लखनऊः उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ रही है. ज्यादातर इलाकों में अधिकतम व न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक चल रहे हैं. वहीं बीच-बीच में बादलों की आवाजाही व हल्की बारिश से उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही है. इस बार मौसम विभाग ने बीते साल की तुलना में ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई है. बता दें कि पिछले साल छह फीसदी बारिश कम हुई थी. इससे किसानों को काफी परेशानी हुई थी.
उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान राज्य है. ऐसे में अच्छी बारिश किसानो के लिए वरदान साबित हो सकती है. वर्ष 2023 में मानसूनी सीजन में औसत से 6% कम बारिश रिकार्ड की गई थी. वहीं इस बार 6% अधिक बारिश होने की संभावना है. पिछले वर्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अनुमान से अधिक तथा पूर्व उत्तर प्रदेश में अनुमान से कम बारिश रिकार्ड की गई थी. इस बार पूर्वी उत्तर प्रदेश में ज्यादा बारिश होने का पूर्वानुमान मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी किया गया है.
आने वाले दो दिन में बढ़ेगा तापमान
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आने वाले दो से तीन दिनों में अधिकतम तापमान में 2 से लेकर 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की जाएगी. वहीं, न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगा.
18 अप्रैल से फिर बारिश की संभावना
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आज उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा 25 से लेकर 35 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है. 18 अप्रैल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थान पर बारिश गरज-चमक के साथ बौछार पड़ने की संभावना है. पूर्वी यूपी में मौसम शुष्क रहेगा तथा कई स्थानों पर तेज सतही हवाएं चल सकती हैं. यह सिलसिला 21 अप्रैल तक जारी रहेगा. 20 व 21 अप्रैल को पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थान पर गरज चमक के साथ हल्की बौछार के साथ बारिश होगी तथा तेज रफ्तार हवाये भी चलेंगी.
बता दें कि पिछले 24 घंटे में उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जिला सबसे अधिक गर्म रहा, जहां पर अधिकतम तापमान 41.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान बुलंदशहर में 19 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया.
प्रमुख शहरों के तापमान
लखनऊः राजधानी लखनऊ में सोमवार को सुबह से ही आसमान साफ रहा. अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो की सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक है. वहीं, न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो की सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस अधिक है. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मंगलवार को राजधानी लखनऊ में मुख्यतः आसमान साफ रहेगा. 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से हवा चल सकती है. अधिकतम तापमान 38 में न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
कानपुर नगरः कानपुर नगर में न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो की सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक है वही अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो की सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है.
गोरखपुरः गोरखपुर में न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो की समान्य से 1 डिग्री सेल्सियस अधिक है वही अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो की सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है.
वाराणसीः वाराणसी में न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो की सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है वही अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो की सामान्य सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है.
प्रयागराजः प्रयागराज में न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो की सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है वहीं अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया.
मेरठः मेरठ में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो की सामान्य से 1 डिग्री सेल्सियस कम है वहीं अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो की सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस कम है.
आगराः आगरा में न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो की सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक है अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो की समान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक है.
मौसम वैज्ञानिक अतुल सिंह ने बताया कि 2003 से भारत मौसम विज्ञान विभाग पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून ऋतु (जून से सितंबर) की औसत वर्षा के लिए दो चरणों में परिचालन दीर्घावधि पूर्वानुमान जारी कर रहा है. पहले चरण का पूर्वानुमान अप्रैल में जारी किया जाता है और दूसरे चरण का अद्यतन पूर्वानुमान मई के अंत तक जारी किया जाता है.
मौसम विभाग का पूर्वानुमान और अच्छी बारिश की वजह
- पूरे देश में 2024 दक्षिण-पश्चिम मानसून ऋतुनिष्ठ (जून से सितंबर) वर्षा सामान्य से अधिक होने की संभावना है.
- अल नीनो दीर्घकालिक औसत से अधिक वर्षा के लिए अनुकूल साबित होगा.
- पिछले तीन महीनों (जनवरी से मार्च 2024) के दौरान उत्तरी गोलार्ध में बर्फ की आवरण सीमा सामान्य से कम थी. उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और वसंत में बर्फ का आवरण सीमा का भारत की मानसून वर्षा के साथ सामान्यतः विपरीत संबंध है. इस वजह से भी कह सकते हैं कि इस बार अच्छी वर्षा होगी.