कांग्रेसी पार्षद तख्तियां लेकर पहुंचे थे. इस दौरान कांग्रेस पार्षदों ने पूछा कि महापौर राजीव अग्रवाल यह बताएं कि नगर निगम कोटा दक्षिण में कांग्रेस का बोर्ड है या फिर भाजपा का.
महापौर से मांगा इस्तीफा : राजस्थानी कवि सम्मेलन, रामलीला, रामकथा व कव्वाली करवाने की मांग इन्होंने की है. इन सब के लिए बजट जारी करने के साथ-साथ वार्डों में विकास कार्य करवाने की मांग की. साथ ही दशहरे मेले को लेकर भी कई मुद्दों पर कांग्रेसी पार्षदों ने विरोध जताया है. साथ ही मेले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए महापौर से इस्तीफे की मांग की.
पार्षद ने महापौर व नेता प्रतिपक्ष पर फाड़ फेंकी पालना रिपोर्ट: निर्दलीय पार्षद ओम गुंजल ने पालना रिपोर्ट पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि बिना साइन किए हुए पालना रिपोर्ट पार्षदों को दी गई है, ऐसे में यह पूरी तरह से फर्जी है. इस बात से आक्रोशित होकर ओम गुंजन ने पालना रिपोर्ट फाड़ डाली. साथ ही महापौर राजीव अग्रवाल भारती और नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी पर फेंक दी. इस विरोध में उपमहापौर पवन मीणा, देवेश तिवारी, सलीना शेरी सहित कई पार्षद मौजूद रहे.