लखनऊ/अलीगढ़/वाराणसी : विधानसभा सत्र पहली बार बिना मुख्यमंत्री के संबोधन के ही समाप्त हो गया. महाकुंभ पर चर्चा के दौरान और अनुपूरक बजट शोर शराबे के बीच पास होने पर समाजवादी पार्टी सहित विपक्ष के नेताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी. सदन की कार्रवाई स्थगित होने के बाद उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दया शंकर सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत की.
सवाल: पहली बार ऐसा हुआ कि सदन बिना मुख्यमंत्री के भाषण के ही समाप्त कर दिया गया, इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब: समाजवादी पार्टी के पास कोई मुद्दा नहीं था. उन लोग के पास कोई मुद्दा नहीं था. आज कुंभ पर चर्चा होनी थी. कुंभ देश और दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है. जहां पर 50 करोड़ लोग आने वाले हों, उस पर यह चर्चा से भाग रहे थे. यह नहीं चाहते थे कि देश और दुनिया कुंभ की तैयारियों और विशेषताओं के बारे जाने. इसलिए उन्होंने अवरोध पैदा किया. एक षड्यंत्र रचा और फिर उन्होंने सदन का बहिष्कार किया.
सवाल: डॉ भीमराव आंबेडकर को लेकर इन दिनों खूब राजनीति हो रही है, इस पर आपका क्या कहना है?
जवाब: बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले जो लोग थे, उनकी हत्या करने वाले लोग थे, वहीं आज आंबेडकर जी की फोटो लेकर घूम रहे हैं. लोकतंत्र की हत्या किसने की? 1974 में जब इमरजेंसी आई किसने लगाई? उस समय गर्भवती महिलाओं को जेल में भेज दिया गया. लोगों के नाखून उखाड़ लिए गए. आज वे लोग बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर हाथ में लेकर घूम रहे हैं. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की जब सरकार थी, इसी लखनऊ के हजरतगंज में पुलिस उपाधीक्षक को समाजवादी पार्टी के गुंडे घसीटते थे. जेल से आकर गुंडे डीजीपी से मिलते थे.
सवाल: बसपा प्रमुख मायावती कह रही हैं कि आप अपने भगवान का सम्मान करिए, लेकिन हमारे लिए बाबा साहेब भगवान हैं उनका कोई अपमान मत करिए.
जवाब: भारतीय जनता पार्टी ने डॉ भीमराव आंबेडकर को जो सम्मान दिया, वह किसी ने नहीं दिया. उनको भारत रत्न देने का काम हमारी पार्टी ने किया. जहां पर वह पैदा हुए थे, वहां स्मारक बनाए. मुंबई में उन्होंने पढ़ाई की थी, वहां पर स्मारक बनाया. इंग्लैड में वह जहां पर पढ़े, वहां पर स्मारक बनवाया. दिल्ली के अंदर 500 करोड़ रुपया से स्मारक बनवाया गया. जो सम्मान पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने दिया वह किसी ने नहीं दिया. विपक्षी दल षड्यंत्र रच रहे हैं. यह बाबा साहेब के उपासक नहीं हैं. बाबा साहेब के सपनों का कोई भारत बना रहा है, तो नरेंद्र मोदी और अमित शाह बना रहे हैं.
विधानसभा सत्र के दौरान जमकर सपा का जमकर हंगामा : उत्तर प्रदेश की विधानसभा में राजनीति का एक नया स्वरूप देखने को मिला है. लोकसभा में डॉ. भीमराव आंबेडकर के अपमान का आरोप लगाकर समाजवादी पार्टी और विपक्ष के अन्य नेताओं ने विधानसभा सत्र के दौरान जमकर हंगामा किया. सभी ने अपने हाथ में डॉ भीमराव आंबेडकर की तस्वीर ले रखी थी. नारे लगाए जा रहे थे 'जय भीम जय भीम'. इसके साथ 'बाबा तेरा मिशन अधूरा, अखिलेश यादव करेंगे पूरा' का नारा लगाया गया. हंगामा इतना बढ़ गया कि आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अनुपूरक बजट पर अपना पक्ष भी नहीं दे सके.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सदन में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने इस मुद्दे पर कहा कि जिस तरह से लोकसभा में डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया गया. इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार को माफी मांगनी चाहिए. दूसरी ओर सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना लगातार विपक्ष पर डॉ आंबेडकर के नाम पर दिखावा करने का आरोप लगा रहे थे. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना समाजवादी पार्टी के विधायकों को समझा रहे थे कि वे बाबा साहब की तस्वीर को उल्टा भी हाथ में लिए हुए हैं, जिससे उनका अपमान हो रहा है. यह सारी बात विधायकों ने नहीं मानी और जमकर शोर शराबा करते रहे. आखिरकार अनुपूरक बजट पास होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.
समाजवादी पार्टी के इस बदलते राजनीतिक स्वरूप को लेकर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक उमाशंकर दुबे ने बताया कि निश्चित तौर पर लोकसभा चुनाव में जिस तरह दलितों ने समाजवादी पार्टी को वोट दिया, उनको इससे फायदा मिला है और अब वे इस राजनीति को आगे ले जाना चाहते हैं, ताकि बहुजन समाज पार्टी से छिटका हुआ वोट समाजवादी पार्टी के पाले में चला जाए.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी का इस बारे में कहना है कि यह वही समाजवादी पार्टी है जो डॉ भीमराव आंबेडकर का समय-समय पर अपमान किया करती थी. आजम खान कहा करते थे, बाबा साहब आंबेडकर की मूर्ति लगाकर लोग कब्जा करते थे.
बाबा साहब की गरिमा और अस्तित्व को ठेस पहुंची : मायावती
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि बीजेपी नेता अमित शाह ने संसद में भारतीय संविधान के निर्माता डॉ भीमराव आंबेडकर के बारे में जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, उससे बाबा साहब की गरिमा और अस्तित्व को ठेस पहुंची है. यह उनका अपमान है.
अलीगढ़ में बसपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन : राज्यसभा में मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह के एक बयान के खिलाफ गुरुवार को बसपा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. बसपा कोऑर्डिनेटर सूरज सिंह ने कहा कि बसपा पार्टी के तत्वावधान जनपद अलीगढ़ में जो समस्याएं थीं उसको लेकर ज्ञापन दिया गया है. उन्होंने कहा कि बसपा की मांग है कि गृहमंत्री ने बाबा साहब आंबेडकर अपमान किया है. उनको या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.
वाराणसी में आंबेडकर वाहिनी ने जताया विरोध : जिले में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को बाबा साहब की आरती उतारकर गृहमंत्री के बयान का जमकर विरोध किया. इस दौरान वाराणसी के लंका क्षेत्र में आंबेडकर वाहिनी के द्वारा बाबा साहब की आरती उतारी गई. इस दौरान आंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय महासचिव सत्य प्रकाश सोनकर ने कहा कि, जिस तरीके से गृहमंत्री ने बाबा साहब को लेकर बयान दिया है वह दलित वर्ग का, बाबा साहब का अपमान है. हम उनसे माफी की मांग करते हैं. उनका यह बयान बताता है कि, वह समाज को किस तरीके से देखते हैं. हमारे लिए बाबा साहब भगवान हैं. उन्होंने वह संविधान देश को दिया है, जिससे आज देश में समानता के साथ सभी लोग रह रहे हैं.