कानपुर: यूपी की करोड़ों की आबादी इस समय भीषण गर्मी, लू के थपेड़ों और सूरज की तपिश को सह रही है. हर किसी को अब बस इंतजार है तो मानसून की बारिश का. वैसे हर साल उप्र में मानसून में बारिश औसत ही दर्ज होती है, पर इस साल मानसून को लेकर मौसम वैज्ञानिकों के पास से एक अच्छी खबर आई है.
उप्र में इस साल मानसून में अच्छी बारिश होगी. यानी, गर्मी छूमंतर हो जाएगी और मानसून में बदरा उप्र को जमकर भिगोएंगे. कानपुर शहर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) के मौसम वैज्ञानिक डॉ.एसएन सुनील पांडेय ने इस मामले पर ईटीवी संवाददाता से विस्तार से बात की.
उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में अंडमान निकोबार में बारिश शुरू हो चुकी है. इसके अलावा बंगाल की खाड़ी से हवाएं यूपी की ओर आने लगी हैं. यह दोनों मानसून में जोरदार बारिश के ठोस और प्रभावी संकेत हैं.
केरल में जहां भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक 31 मई से ही मानसून आ जाएगा तो वहीं, यूपी में इस बार 28-29 जून (जो कमोबेश हर साल की स्थिति होती है) के स्थान पर 22 जून तक मानसून आ सकता है.
आंकड़ों में यूपी का मानसून और बारिश
- सूबे में मानसून सीजन के दौरान हर साल औसतन बारिश होती है: 1000 मिमी.
- कानपुर में मानसून सीजन के दौरान हर साल औसतन बारिश होती है: 863 मिमी.
- कानपुर में साल 2023 में मानसून सीजन के दौरान बारिश रिकार्ड की गई: 853 मिमी.
- कानपुर में साल 2023 में जुलाई के दौरान बारिश रिकार्ड की गई: 200 मिमी.
बारिश अच्छी होगी, पर दिक्क भी लाएगी: सीएसए विवि के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ.एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि यूपी में इस साल मानसून के दौरान बारिश अच्छी होगी. पिछले मानसून सीजन से करीब 15-20 फीसदी ज्यादा पानी बरसने के आसार हैं, लेकिन, पॉकेट्स में होने के चलते कुछ दिक्कतें भी हो सकती हैं.
बानगी के तौर पर बताया कि एक दिन में ही 60-70 मिमी. बारिश हुई तो उचित नहीं है. वहीं, अगर लगातार 7 दिन तक 20-20 मिमी. बारिश हो जाती है, तो यह किसानों से लेकर आमजन के लिए मुफीद स्थिति मानी जाती है.
एक जून से 30 सितंबर तक होता है मानसूनी सीजन: मौसम वैज्ञानिक डॉ.एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि यूपी में एक जून से लेकर 30 सितंबर तक जो बारिश होती है, वह मानसूनी सीजन की बारिश मानी जाती है. जबकि एक जून से पहले मई में जो बारिश होती है, उसे प्री-मानसून की बारिश कहा जाता है. इसमें आंधी-तूफान व मेघगर्जना की संभावना सबसे अधिक होती है.
अच्छी बारिश के किसको कितना लाभ: देश में जब मानसून आता है तो सबसे ज्यादा खुशी किसान को होती है. अच्छी बारिश होने पर किसान के साथ आमजन को भी राहत होती है. साथ ही देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ता है. किसानों को अच्छी बारिश से फसल अच्छी होने की उम्मीद होती है. जिससे उनको अच्छे दाम मिलते हैं. फसल अच्छी होने से आमजन को चीजें सस्ती मिलने लगती हैं. क्योंकि, बाजार में सामान की बहुतायत होती है, इससे उसके रेट कम होते हैं. यानी कि आमजन को महंगाई की मार नहीं झेलना पड़ता है.
जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ: समाजशास्त्री और पीपीएन डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ.अनूप सिंह ने बताया कि बारिश अच्छी होगी तो निश्चित तौर पर फसलों की पैदावार अधिक होगी. इससे बाजार खिल उठेंगे. लोगों की क्रय क्षमता बढ़ जाएगी और महंगाई पर लगाम लग सकेगी. बाजार में उत्पाद भी अधिक होंगे. कहीं न कहीं सामाजिक और सांस्कृतिक नजरिए से भी अच्छी बारिश जरूरी भी है. अगर हम आम की गुणवत्ता की बात करें, तो अभी इसकी गुणवत्ता बहुत उम्दा नहीं है. मगर, अच्छी बारिश से आम की फसल की गुणवत्ता भी बेहतर हो जाएगी. हमें अच्छी बारिश के दौरान एक बात का ध्यान रखना है कि अगर हम जल संरक्षण अधिक से अधिक कर लें, तो भविष्य के लिए यह एक सार्थक पहल होगी.
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