लखनऊ: मानसून विदा हो गया लेकिन अभी तक यूपी में ठंड की शुरुआत के संकेत नहीं मिल रहे हैं. इसके उलट उत्तर प्रदेश में गर्मी और उमस के तेवर फिर शुरू हो गए. कई शहरों का तापमान 40 डिग्री के पार तक चला गया है. पिछले सप्ताह शुक्रवार को यानी 11 अक्टूबर को प्रदेश में सबसे ज्यादा तापमान उरई-जालौन जनपद में रिकॉर्ड किया गया जो 40.6 डिग्री सेल्सियस था.
वहीं इस शुक्रवार की बात करें तो आगरा में सबसे ज्यादा था. आगरा में तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके अलावा अन्य शहरों में भी तापमा 35 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रह रहा है. जबकि, बीते सालों में अक्टूबर में गुलाबी ठंड शुरू हो जाया करती थी. लेकिन, इस बार गर्मी का आलम यह है कि गुरुवार 17 अक्टूबर को फिरोजाबाद में कथावाचक प्रदीप मिश्रा के कार्यक्रम में 7 लोग गर्मी-उमस के कारण गश खाकर गिर पड़े थे.
अक्टूबर में इस बार ठंड की शुरुआत ना होने की वजह मौसम विभाम क्लाइमेट चेंज बता रहा है. यही कारण है कि 5-6 साल पहले अक्टूबर में गुलाबी सर्दी पड़ना शुरू हो जाती थी. लेकिन, इस बार मौसम में ज्यादा परिवर्तन नहीं हुआ है. दिन का तापमान सामान्य से अधिक है. तेज धूप खिल रही है जिससे दिन में गर्मी बनी हुई है. रात का तापमान भी सामान्य से अधिक है जिसकी वजह से अभी रात में भी ज्यादातर जिलो में तापमान सामान्य से ऊपर चल रहा है. जिसकी वजह से रात में भी अभी सर्दी का अहसास नहीं हो रहा है.
यूपी में कहां कितनी गर्मी
- लखनऊ-अधिकतम तापमान 35- न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस
- हरदोई- अधिकतम तापमान 35- न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस
- कानपुर देहात- अधिकतम 36- न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस
- कानपुर नगर- अधिकतम 35- न्यूनतम 19 डिग्री सेल्सियस
- वाराणसी- अधिकतम 35- न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस
- प्रयागराज- अधिकतम 36- न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस
- आगरा- अधिकतम 36.6- न्यूनतम 21 डिग्री सेल्सियस
- अलीगढ़- अधिकतम 36- न्यूनतम 22 डिग्री सेल्सियस
- मेरठ- अधिकतम 34.4- न्यूनतम 18.4 डिग्री सेल्सियस
अक्टूबर में किस साल कितना रहा तापमान
- 2023- 36.3 अधिकतम, 16.5 न्यूनतम
- 2022- 34.6 अधिकतम, 16.4 न्यूनतम
- 2021- 35.6 अधिकतम, 15.7 न्यूनतम
- 2020- 37.5 अधिकतम, 14.6 न्यूनतम
- 2019- 34.4 अधिकतम, 17.3 न्यूनतम
- 2018- 35.7 अधिकतम, 15.4 न्यूनतम
- 2017- 35.6 अधिकतम, 15.5 न्यूनतम
- 2016- 36.1 अधिकतम, 10.3 न्यूनतम
- 2015- 38.7 अधिकतम, 14.2 न्यूनतम
- 2014- 35.0 अधिकतम, 14.6 न्यूनतम
नोट: तापमान डिग्री सेल्सियस में.
मौसम वैज्ञानिक अतुल सिंह ने बताया कि पिछले कई सालों से चला आ रहा क्लाइमेट चेंज के कारण मानसून सामान्य तिथि से आगे पीछे हो रहा है. क्लाइमेट में परिवर्तन का मुख्य कारण बढ़ती हुई जनसंख्या तथा अंधाधुंध पेड़ो का कटान माना जा रहा है. वन क्षेत्रों में कमी आई है. जहां पहले पेड़ हुआ करते थे वहां आज बड़ी-बड़ी बिल्डिंग खड़ी हैं, जिससे लगातार क्लाइमेट चेंज हो रहा है.
इस बार मानसून अपनी तय तिथि से लगभग 15 दिन देरी से विदा हुआ है. जिसके कारण मौसम में आद्रता बरकरार रही और आसमान में बादल छाए रहे जिससे विकिरणीय शीतलन यानी रेडिएटिव कूलिंग (Radiative Cooling) बादलों में फंसकर नीच नहीं आ रही, जिससे अक्टूबर में पिछले सालों की तुलना में तापमान सामान्य से ऊपर चल रहा है. साथ ही क्लाइमेट चेंज की वजह से ज्यादातर ऋतुएं भी अपने तय समय से आगे-पीछे हो रही हैं.
अक्टूबर की गर्मी का फसलों पर क्या पड़ेगा प्रभाव: मौसम वैज्ञानिक अलोक पाण्डेय ने बताया कि अक्टूबर में ज्यादा गर्मी पड़ने की वजह से धान की फसल में हरदिया नामक रोग होने की आशंका है, जिससे धान की बालियों में दाने मर जाते हैं और उनका कलर भी ब्लैक हो जाता है. इसके अलावा तेज धूप होने से फसल अर्ली मैच्योर हो सकती है, जिससे भी धान कमजोर हो जाता है और फसल की उत्पादकता में कमी आती है.
सब्जियों की बात की जाए तो इस समय फूल गोभी और बैगन आदि खेतों में लगे हुए हैं. तापमान सामान्य न होने की वजह से इनमें कीडे़ ज्यादा लग रहे हैं. नमी कम होने के कारण सरसों की फसल की बुआई भी अभी कम हो पा रही है. टेम्परेचर फेवरेबल न होने से उड़द व मूंग की फसलों में कीड़े लगे हुए हैं.
अक्टूबर की गर्मी का आलू की फसल पर क्या पड़ेगा प्रभाव: तेज धूप होने के कारण आलू के किसानों को काफी समस्या हो सकती है. आलू बुआई का समय है लेकिन, खेतों में नमी न होने की वजह से यदि सिंचाई करेंगे तो बुआई लगभग 10 दिन पिछड़ जाएगी.
कैसा रहेगा यूपी का मौसम: मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल सिंह ने बताया कि आने वाले 7 दिन तक उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क बना रहेगा. बारिश की संभावना नहीं है. अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा.
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