uppcl news: लखनऊः मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के उपखंड कार्यालयों में तैनात इंजीनियर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक तरफ जहां योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति लागू किए हैं वहीं दूसरी तरफ यह इंजीनियर सुधर नहीं रहे. ऐसे ही चार इंजीनियरों की शिकायत मिलने के बाद एमडी ने गुप्त तरीके से जांच कराई और एक गंभीर मामले में यह इंजीनियर दोषी पाए गए. इसके बाद मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने दो अभियंताओं को सस्पेंड कर दिया जबकि दो पर अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने के निर्देश जारी किए. इन अधिकारियों पर भी कार्रवाई तय है.
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के चतुर्थ मंडल के विद्युत वितरण खंड सेस द्वितीय में जालसाजों ने गलत ढंग से बिजली के मीटर लगाकर कनेक्शन दे दिए थे. इनमें अभियंताओं की मिलीभगत की शिकायत मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को मिली थी. उन्होंने इस पूरे मामले की जांच अपने स्तर से कराई और जांच रिपोर्ट में बिजली विभाग के चार अभियंताओं को जिम्मेदार पाया गया. इनमें दो महिला अभियंता भी शामिल हैं. विद्युत नगरीय निर्माण खंड द्वितीय में तैनात अवर अभियंता मानसी और विद्युत वितरण खंड प्रथम गोंडा में वर्तमान में तैनात अवर अभियंता शिव प्रसाद मिश्र को इस प्रकरण में दोषी पाया गया. मध्यांचल के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारोत ने दोनों अफसरों को निलंबित कर दिया. अवर अभियंता मानसी को अधीक्षण अभियंता कार्यालय पंचम मंडल से संबद्ध कर दिया गया वहीं, अवर अभियंता शिव प्रसाद मिश्र को निलंबित करने के बाद अधीक्षण अभियंता गोंडा कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया. तत्कालीन उपखंड अधिकारी गुलरेज अली और सहायक अभियंता मीटर अंशिका यादव को भी इस प्रकरण में दोषी मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति की गई है.
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारोत ने बताया कि किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जो भी अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने उपभोक्ताओं से भी अनुरोध किया है कि किसी भी तरह की भ्रष्टाचार की शिकायत सीधे कार्यालय में करें. उसके बाद जांच कराकर दोषी पाए जाने वाले अफसर पर कार्रवाई जरूर की जाएगी.
बिजली विभाग के चार इंजीनियरों पर इस मामले में गिरी गाज, दो सस्पेंड; दो पर एक्शन की तैयारी - uppcl news - UPPCL NEWS
uppcl news: बिजली विभाग के चार इंजीनियरों पर गाज गिरी है. एमडी ने इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Apr 7, 2024, 8:02 AM IST
uppcl news: लखनऊः मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के उपखंड कार्यालयों में तैनात इंजीनियर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक तरफ जहां योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति लागू किए हैं वहीं दूसरी तरफ यह इंजीनियर सुधर नहीं रहे. ऐसे ही चार इंजीनियरों की शिकायत मिलने के बाद एमडी ने गुप्त तरीके से जांच कराई और एक गंभीर मामले में यह इंजीनियर दोषी पाए गए. इसके बाद मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने दो अभियंताओं को सस्पेंड कर दिया जबकि दो पर अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने के निर्देश जारी किए. इन अधिकारियों पर भी कार्रवाई तय है.
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के चतुर्थ मंडल के विद्युत वितरण खंड सेस द्वितीय में जालसाजों ने गलत ढंग से बिजली के मीटर लगाकर कनेक्शन दे दिए थे. इनमें अभियंताओं की मिलीभगत की शिकायत मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को मिली थी. उन्होंने इस पूरे मामले की जांच अपने स्तर से कराई और जांच रिपोर्ट में बिजली विभाग के चार अभियंताओं को जिम्मेदार पाया गया. इनमें दो महिला अभियंता भी शामिल हैं. विद्युत नगरीय निर्माण खंड द्वितीय में तैनात अवर अभियंता मानसी और विद्युत वितरण खंड प्रथम गोंडा में वर्तमान में तैनात अवर अभियंता शिव प्रसाद मिश्र को इस प्रकरण में दोषी पाया गया. मध्यांचल के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारोत ने दोनों अफसरों को निलंबित कर दिया. अवर अभियंता मानसी को अधीक्षण अभियंता कार्यालय पंचम मंडल से संबद्ध कर दिया गया वहीं, अवर अभियंता शिव प्रसाद मिश्र को निलंबित करने के बाद अधीक्षण अभियंता गोंडा कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया. तत्कालीन उपखंड अधिकारी गुलरेज अली और सहायक अभियंता मीटर अंशिका यादव को भी इस प्रकरण में दोषी मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति की गई है.
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारोत ने बताया कि किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जो भी अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने उपभोक्ताओं से भी अनुरोध किया है कि किसी भी तरह की भ्रष्टाचार की शिकायत सीधे कार्यालय में करें. उसके बाद जांच कराकर दोषी पाए जाने वाले अफसर पर कार्रवाई जरूर की जाएगी.